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सुकेश की शिकायत पर सत्येंद्र जैन के खिलाफ होगी सीबीआई जांच, पूर्व जेलर बोले- इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ - Cbi inquiry against Satyendar jain

CBI Inquiry Against Satyendar Jain: महाठग सुकेश चंद्रेशेखर की शिकायत पर गृह मंत्रालय ने AAP सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन, तिहाड़ जेल के पूर्व डीजी संदीप गोयल और तत्कालीन जेल अधीक्षक राजकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी है. सुकेश ने आरोप लगाया था कि जेल में सुविधाएं देने के नाम पर उनसे 10 करोड़ रुपये की उगाही की गई

सुकेश चंद्रेशेखर
सुकेश चंद्रेशेखर
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 30, 2024, 2:21 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के एक बड़े नेता की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इस बार मामला सीबीआई जांच का है. तिहाड़ जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने 10 करोड़ रुपए की प्रोटेक्शन मनी मांगने का आरोप लगाया था, और शिकायत दी थी इस शिकायत पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने AAP सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन, तिहाड़ जेल के पूर्व डीजी संदीप गोयल और तत्कालीन जेल अधीक्षक राजकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी है.

इस पूरे मामले में तिहाड़ जेल के पूर्व जेलर, लॉ ऑफिसर और अन्य कई पदों पर रहे सुनील गुप्ता का कहना है कि जेल में प्रोटेक्शन मनी मांगने की शिकायतें तो पहले भी सामने आती रही हैं. जेल के अधिकारियों पर प्रोटेक्शन मनी मांगने के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन, किसी मंत्री पर प्रोटेक्शन मनी मांगने का आरोप पहली बार लगा है.

बता दें कि सुनील गुप्ता ने तिहाड़ जेल में 35 साल तक काम किया है. उन्होंने बताया कि अधिकारी हाई प्रोफाइल कैदियों से प्रोटेक्शन मनी ये कहकर मांगते हैं कि जेल में उन्हें सारी सुविधाएं मिलेंगी. कोई भी कैदी उन्हें परेशान नहीं करेगा. उन्हें ब्लेड नहीं मारेगा और उन्हें किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाएगा. जेल में सुविधा लेने के लिए अक्सर कैदी प्रोटेक्शन मनी देते भी हैं.

उन्होंने ये भी कहा कि 'जिस तरह से जेल में बंद एक कैदी की शिकायत पर केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच की मंजूरी दी है वह उचित नहीं है. क्योंकि एक आदमी जो पहले से जेल में बंद है, उसकी अपनी तो इमेज खराब हो ही चुकी है. लेकिन, उसके आरोप लगाने से दूसरे अधिकारी या मंत्री की इमेज खराब होने में समय नहीं लगता. जरूरी नहीं कि वह कैदी सच बोल रहा हो. हालांकि, अगर वह शिकायत कर रहा है तो उसकी बात की सच्चाई का भी पता किया जाना चाहिए. मुझे लगता है कि शिकायतकर्ता की बातों में आधा सच और आधा झूठ भी हो सकता है. इसको इस नजरिए से देखा जाना चाहिए'.

उन्होंने कहा कि पहले भी जेल में प्रोटेक्शन मनी के आरोपों पर कभी इतनी बड़ी जांच जो सीबीआई के द्वारा नहीं हुई. आरोप लगने पर जेल स्तर पर ही छोटी-मोटी जांच तो होती रही हैं. उन्होंने सुकेश के पत्र लिखने पर कहा कि जेल से कैदी को पत्र लिखने की अनुमति देने का नियम पहले से है. पत्र लिखने के बारे में कैदी को जेलर से अनुमति लेनी होती है फिर कैदी को पत्र लिखने की सामग्री उपलब्ध कराई जाती है. फिर जेल से डाक भेजने की जो व्यवस्था होती है उसके तहत ही कैदियों के पत्र संबंधित पते पर पहुंचाया जाता है.

बता दें कि महाठग सुकेश चंद्रशेखर आम आदमी पार्टी और दूसरी पार्टी के कई नेताओं पर जेल से पत्र लिखकर पहले भी आरोप लगाता रहा है. सुकेश चंद्रशेखर ने यह आरोप लगाया था कि उससे साल 2018 से 2021 के बीच में 10 करोड़ रुपये की उगाही की गई थी. जिससे कि वो जेल में आरामदायक तरीके से रह सके. अलग-अलग जेलों में बंद रहने के दौरान सुकेश को वीआईपी सुविधाएं देने की बात कही गई थी.

पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन इस दौरान आप सरकार में जेल मंत्री थे. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन, तिहाड़ जेल के पूर्व डीजी संदीप गोयल और जेल अधीक्षक राजकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. तीनों पर आरोप है कि उन्होंने ठग सुकेश चंद्रशेखर से 10 करोड़ रुपए की उगाही की. एलजी ने प्रिवेन्शन ऑफ करप्शन एक्ट के 17 ए के तहत सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के एक बड़े नेता की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इस बार मामला सीबीआई जांच का है. तिहाड़ जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने 10 करोड़ रुपए की प्रोटेक्शन मनी मांगने का आरोप लगाया था, और शिकायत दी थी इस शिकायत पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने AAP सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन, तिहाड़ जेल के पूर्व डीजी संदीप गोयल और तत्कालीन जेल अधीक्षक राजकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी है.

इस पूरे मामले में तिहाड़ जेल के पूर्व जेलर, लॉ ऑफिसर और अन्य कई पदों पर रहे सुनील गुप्ता का कहना है कि जेल में प्रोटेक्शन मनी मांगने की शिकायतें तो पहले भी सामने आती रही हैं. जेल के अधिकारियों पर प्रोटेक्शन मनी मांगने के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन, किसी मंत्री पर प्रोटेक्शन मनी मांगने का आरोप पहली बार लगा है.

बता दें कि सुनील गुप्ता ने तिहाड़ जेल में 35 साल तक काम किया है. उन्होंने बताया कि अधिकारी हाई प्रोफाइल कैदियों से प्रोटेक्शन मनी ये कहकर मांगते हैं कि जेल में उन्हें सारी सुविधाएं मिलेंगी. कोई भी कैदी उन्हें परेशान नहीं करेगा. उन्हें ब्लेड नहीं मारेगा और उन्हें किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाएगा. जेल में सुविधा लेने के लिए अक्सर कैदी प्रोटेक्शन मनी देते भी हैं.

उन्होंने ये भी कहा कि 'जिस तरह से जेल में बंद एक कैदी की शिकायत पर केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच की मंजूरी दी है वह उचित नहीं है. क्योंकि एक आदमी जो पहले से जेल में बंद है, उसकी अपनी तो इमेज खराब हो ही चुकी है. लेकिन, उसके आरोप लगाने से दूसरे अधिकारी या मंत्री की इमेज खराब होने में समय नहीं लगता. जरूरी नहीं कि वह कैदी सच बोल रहा हो. हालांकि, अगर वह शिकायत कर रहा है तो उसकी बात की सच्चाई का भी पता किया जाना चाहिए. मुझे लगता है कि शिकायतकर्ता की बातों में आधा सच और आधा झूठ भी हो सकता है. इसको इस नजरिए से देखा जाना चाहिए'.

उन्होंने कहा कि पहले भी जेल में प्रोटेक्शन मनी के आरोपों पर कभी इतनी बड़ी जांच जो सीबीआई के द्वारा नहीं हुई. आरोप लगने पर जेल स्तर पर ही छोटी-मोटी जांच तो होती रही हैं. उन्होंने सुकेश के पत्र लिखने पर कहा कि जेल से कैदी को पत्र लिखने की अनुमति देने का नियम पहले से है. पत्र लिखने के बारे में कैदी को जेलर से अनुमति लेनी होती है फिर कैदी को पत्र लिखने की सामग्री उपलब्ध कराई जाती है. फिर जेल से डाक भेजने की जो व्यवस्था होती है उसके तहत ही कैदियों के पत्र संबंधित पते पर पहुंचाया जाता है.

बता दें कि महाठग सुकेश चंद्रशेखर आम आदमी पार्टी और दूसरी पार्टी के कई नेताओं पर जेल से पत्र लिखकर पहले भी आरोप लगाता रहा है. सुकेश चंद्रशेखर ने यह आरोप लगाया था कि उससे साल 2018 से 2021 के बीच में 10 करोड़ रुपये की उगाही की गई थी. जिससे कि वो जेल में आरामदायक तरीके से रह सके. अलग-अलग जेलों में बंद रहने के दौरान सुकेश को वीआईपी सुविधाएं देने की बात कही गई थी.

पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन इस दौरान आप सरकार में जेल मंत्री थे. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन, तिहाड़ जेल के पूर्व डीजी संदीप गोयल और जेल अधीक्षक राजकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. तीनों पर आरोप है कि उन्होंने ठग सुकेश चंद्रशेखर से 10 करोड़ रुपए की उगाही की. एलजी ने प्रिवेन्शन ऑफ करप्शन एक्ट के 17 ए के तहत सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.

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