हिसार: हरियाणा के हिसार में पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं. जिससे वायु प्रदूषण में भी इजाफा हो रहा है. अभी तक हिसार में पराली जलाने के 11 मामले सामने आए हैं. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने पराली जलाने वाले इन 11 किसानों पर चालान काटकर 27 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहायक कृषि अभियंता ओमप्रकाश महीवाल ने बताया गया कि कृषि विभाग के कर्मचारी फील्ड में जाकर लोगों को समझा रहे हैं.
हिसार में किसानों ने जलाई पाराली: ओमप्रकाश के मुताबिक फसल अवशेष प्रबंधन के साथ-साथ विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं बारे भी कर्मचारी किसानों को जागरूक कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कृषि विभाग की तरफ से धान अवशेष प्रबंधन के लिए 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने के साथ-साथ धान अवशेष प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र भी दिए जाते हैं. उपायुक्त प्रदीप दहिया ने किसानों से फसल अवशेष व पराली जलाने की बजाए उचित प्रबंध करने की अपील की.
कृषि विभाग ने लगाया जुर्माना: उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि जिला प्रशासन फसल अवशेष व पराली जलाने के प्रति सख्त है. हरसेक पर आगजनी की लोकेशन मिलने पर जिला प्रशासन की ओर से संबंधित से खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. प्रशासन की ओर से जिले के किसानों को फसल अवशेष व पराली ना जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है. उपायुक्त ने किसानों से आह्वान किया कि वे फसल अवशेष व पराली को जलाने की बजाए इसका उचित प्रबंध कर मुनाफा कमाएं.
'किसानों को किया जा रहा जागरुक': उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों और सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी वाली मशीनों के बारे में जागरूक किया जा रहा है, ताकि किसान फसल अवशेष व पराली जलाने की बजाए इसका उचित प्रबंध कर कमाई कर सकें. उन्होंने किसानों को आगाह किया कि यदि कोई भी किसान फसल कटाई उपरांत अपने खेतों में फसल अवशेष व पराली जलाते है तो वे सावधान हो जाएं.
विभाग की किसानों से अपील: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से फसल अवशेष व पराली जलाने वालों पर हरसेक के माध्यम से नजर रखी जा रही है. पराली जलाने पर पकड़े जाने पर जुर्माना वसूला जाएगा. कृषि विभाग द्वारा पराली का उपयोग जैविक खाद के तौर पर करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. धान की कटाई उपरांत जिले में कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष व पराली जलाने वालों की निगरानी की जा रही है. उपायुक्त ने बताया कि अगर जिले के रेड जोन और येलो जोन के गांवों में कोई भी आगजनी की घटना नहीं होती है, तो रेड जोन के गांवों को एक लाख रुपये तथा येलो जोन गांवों के लिए 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
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