जयपुर: बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वहां की सरकार से तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की है. उन्होंने भारत सरकार से भी इसके लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है.
अशोक गहलोत ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर जारी बयान में कहा, बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से धार्मिक अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रही लक्षित हिंसा बेहद निंदनीय है. वहां की सेना और नई कार्यकारी सरकार को अविलंब इस हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए. भारत सरकार तथा अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भी वहां हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास करने चाहिए.
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से धार्मिक अल्पसंख्यक हिन्दुओं के खिलाफ हो रही लक्षित हिंसा बेहद निंदनीय है। वहां की सेना और नई कार्यकारी सरकार को अविलंब इस हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए एवं भारत सरकार तथा अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भी वहां हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 14, 2024
1971 में शरणार्थी शिविरों में दी थी सेवा: अशोक गहलोत बोले, यह उनके लिए व्यक्तिगत तौर पर बेहद दुखदायी है. क्योंकि जब 1971 में इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश को आजादी दिलवाई थी. तब तरुण शांति सेना के माध्यम से उन्हें भी भारत-बांग्लादेश के सीमावर्ती क्षेत्र में आए शरणार्थियों के शिविरों में सेवा करने का अवसर मिला था. उस देश में सत्ता परिवर्तन के नाम पर शुरू हुए राजनीतिक बदलाव को धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में बदलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है.