जींद: पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर शुक्रवार को किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे. टिकैत ने आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की. उन्होंने डल्लेवाल का हाल-चाल जाना और किसानों के आंदोलन को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिए. राकेश टिकैत ने कहा कि अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो दिल्ली को केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेसवे से घेरने की रणनीति अपनानी होगी. टिकैत ने कहा कि इसके लिए 4 लाख से अधिक ट्रैक्टरों की आवश्यकता होगी.
किसानों की नई रणनीति का आह्वान: टिकैत ने सभी किसान संगठनों से संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल होकर आंदोलन की नई रणनीति तैयार करने का आह्वान किया. राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार कलयुग की प्रोफेशनल सरकार है. देश में एक बार फिर बड़ा संघर्ष होगा. पंजाब के खनौरी व शंभू बॉर्डर पर चल रहा आंदोलन दिल्ली आंदोलन से बड़ा होगा. लेकिन यह तब होगा, जब सभी संगठन एकजुट होंगे. उन्होंने कहा कि यह पूंजीवादियों की सरकार है. जो सरकार कत्लेआम पर बनी हो, उसे कोई दर्द नहीं होता. दर्द उसे होता है, जिसमें कोई रहम हो.
'हम अपने मोर्चे पर डटे हैं': राकेश टिकैत ने कहा कि एसकेएम व अन्य संगठनों को बैठकर इस किसान आंदोलन पर चर्चा करनी चाहिए. देश की नजरें यहां बनी हुई है. बातचीत करें कि मोर्चे की लड़ाई कैसे लड़ी जाएगी. दिल्ली के आंदोलन से इस आंदोलन को लंबे खिंचने के लिए केंद्र सरकार प्रयास करेगी. सभी राज्यों के किसानों को एकजुट होना होगा. इसे पूरे देश का आंदोलन बनाना होगा. हम सब लोग साथ में हैं. अगर सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी हुई है. तो हम भी अपने मोर्चे पर डटे हुए हैं. राकेश टिकैत ने खनौरी बॉर्डर पर किसानों के साथ संवाद किया और उनके समर्थन का आश्वासन दिया. टिकैत दोपहर तक खनोरी बॉर्डर पर किसानों के बीच मौजूद रहे और उनकी मांगों व आंदोलन को मजबूत करने के लिए चर्चा की.
जांगड़ा के बयान पर क्या बोले टिकैत: वहीं, टिकैत ने रामचंद्र जांगड़ा द्वारा किसानों पर दिए विवादित बयान को लेकर कहा कि, यदि देश से 700 लड़कियां गायब है तो ये सरकार की नाकामी है. लड़की के परिजनों को सामने लाएं और पूछे कि उनकी लड़कियां कहां पर है. परिजनों के बयान पर जांच करें.
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