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युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत मामले की जांच टीम पहुंची नरवाना, जानें कब होगी अगली सुनवाई - Shubhakaran Singh death case

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Apr 19, 2024, 3:20 PM IST

Shubhakaran Singh Death Case: MSP और अन्य मांगों को लेकर किसानों के प्रदर्शन के दौरान पंजाब के खनोरी बॉर्डर पर शुभकरण नाम के एक युवा किसान की मौत हो गई थी. इस मामले में अब तेजी से जांच की जा रही है. इसी सिलसिले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी जींद के नरवाना पहुंची और यहां पर कई घंटों तक बातचीत हुई. इस मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी.

Shubhakaran Singh Death Case
Shubhakaran Singh Death Case

जींद: दातासिंह वाला-खनोरी बॉर्डर पर 21 फरवरी को किसानों के दिल्ली कूच करते समय पंजाब के युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत मामले में जांच तेज हो गई है. मामले की जांच के लिए गठित 3 सदस्य कमेटी नरवाना के हरियल रेस्ट हाऊस में पहुंची. तीन सदस्यीय कमेटी में हरियाणा पंजाब हाई कोर्ट की पूर्व जस्टिस जयश्री ठाकुर, हरियाणा के एडीजीपी अमिताभ सिंह ढिल्लो व पंजाब के एडीजीपी प्रमोद मौजूद रहे. जिसमें तीनों कमेटी सदस्यों ने अधिकारियों व किसानों से करीब तीन घंटे तक बातचीत की.

जांच की आंच तेज: अधिकारियों व किसानों से वार्तालाप के बाद जांच टीम ने हरियाणा पंजाब के दाता सिंह वाला बॉर्डर के दोनों तरफ की जगह का मुआयना किया. वहीं इस दौरान भारतीय किसान यूनियन पंजाब के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल वकीलों व 15 सदस्यीय कमेटी के साथ नरवाना के हरियल रेस्ट हाउस में तीन सदस्यीय जांच कमेटी से एक घंटे तक बातचीत की. इस दौरान हरियल रेस्ट हाउस में काफी संख्या में पंजाब पुलिस व हरियाणा पुलिस बल मौजूद रहा.

6 मई को होगी अगली सुनवाई: राजेवाल ने हरियाणा पंजाब हाई कोर्ट की रिटायर्ड जज जय श्री ठाकुर के सामने हरियाणा पुलिस पर गवाहों पर गिरफ्तारी का दबाव डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि सुनवाई हरियाणा में न होकर पंजाब व चंडीगढ़ में की जाए. जिस पर जांच कमेटी ने किसानों की बात मानते हुए अगली सुनवाई छह मई को चंडीगढ़ के किसान भवन में बुलाई.

क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि फरवरी में हुए किसान आंदोलन के दौरान जींद जिले के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच सीधा टकराव हुआ था. जिसमें पुलिस को वाटर कैनन तथा रबर बुलेट आदि चलानी पड़ी थी. इसी दौरान 21 फरवरी को पंजाब के शुभकरण की मौत हो गई थी. जिसके शव का पोस्टमॉर्टम पटियाला के अस्पताल में करवाया गया था. इस मामले में सात दिन बाद पंजाब पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. किसान संगठनों ने आरोप लगाया था कि शुभकरण सिंह की मौत हरियाणा पुलिस की गोली लगने से हुई है. पुलिस ने यह मानने से मना किया था, लेकिन संगरूर के डीसी ने कहा था कि शुभकरण सिंह की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है.

बाद में जांच के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने किसान शुभकरण सिंह की मौत के मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे. आंदोलन के दौरान जींद में विशेष रूप से तैनात किए गए नूंह के एसपी नरेंद्र बिजारणिया भी नरवाना पहुंचे. उनके अलावा जींद के डीसी मोहम्मद इमरान रजा और एसपी सुमित कुमार तथा दूसरे संबधित अधिकारी भी जांच के सिलसिले में मौके पर मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें: जींद के खटकड़ टोल पर पहुंची किसान शुभकरण की अस्थियां, शुक्रवार को हिसार में किसान महापंचायत - Farmer Shubhkaran Ashes

ये भी पढ़ें: किसान शुभकरण सिंह का पंजाब के बठिंडा में अंतिम संस्कार, किसानों का फिलहाल दिल्ली कूच टला

जींद: दातासिंह वाला-खनोरी बॉर्डर पर 21 फरवरी को किसानों के दिल्ली कूच करते समय पंजाब के युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत मामले में जांच तेज हो गई है. मामले की जांच के लिए गठित 3 सदस्य कमेटी नरवाना के हरियल रेस्ट हाऊस में पहुंची. तीन सदस्यीय कमेटी में हरियाणा पंजाब हाई कोर्ट की पूर्व जस्टिस जयश्री ठाकुर, हरियाणा के एडीजीपी अमिताभ सिंह ढिल्लो व पंजाब के एडीजीपी प्रमोद मौजूद रहे. जिसमें तीनों कमेटी सदस्यों ने अधिकारियों व किसानों से करीब तीन घंटे तक बातचीत की.

जांच की आंच तेज: अधिकारियों व किसानों से वार्तालाप के बाद जांच टीम ने हरियाणा पंजाब के दाता सिंह वाला बॉर्डर के दोनों तरफ की जगह का मुआयना किया. वहीं इस दौरान भारतीय किसान यूनियन पंजाब के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल वकीलों व 15 सदस्यीय कमेटी के साथ नरवाना के हरियल रेस्ट हाउस में तीन सदस्यीय जांच कमेटी से एक घंटे तक बातचीत की. इस दौरान हरियल रेस्ट हाउस में काफी संख्या में पंजाब पुलिस व हरियाणा पुलिस बल मौजूद रहा.

6 मई को होगी अगली सुनवाई: राजेवाल ने हरियाणा पंजाब हाई कोर्ट की रिटायर्ड जज जय श्री ठाकुर के सामने हरियाणा पुलिस पर गवाहों पर गिरफ्तारी का दबाव डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि सुनवाई हरियाणा में न होकर पंजाब व चंडीगढ़ में की जाए. जिस पर जांच कमेटी ने किसानों की बात मानते हुए अगली सुनवाई छह मई को चंडीगढ़ के किसान भवन में बुलाई.

क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि फरवरी में हुए किसान आंदोलन के दौरान जींद जिले के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच सीधा टकराव हुआ था. जिसमें पुलिस को वाटर कैनन तथा रबर बुलेट आदि चलानी पड़ी थी. इसी दौरान 21 फरवरी को पंजाब के शुभकरण की मौत हो गई थी. जिसके शव का पोस्टमॉर्टम पटियाला के अस्पताल में करवाया गया था. इस मामले में सात दिन बाद पंजाब पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. किसान संगठनों ने आरोप लगाया था कि शुभकरण सिंह की मौत हरियाणा पुलिस की गोली लगने से हुई है. पुलिस ने यह मानने से मना किया था, लेकिन संगरूर के डीसी ने कहा था कि शुभकरण सिंह की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है.

बाद में जांच के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने किसान शुभकरण सिंह की मौत के मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे. आंदोलन के दौरान जींद में विशेष रूप से तैनात किए गए नूंह के एसपी नरेंद्र बिजारणिया भी नरवाना पहुंचे. उनके अलावा जींद के डीसी मोहम्मद इमरान रजा और एसपी सुमित कुमार तथा दूसरे संबधित अधिकारी भी जांच के सिलसिले में मौके पर मौजूद रहे.

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