जयपुर. ऑर्गन ट्रांसप्लांट में फर्जी एनओसी मामले को लेकर गठित की गई हाई लेवल कमेटी सोमवार को SMS अस्पताल पहुंची, जहां उन्होंने मामले से जुड़े दस्तावेज खंगाले और कुछ दस्तावेज टीम अपने साथ ले गई. कमेटी में शामिल डॉ. एस.एन. धौलपुरिया सहित ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्राधिकृत अधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता इस दौरान मौजूद रहीं और ऑर्गन ट्रांसप्लांट से जुड़े दस्तावेजों की जांच की.
इसके अलावा सवाई मानसिंह चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा को चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से नोटिस जारी किया गया है और नोटिस में पूछा गया है कि नजदीकी रिश्तेदारों, पति-पत्नी के बीच अंग प्रत्यारोपण की अनुमति के लिए अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी की बैठक कब-कब हुई. इसके साथ ही मार्च 2024 तक जारी एनओसी विवरण भी मांगा गया है.
दरअसल, निकट रिश्तेदारों से भिन्न व्यक्तियों के बीच प्रस्तावित प्रत्यारोपण के लिए राज्य स्तरीय प्राधिकार समिति को अनुमोदन करना होता है. ऐसे मामलों में अनुमति नहीं ली गई तो समिति के क्षेत्राधिकार के बाहर कैसे हुए प्रत्यारोपण, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इन बिंदुओं पर चिकित्सा अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा है.
5 सदस्यीय कमेटी गठित : राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर प्रदेश में मानव अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी मामले एवं निजी अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण प्रकरण के संबंध में जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी, जो लगातार मामले की जांच कर रही है. चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में गठित इस उच्च स्तरीय कमेटी में रजिस्ट्रार राजस्थान मेडिकल कौंसिल, मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण के प्राधिकृत अधिकारी, वरिष्ठ विधि परामर्शी तथा शासन उप सचिव चिकित्सा शिक्षा को सदस्य एवं नोडल अधिकारी-एनओटीपी को सदस्य सचिव के रूप में शामिल किया गया है.
यह समिति अंग प्रत्यारोण की फर्जी एनओसी प्रकरण, निर्धारित प्रावधानों के तहत मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकृत सभी निजी अस्पतालों के संबंध में निदेशक जनस्वास्थ्य द्वारा गठित निरीक्षण दलों के माध्यम से प्राप्त सत्यापित रिकॉर्ड की विस्तृत जांच कर रही है.