जयपुर. फर्जी एनओसी के आधार पर हुए ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर बनाई गई जांच कमेटी ने अपनी जांच में कई खुलासे किए हैं. इस मामले में जांच कमेटी के सामने कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. जांच कमेटी ने अलग-अलग अस्पतालों के दस्तावेजों को खंगाला तो सामने आया कि एक साल में राजस्थान में करीब 900 ट्रांसप्लांट हुए, जबकि एक साल से प्रदेश में अप्रूवल कमेटी की बैठक तक नहीं हुई. इस जांच रिपोर्ट में 163 विदेशियों के भी ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुए. कमेटी ने एसएमएस अस्पताल समेत 14 अस्पतालों का एक साल का डेटा खंगाला, जिसमें पता चला कि जयपुर के तीन अस्पतालों में 161 विदेशियों ने ट्रांसप्लांट कराए हैं.
फोर्टिस ने किए सबसे अधिक ट्रांसप्लांट : सूत्रों के मुताबिक जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि सबसे अधिक 98 ऑर्गन ट्रांसप्लांट फोर्टिस अस्पताल ने किए हैं. इसके अलावा ईएचसीसी में 33, मणिपाल में 32 विदेशी मरीजों के ट्रांसप्लांट हुए. इनमें अधिकांश मरीज बांग्लादेश के बताए जा रहे हैं. इसके अलावा कुछ नेपाल-कम्बोडिया के भी मरीज शामिल हैं. हालांकि, कमेटी को कुछ अस्पतालों के अधिकृत डेटा का अभी तक इंतजार है.
चिकित्सा विभाग अब एजी की लेगा राय : फर्जी एनओसी से ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले को लेकर फिलहाल चिकित्सा विभाग ने अभी तक एफआईआर नहीं करवाई है. इससे पहले चिकित्सा विभाग ने एफआईआर को लेकर एएजी की राय ली थी और मामले पर कार्रवाई को लेकर फाइल गृह विभाग के पास भेजी थी. गृह विभाग ने अब फाइल वापस चिकित्सा विभाग को भेज दी है और कहा है कि कार्रवाई के लिए चिकित्सा विभाग की अथॉरिटी ही सक्षम है, जिसके बाद अब चिकित्सा विभाग कार्रवाई के लिए एजी की राय लेगा.