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सावधान! गुरुग्राम पुलिस का WhatsApp पर एक्शन, FIR में ऐप निदेशकों और नोडल अधिकारियों के नाम शामिल, होश उड़ा देगी वजह - FIR on WhatsApp

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 2 hours ago

FIR on WhatsApp: हरियाणा पुलिस ने व्हाट्सऐप के खिलाफ FIR दर्ज की है. दरअसल, व्हाट्सऐप के डायरेक्टर्स और नोडल अधिकारी से सफाई देने को कहा गया है. पुलिस का कहना है कि व्हाट्सऐप अधिकारियों ने मांगी गई जानकारी नहीं दी. पुलिस ने बताया कि अपराधी को सजा से बचाने के लिए सबूतों के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले दस्तावेज और ऑनलाइन रिकॉर्ड को नष्ट करने से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.

FIR on WhatsApp
FIR on WhatsApp (Etv Bharat)

गुरुग्राम: आज के आधुनिक युग में सभी के फोन में एक ऐप है. जिसे व्हाट्सएप कहा जाता है. इसका इस्तेमाल भारत में करोड़ों लोग करते हैं. हाल ही के दिनों में साइबर ठगों ने इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके कई लोगों का बैंक खाता खाली कर दिया है. ऐसे में जब हरियाणा की गुरुग्राम पुलिस ने व्हाट्सएप से जानकारी मांगी तो उन्होंने नहीं दी.

व्हाट्सएप ने पुलिस को नहीं दी जानकारी: इसके बाद गुरुग्राम पुलिस ने जानकारी न देने पर व्हाट्सएप निदेशकों और नोडल अधिकारी पर केस दर्ज कर लिया है. पुलिस के मुताबिक, एक मामले की जांच के दौरान गुरुग्राम पुलिस ने 17 जुलाई को व्हाट्सएप को ईमेल के जरिए नोटिस भेजा था और जानकारी मांगी थी. इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप ने इसमें भी कोई जानकारी नहीं दी और गैरकानूनी तरीके से आपत्ति भी जताई. पुलिस ने 25 जुलाई को बताए गए मोबाइल नंबरों की जरुरी जानकारी मांगी, तो WhatsApp ने पुलिस को जानकारी नहीं दी. 28 अगस्त तक मेटा के इस ऐप ने दोबारा भी पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी.

WhatsApp अधिकारियों पर एक्शन: कई बार रिक्वेस्ट करने के बाद भी WhatsApp की तरफ से पुलिस के साथ कोई जानकारी साझा नहीं की गई. इसके बाद शनिवार को गुरुग्राम के साइबर क्राइम ईस्ट पुलिस स्टेशन में व्हाट्सएप के निदेशकों और नोडल अधिकारियों के खिलाफ धारा 223 (ए), 241, 249 (सी) बीएनएस और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.

कई मालमे आ चुके हैं सामने: पुलिस का कहना है कि, देश के मौजूदा कानूनों के तहत व्हाट्सएप जरुरी जानकारी देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य होने के बावजूद, व्हाट्सएप मैनेजमेंट ने जानकारी नहीं दी और कानूनी निर्देशों का उल्लघंन किया है. व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग का इस्तेमाल करके साइबर ठग कई लोगों को चूना लगा रहे हैं. इस दौरान वह पार्ट टाइम जॉब से लेकर फेक इनवेस्टमेंट का प्लान बताते हैं. बीते दो साल से इस तरह के कई केस सामने आ चुके हैं.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ के मदरसे में नाबालिग बच्चे से कुकर्म, उर्दू अध्यापक पर आरोप, पुलिस ने किया गिरफ्तार - Boy raped in Chandigarh

ये भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव पर पुलिस का कड़ा पहरा, एक महीने में पकड़ा 40.87 करोड़ का सामान, 1 लाख से ज्यादा लाइसेंसी हथियार जमा - Haryana Assembly Election 2024

गुरुग्राम: आज के आधुनिक युग में सभी के फोन में एक ऐप है. जिसे व्हाट्सएप कहा जाता है. इसका इस्तेमाल भारत में करोड़ों लोग करते हैं. हाल ही के दिनों में साइबर ठगों ने इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके कई लोगों का बैंक खाता खाली कर दिया है. ऐसे में जब हरियाणा की गुरुग्राम पुलिस ने व्हाट्सएप से जानकारी मांगी तो उन्होंने नहीं दी.

व्हाट्सएप ने पुलिस को नहीं दी जानकारी: इसके बाद गुरुग्राम पुलिस ने जानकारी न देने पर व्हाट्सएप निदेशकों और नोडल अधिकारी पर केस दर्ज कर लिया है. पुलिस के मुताबिक, एक मामले की जांच के दौरान गुरुग्राम पुलिस ने 17 जुलाई को व्हाट्सएप को ईमेल के जरिए नोटिस भेजा था और जानकारी मांगी थी. इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप ने इसमें भी कोई जानकारी नहीं दी और गैरकानूनी तरीके से आपत्ति भी जताई. पुलिस ने 25 जुलाई को बताए गए मोबाइल नंबरों की जरुरी जानकारी मांगी, तो WhatsApp ने पुलिस को जानकारी नहीं दी. 28 अगस्त तक मेटा के इस ऐप ने दोबारा भी पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी.

WhatsApp अधिकारियों पर एक्शन: कई बार रिक्वेस्ट करने के बाद भी WhatsApp की तरफ से पुलिस के साथ कोई जानकारी साझा नहीं की गई. इसके बाद शनिवार को गुरुग्राम के साइबर क्राइम ईस्ट पुलिस स्टेशन में व्हाट्सएप के निदेशकों और नोडल अधिकारियों के खिलाफ धारा 223 (ए), 241, 249 (सी) बीएनएस और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.

कई मालमे आ चुके हैं सामने: पुलिस का कहना है कि, देश के मौजूदा कानूनों के तहत व्हाट्सएप जरुरी जानकारी देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य होने के बावजूद, व्हाट्सएप मैनेजमेंट ने जानकारी नहीं दी और कानूनी निर्देशों का उल्लघंन किया है. व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग का इस्तेमाल करके साइबर ठग कई लोगों को चूना लगा रहे हैं. इस दौरान वह पार्ट टाइम जॉब से लेकर फेक इनवेस्टमेंट का प्लान बताते हैं. बीते दो साल से इस तरह के कई केस सामने आ चुके हैं.

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