नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने गुरुवार को केंद्रीय अंतरिम बजट 2024 पेश किया. इसपर ग्रेटर नोएडा के किसानों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि बजट में किसानों के लिए कोई कोई विशेष घोषणा नहीं की गई है और यह बजट किसान विरोधी है. किसानों की आय लगातार घटती जा रही है, इसके बावजूद किसानों के लिए कोई योजना नहीं लाई गई. वहीं किसानों की फसल को लेकर भी सरकार ने कोई न्यूनतम दर तय नहीं की है.
किसान नेता रुपेश वर्मा ने कहा कि आज के बजट से किसानों को काफी उम्मीद थी. उन्हें लग रहा था कि बजट में किसानों के लिए और घोषणाएं की जाएंगी, लेकिन बजट बहुत ही निराशाजनक है. सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन सरकार किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी तय नहीं कर पा रही है. यह सरकार किसानों के हितेषी न होकर पूंजीपतियों की हितेषी है और केवल उन्हीं के लिए काम करती है.
उनके अलावा किसान मुकेश ने कहा कि सरकार का यह बजट बहुत ही निराशाजनक है. सरकार ने केवल पूंजी पतियों के लिए ही बजट पेश किया है और किसानों के लिए को घोषणा नहीं की है. यह सरकार केवल धर्म के नाम पर राजनीति करती है. वहीं किसान सुनील भाटी ने कहा कि इस बजट से हमें काफी उम्मीदें थीं. आज के समय पर एक बीघा जमीन में खेती करने की लागत लगभग आठ रुपये के करीब आती है, जबकि उसकी फसल चार से पांच रुपये की कीमत में बिक पाती है. इससे किसानों की आई लगातार घटती जा रही है.
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उन्होंने यह भी कहा कि प्राधिकरण और सरकार इमरजेंसी लगाकर किसानों की जमीन का अधिकरण कर रही है. उसी जमीन को पूंजीपतियों को देकर उद्योग लगाए जा रहे हैं. किसानों को 2014 में नई भूमि अधिग्रहण के तहत मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है, जबकि नई भूमि अधिग्रहण में किसानों को चार गुना मुआवजा देने की बात की गई थी. वहीं किसानों की जमीन का अधिग्रहण करने के बाद उनको 10% भूखंड भी नहीं मिल रहे हैं, जिसे लेकर किसानों को लगातार आंदोलन करना पड़ रहा है.
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