जयपुर. छोटी काशी में बुधवार को प्रथम पूज्य के मंदिरों में भगवान के समक्ष भक्तों ने होली खेली. प्राचीन मोतीडूंगरी गणेश भगवान गणेश ने भक्तों के संग ढाई हजार गुलाल गोटे से होली खेली. वहीं आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में दो दिवसीय पुष्प फाग की शुरुआत हुई, जहां कलाकारों ने राधा-कृष्ण-सखियां बन मनोहारी प्रस्तुतियां दी.
गणपति के संग होली: गोविंद देवजी मंदिर प्रांगण होली के रंग में रंगा नजर आया. फाल्गुन शुक्ल एकादशी पर बालव्यास के सानिध्य में यहां पुष्प फागोत्सव की शुरुआत हुई. पहले दिन कोलकाता के प्रसिद्ध कथाव्यास श्रीकांत शर्मा ने राजस्थानी भजनों की मधुर तान छेड़ी, जिस पर सभी श्रोता नाचने को मजबूर हो उठे. जयपुर, कोलकाता और शेखावाटी के कलाकारों ने तीन घंटे तक मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुतियां दी. इस दौरान गणेश वंदना और मंगलाचरण के बाद पुष्प फागोत्सव परवान चढ़ा. फूलों और इत्र की खुशबू से महकते और श्रद्धालुओं से खचाखच भरे सत्संग भवन में श्रीकांत शर्मा ने होली खेलो श्याम पिया संग जिंदगी को आनंद आ ज्यासी..., होली आई रे सांवरिया अब तो बाहर आ, म्हारे काना मं झुमका पहना दे नंदलाल जैसे भजनों की प्रस्तुतियां दीं. वहीं कोलकाता से आई युवतियों ने राधा-कृष्ण और सखियों के स्वरूप में भजनों के बोल के अनुरूप अभिनय से मन जीत लिया. इस दौरान कृष्ण और राधा के स्वरूप पर बार-बार पुष्प वर्षा होती रही।
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फागोत्सव की धूम: उधर, मोती डूंगरी गणेश मंदिर में गणपति को विशेष केसरिया पोशाक, साफा और पटका धारण करवाया गया. वहीं प्रथम पूज्य ने भक्तों के संग गुलाल, अबीर, फूल और गुलाल गोटों से होली खेली. यहां करीब 2500 से ज्यादा गुलाल गोटों से होली खेली. इस दौरान भगवान गणेश को ठंडाई का भोग लगाया गया. साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए. चंग की थाप पर करीब 100 किलो से ज्यादा गुलाब, हजारे सहित अन्य फूलों से पुष्पवर्षा की गई. वहीं पहली बार भगवान गणपति को 60 किलो के हजारे के फूल बंगले में विराजमान कराया गया.
इसी तरह ब्रह्मपुरी माउंटरोड स्थित नहर के गणेश जी मंदिर में फागोत्सव में मुंबई के कथक कलाकार नरेन्द्र कृष्णा गंगानी, रोहित परिहार सहित 100 से ज्यादा कलाकारों ने गणपति के समक्ष अपनी हाजिरी दी. पद्म श्री गुलाबों सपेरा सहित अनेक लोक कलाकारों ने नृत्य की प्रस्तुति दी. साथ ही शास्त्रीय कथक नृत्य में देशभर के कलाकार प्रस्तुति देने पहुंचे.