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पोर्टल के चक्कर में फंसे किसान, पंजीकरण होने के बाद भी मंडी में नहीं बिक रही फसल - portal problem in haryana mandi - PORTAL PROBLEM IN HARYANA MANDI

PORTAL PROBLEM IN HARYANA MANDI: फसल खरीद के साथ ही किसानों की समस्या भी शुरू हो जाती है. पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद भी किसानों की फसल मंडी में नहीं बिक पा रही है. इसकी वजह है कि उनका गेट पास नहीं कट रहा है. जिसके चलते किसानों को अपनी फसल लेकर बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है.

PORTAL PROBLEM IN HARYANA MANDI
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Apr 1, 2024, 10:44 PM IST

जींद: फसलों का पंजीकरण करने वाले सरकार के पोर्टल किसानों के लिए सिरदर्द बन रहा है. काकड़ोद गांव के किसान सरकारी रेट पर अपनी सरसों की फसल बेचने के लिए पहुंचे लेकिन पोर्टल पर खाता अपडेट नहीं होने के चलते उनका गेट पास नहीं कट पाया. गेट पास नहीं कटने के चलते सरसों की फसल को बिना बेचे ही उन्हें वापस लौटना पड़ा.

किसानों ने कहा कि उनकी फसल का पंजीकरण पोर्टल पर तो दिखाया जा रहा है लेकिन उनका गेट पास नहीं कट पा रहा है. पोर्टल के चलते उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते गांव से सरसों की फसल ट्रॉली में लेकर मंडी आए किसानों को बैरंग लौटना पड़ा रहा है. इससे उनकी फसल भी नहीं बिक रही और ऊपर ट्रांसपोर्ट का खर्च भी उनका डबल हो जाता है.

किसान बलजीत सिंह, दयानंद, बलराम ने कहा कि जब उन्होंने अपनी फसल का, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पर पंजीकरण करवाया था. सोमवार को वे पंजीकरण की कॉपी लेकर सरसों की फसल बेचने के लिए मंडी आए. यहां पर उनकी फसल में नमी की जांच के बाद एजेंसी ने टोकन काटकर गेट पास कटवाने के लिए भेजा. जब मार्केट कमेटी कर्मचारी से कपास मंडी गेट पर पास कटवाने गए तो उनका गेट पास नहीं कट पाया जबकि फसल का पंजीकरण पोर्टल पर दिखा रहा था.

गेट पास नहीं कटने के चलते किसानों को अपनी फसल को वापस घर लेकर जाना पड़ा. पोर्टल के चक्कर में किसान परेशान हो रहा है. पटवारी के लिखित रूप में देने के बाद भी उनकी फसल नहीं खरीदी जा रही है. एसडीएम गुलजार मलिक ने कहा कि इस तरह के कई किसान मिलने के लिए आ चुके हैं. इसको लेकर मार्केट कमेटी सचिव से बात की गई है. सचिव ने माना कि तकनीकी कमी के चलते इस तरह की परेशानी आ रही है, जिसको लेकर वो उच्चाधिकारियों से बातचीत करेंगे.

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जींद: फसलों का पंजीकरण करने वाले सरकार के पोर्टल किसानों के लिए सिरदर्द बन रहा है. काकड़ोद गांव के किसान सरकारी रेट पर अपनी सरसों की फसल बेचने के लिए पहुंचे लेकिन पोर्टल पर खाता अपडेट नहीं होने के चलते उनका गेट पास नहीं कट पाया. गेट पास नहीं कटने के चलते सरसों की फसल को बिना बेचे ही उन्हें वापस लौटना पड़ा.

किसानों ने कहा कि उनकी फसल का पंजीकरण पोर्टल पर तो दिखाया जा रहा है लेकिन उनका गेट पास नहीं कट पा रहा है. पोर्टल के चलते उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते गांव से सरसों की फसल ट्रॉली में लेकर मंडी आए किसानों को बैरंग लौटना पड़ा रहा है. इससे उनकी फसल भी नहीं बिक रही और ऊपर ट्रांसपोर्ट का खर्च भी उनका डबल हो जाता है.

किसान बलजीत सिंह, दयानंद, बलराम ने कहा कि जब उन्होंने अपनी फसल का, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पर पंजीकरण करवाया था. सोमवार को वे पंजीकरण की कॉपी लेकर सरसों की फसल बेचने के लिए मंडी आए. यहां पर उनकी फसल में नमी की जांच के बाद एजेंसी ने टोकन काटकर गेट पास कटवाने के लिए भेजा. जब मार्केट कमेटी कर्मचारी से कपास मंडी गेट पर पास कटवाने गए तो उनका गेट पास नहीं कट पाया जबकि फसल का पंजीकरण पोर्टल पर दिखा रहा था.

गेट पास नहीं कटने के चलते किसानों को अपनी फसल को वापस घर लेकर जाना पड़ा. पोर्टल के चक्कर में किसान परेशान हो रहा है. पटवारी के लिखित रूप में देने के बाद भी उनकी फसल नहीं खरीदी जा रही है. एसडीएम गुलजार मलिक ने कहा कि इस तरह के कई किसान मिलने के लिए आ चुके हैं. इसको लेकर मार्केट कमेटी सचिव से बात की गई है. सचिव ने माना कि तकनीकी कमी के चलते इस तरह की परेशानी आ रही है, जिसको लेकर वो उच्चाधिकारियों से बातचीत करेंगे.

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