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स्ट्रीट वेंडर पहचान पर सरकार के यूटर्न पर बरसे जयराम, बोले- अगर योगी मॉडल अच्छा है तो उसे लागू करने से क्यों डर रही सरकार - Himachal street vendors policy

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Jairam Thakur Slams CM Sukhu: पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा सुक्खू सरकार ने स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी लागू करने का पहले आदेश दिया और बाद में रोक लगा दिया. क्योंकि यह योगी मॉडल है. सुक्खू सरकार अपने आलाकमान के दबाव में काम कर रही है.

Jairam Thakur Slams CM Sukhu
सीएम सुक्खू पर बरसे जयराम ठाकुर (Etv Bharat)

शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार द्वारा स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी को लागू करने का आदेश देने और बाद उस पर रोक लगाने की निंदा की है. उन्होंने कहा कि सरकार कांग्रेस आलाकमान के दबाव में झुक गई है. इस नियम का विरोध इसलिए किया जा रहा है. क्योंकि यह योगी मॉडल है. विधिसम्मत तरीके से की जा रही कार्रवाई को सुक्खू सरकार द्वारा वापस लेना निंदनीय है. यह नियम पूर्व सरकार के समय से चल रहा था.

जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी के तहत सभी दुकानदारों का सत्यापन, पंजीकरण के लिए विभिन्न प्रकार के नियमन के जुड़े प्रावधान किए गए थे, जिसे सत्ता में आते ही सुक्खू सरकार द्वारा रोक दिया गया था. यह रोक क्यों लगी, इस पर भी सरकार को जवाब देना चाहिए. प्रदेश और प्रदेशवासियों के हितों की रक्षा सरकार का काम है. लेकिन सुक्खू सरकार कांग्रेस के हितों की रक्षा करने का काम कर रही है.

जयराम ठाकुर ने कहा, "सुक्खू सरकार जनभावना और कानून के विपरीत अपने आलाकमान के राजनैतिक मंसूबों को ध्यान में रखकर काम रही है. यह किसी भी तरह से प्रदेश के हित में नहीं है. क्या प्रदेश में दुकान लगाने वाले, विभिन्न प्रकार के उत्पाद बेचने वाले लोगों के बारे में नियामक संस्थाओं और प्रदेश के लोगों को जानने का हक नहीं हैं. क्या प्रदेश को नियमों के अनुसार चलाए जाने के बजाय दिल्ली आलाकमान के राजनैतिक मंसूबों के हिसाब से चलाया जाएगा. सरकार सिर्फ इसलिए बैकफुट पर जा रही है. क्योंकि यह फैसला योगी मॉडल के तहत किया गया है".

जयराम ठाकुर ने कहा, "कांग्रेस के मंत्री ने भी कहा कि यह फैसला योगी मॉडल और प्रदेश के हितों के ध्यान में रखकर किया गया है. यदि किसी प्रदेश में कोई अच्छी पॉलिसी लागू है तो उसे दूसरी जगह लागू करने में क्या बुराई है? किसी नियम और नीति का विरोध इस आधार पर नहीं किया जाना चाहिए कि वह विपक्षी पार्टी के नेताओं द्वारा पहले कहीं लागू किया जा चुका है".

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता जनभावना को समझ कर अपनी बात तो रखते हैं. लेकिन जैसे ही आलाकमान अपनी आंखे दिखाता है तो वह विचलित हो जाते हैं और अपने बयान से मुकर जाते हैं. कांग्रेस सरकार के एक मंत्री सदन के अंदर बयान देकर कुर्सी जाने के डर से पलट जाते हैं तो दूसरे मंत्री सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर कर योगी मॉडल लागू करने की सूचना देते हैं.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुक्खू सरकार के एक मंत्री मीडिया को बाकायदा बुलाकर कहते हैं कि हिमाचल के हितों को ध्यान में रखते हुए यूपी मॉडल लागू किया है और दिल्ली से फोन आते ही पलट जाते हैं. मैंने पहले ही कहा था कि विक्रमादित्य अपने बयान पर कायम नहीं रह पाएंगे. क्योंकि दिल्ली के दबाव के आगे कांग्रेस नेताओं के पैर कांपने लगते हैं. हिमाचल के नेता दिल्ली के दबाव के आगे प्रदेश के हितों से समझौता कर रहे हैं, यह दुःखद है. हिमाचल के हितों को सुक्खू सरकार अपनी सार्वधिक प्रमुखता की सूची में रखे और प्रदेश का माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे.

