चित्तौड़गढ़. आरपीएससी की हिंदी लेक्चरर भर्ती परीक्षा का फॉर्म फर्जी डिग्री के जरिए भरने के मामले में एसओजी ने एक बार फिर मेवाड़ विश्वविद्यालय गंगरार पर शिकंजा कसा है. स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने परीक्षा कंट्रोलर और सेक्शन ऑफिसर को गिरफ्तार किया है. इससे पहले इस मामले में विश्वविद्यालय के डीन सहित पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप अजमेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश सोनी के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई है. विश्वविद्यालय के डिप्टी कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन सुशील शर्मा को रिमांड पर लिया गया है. आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि इस गिरोह के तार दिल्ली तक जुड़े हैं. मामले में विश्वविद्यालय के और भी कर्मचारियों की गिरफ्तारी हो सकती है. सोनी ने बताया कि डिप्टी कंट्रोलर शर्मा दिल्ली से ये फर्जी डिग्री तैयार करवाता था और 20 मार्च को गिरफ्तार हुई कैंडिडेट का भाई सेक्शन ऑफिसर राजेश सिंह के संपर्क में था. दोनों ही डिग्री खरीद कर लाए थे. राजेश के जरिए ही सुशील शर्मा और यूनिवर्सिटी के डीन कौशल किशोर चंदरुल तक कांटेक्ट होता था. बाद में सुशील ही दिल्ली से ही फर्जी डिग्री तैयार करवाता था. इस पूरे फर्जीवाड़ में एक बड़ा नेटवर्क है जिसमें जल्द ही अन्य लोगों की गिरफ्तारी होगी.
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फर्जी डिग्री मामले में विश्वविद्यालय के दो और अधिकारियों की गिरफ्तारी के साथ ही विश्वविद्यालय के अन्य कर्मचारियों में खलबली मची है. बता दें कि इस मामले में 20 मार्च को एसओजी ने दो महिला कैंडिडेट कमल और ब्रह्म कुमारी के बाद मेवाड़ यूनिवर्सिटी के डीन कौशल किशोर चंदरुल सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था. बता दें कि आरपीएससी ने हिंदी लेक्चरर भर्ती परीक्षा में फर्जी डिग्री लगाने के मामले में मामला दर्ज कराया था.