भोपाल: मध्य प्रदेश में 20 दिसंबर से 23 दिसंबर तक आईएएस ऑफिसर्स एसोएिशन की सर्विस मीट का आयोजन किया जा रहा है. इसमें युवा आईएएस से लेकर सेवानिवृत्त आईएएस और उनके परिवार के लोग सहभागिता कर रहे हैं. जाहिर सी बात है कि एक ही प्रोफेशन के जब इतने लोग मिलते हैं, तो कई प्रकार की बातें होती हैं. जब बैच वाले मिल जाएं तो वर्तमान कैरियर और संभावनाओं की चर्चा भी होती है. ऐसी ही एक चर्चा में एक महिला आईएएस का दर्द छलक गया. उन्होंने वाट्सअप ग्रुप पर अपनी भड़ास निकाल दी.
अपने फैसलों के लिए अडिग मानी जाती हैं नेहा मरव्या
नेहा मारव्या के बारे में लोग बताते हैं कि वह 2011 बैच की आईएएस अफसर हैं. उनका नाम कई विवादों से जुड़ा रहा है. मसलन वह आजीविका मिशन के एक घोटाले की जांच कर रही थी. इसमें दोषियों को बचाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने भी दबाव बनाया लेकिन उन्होंने वही किया जो उन्हें सही लगा. जिसके बाद उनका तबादला दूसरे विभाग में कर दिया गया. इसके साथ ही विभाग से जुड़े कई मामलों में वह बेबाकी से अपना पक्ष रखने के लिए जानी जाती हैं.
14 साल में नहीं मिली फील्ड की पोस्टिंग
नेहा मारव्या ने आईएएस ऑफिसर्स एसोएिशन के वाट्सएप ग्रुप पर लिखा "आईएएस की नौकरी में आए मुझे 14 साल पूरे होने वाले हैं. लेकिन मुझे आज तक एक बार भी फील्ड में पोस्टिंग नहीं मिली. उन्होंने आगे लिखा कि ऐसे में मेरे जैसे आईएएस का कैरियर कैसे संतुलित होना चाहिए."
इसलिए नेहा मारव्या ने दिया जबाव
दरअसल सीधी भर्ती के एक आईएएस ने वाट्सएप ग्रुप पर एक कॉन्सेप्ट नोट डाला था. जिसमें लिखा था कि सीधी भर्ती के आईएएस को 14 साल में 4 साल कलेक्टरी मिलनी चाहिए. इससे न सिर्फ उन्हें फील्ड का नॉलेज मिल पाता है, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों के बारे में पता चलता है. इससे उन्हें आगे चलकर प्रदेश की परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है. इस मामले में एक अन्य युवा अफसर ने भी सदस्यों के जबाव मांगे. जिस पर नेहा मारव्या ने जबाव दिया.
नेहा मारव्या ने खोल दी व्यवस्था की पोल
नेहा मारव्या ने लिखा "बहुत दुख होता है, जब इस मामले में चर्चा की जाती है. मुझे 14 साल में एक बार भी फील्ड में पोस्टिंग नहीं मिली. साढ़े तीन साल तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में उपसचिव बनाकर बैठाया गया. फिर ढाई साल से बिना काम के राजस्व विभाग में उपसचिव बनाया गया है. बीते 9 महीने से मेरे पास कोई काम नहीं है. इस तरह मुझे दीवारों में कैद करके रख दिया गया है."