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दामाद को जिंदा जलाया: ससुर और दो सालों को उम्रकैद की सजा, 2020 में हुआ था मर्डर - Life imprisonment in Farrukhabad

फर्रुखाबाद कोर्ट ने 31 दिसम्बर 2020 को हुई पवन की हत्या के मामले में सोमवार को सजा सुनाई. कोर्ट ने इस मामले में पवन के ससुर और दो सालों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

ससुर व दो सालों को कोर्ट ने आजीवन कारावास.
ससुर व दो सालों को कोर्ट ने आजीवन कारावास. (PHOTO Credit; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 20, 2024, 7:41 PM IST

फर्रुखाबाद: जिले में ससुर ने अपने दो बेटों के साथ मिलकर मिट्टी का तेल डालकर दामाद को जिंदा जला दिया था. उपचार के दौरान दामाद की मौत हो गई थी. इस मामले में सोमवार को न्यायालय ने ससुर और दोनों सालों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

बताया जा रहा है कि 31 दिसम्बर 2020 को पवन निवासी आजाद नगर के परिजनों ने कोतवाली मोहम्मदाबाद में मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमे में कहा गया था कि पवन पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा न्यायालय में चल रहा था. इसको लेकर पवन 18 दिसंबर 2020 को रामा देवी के परिजनों से मिलने गया. पवन की पत्नी रामा देवी के भाई गुड्डू, नन्हे और पिता श्रीकृष्ण ने समझौता करने की बात बोलकर तेरा सकवाई की मोड़ पर बुलाया था.

पवन के वहां पहुंचने पर इन लोगों ने उसे लाठी-डंडो से मारा-पीटा और मिट्टी का तेल डालकर जला दिया. उपचार के दौरान 30 दिसंबर 2020 को उसकी मौत हो गई. पुलिस ने मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

अब इस मामले में सोमवार को न्यायालय ने अभियुक्त श्रीकृष्ण और उसके पुत्रों गुड्डू और नन्हे को दोषी करार दिया. कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही पांच-पांच हजार का अर्थदंड भी लगाया.

फर्रुखाबाद: जिले में ससुर ने अपने दो बेटों के साथ मिलकर मिट्टी का तेल डालकर दामाद को जिंदा जला दिया था. उपचार के दौरान दामाद की मौत हो गई थी. इस मामले में सोमवार को न्यायालय ने ससुर और दोनों सालों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

बताया जा रहा है कि 31 दिसम्बर 2020 को पवन निवासी आजाद नगर के परिजनों ने कोतवाली मोहम्मदाबाद में मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमे में कहा गया था कि पवन पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा न्यायालय में चल रहा था. इसको लेकर पवन 18 दिसंबर 2020 को रामा देवी के परिजनों से मिलने गया. पवन की पत्नी रामा देवी के भाई गुड्डू, नन्हे और पिता श्रीकृष्ण ने समझौता करने की बात बोलकर तेरा सकवाई की मोड़ पर बुलाया था.

पवन के वहां पहुंचने पर इन लोगों ने उसे लाठी-डंडो से मारा-पीटा और मिट्टी का तेल डालकर जला दिया. उपचार के दौरान 30 दिसंबर 2020 को उसकी मौत हो गई. पुलिस ने मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

अब इस मामले में सोमवार को न्यायालय ने अभियुक्त श्रीकृष्ण और उसके पुत्रों गुड्डू और नन्हे को दोषी करार दिया. कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही पांच-पांच हजार का अर्थदंड भी लगाया.

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