ये भी पढ़ें: पहचान बताने वाले मामले पर विक्रमादित्य के समर्थन में दिखे सुक्खू सरकार के मंत्री शांडिल, बोले- मैं भी सुरक्षा का पक्षधर

शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार द्वारा स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी को लागू करने का आदेश देने और बाद उस पर रोक लगाने की निंदा की है. उन्होंने कहा कि सरकार कांग्रेस आलाकमान के दबाव में झुक गई है. इस नियम का विरोध इसलिए किया जा रहा है. क्योंकि यह योगी मॉडल है. विधिसम्मत तरीके से की जा रही कार्रवाई को सुक्खू सरकार द्वारा वापस लेना निंदनीय है. यह नियम पूर्व सरकार के समय से चल रहा था.

जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी के तहत सभी दुकानदारों का सत्यापन, पंजीकरण के लिए विभिन्न प्रकार के नियमन के जुड़े प्रावधान किए गए थे, जिसे सत्ता में आते ही सुक्खू सरकार द्वारा रोक दिया गया था. यह रोक क्यों लगी, इस पर भी सरकार को जवाब देना चाहिए. प्रदेश और प्रदेशवासियों के हितों की रक्षा सरकार का काम है. लेकिन सुक्खू सरकार कांग्रेस के हितों की रक्षा करने का काम कर रही है.

जयराम ठाकुर ने कहा, "सुक्खू सरकार जनभावना और कानून के विपरीत अपने आलाकमान के राजनैतिक मंसूबों को ध्यान में रखकर काम रही है. यह किसी भी तरह से प्रदेश के हित में नहीं है. क्या प्रदेश में दुकान लगाने वाले, विभिन्न प्रकार के उत्पाद बेचने वाले लोगों के बारे में नियामक संस्थाओं और प्रदेश के लोगों को जानने का हक नहीं हैं. क्या प्रदेश को नियमों के अनुसार चलाए जाने के बजाय दिल्ली आलाकमान के राजनैतिक मंसूबों के हिसाब से चलाया जाएगा. सरकार सिर्फ इसलिए बैकफुट पर जा रही है. क्योंकि यह फैसला योगी मॉडल के तहत किया गया है".

जयराम ठाकुर ने कहा, "कांग्रेस के मंत्री ने भी कहा कि यह फैसला योगी मॉडल और प्रदेश के हितों के ध्यान में रखकर किया गया है. यदि किसी प्रदेश में कोई अच्छी पॉलिसी लागू है तो उसे दूसरी जगह लागू करने में क्या बुराई है? किसी नियम और नीति का विरोध इस आधार पर नहीं किया जाना चाहिए कि वह विपक्षी पार्टी के नेताओं द्वारा पहले कहीं लागू किया जा चुका है".

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता जनभावना को समझ कर अपनी बात तो रखते हैं. लेकिन जैसे ही आलाकमान अपनी आंखे दिखाता है तो वह विचलित हो जाते हैं और अपने बयान से मुकर जाते हैं. कांग्रेस सरकार के एक मंत्री सदन के अंदर बयान देकर कुर्सी जाने के डर से पलट जाते हैं तो दूसरे मंत्री सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर कर योगी मॉडल लागू करने की सूचना देते हैं.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुक्खू सरकार के एक मंत्री मीडिया को बाकायदा बुलाकर कहते हैं कि हिमाचल के हितों को ध्यान में रखते हुए यूपी मॉडल लागू किया है और दिल्ली से फोन आते ही पलट जाते हैं. मैंने पहले ही कहा था कि विक्रमादित्य अपने बयान पर कायम नहीं रह पाएंगे. क्योंकि दिल्ली के दबाव के आगे कांग्रेस नेताओं के पैर कांपने लगते हैं. हिमाचल के नेता दिल्ली के दबाव के आगे प्रदेश के हितों से समझौता कर रहे हैं, यह दुःखद है. हिमाचल के हितों को सुक्खू सरकार अपनी सार्वधिक प्रमुखता की सूची में रखे और प्रदेश का माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे.

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