इटावा : जसवंतनगर में रावण दहन की तारीख बदल दी गई है. रामलीला समिति के प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू व संयोजक अजेंद्र सिंह गौर के अनुसार सदियों से दूसरे दिन रावण वध की परंपरा चली आ रही है. रामलीला में रावण को जलाया नहीं जाता है, बल्कि उसका वध किया जाता है. पूरे देश में 12 अक्टूबर को दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. वहीं उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में दशहरा 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन रावण वध भी किया जाएगा. पंचक लगने के कारण इस साल दशहरा का पर्व 12 अक्टूबर के बजाय 13 अक्टूबर को मनाने का निर्णय लिया गया है.
इटावा की 165 साल पुरानी रामलीला : इटावा जिले में अंतर्राष्ट्रीय मैदानी रामलीला पिछले 165 वर्षों से परंपरागत तरीके से आयोजित की जा रही है. इस रामलीला का आयोजन 1860 से जसवंतनगर में हो रहा है. इसकी प्रसिद्धि अब विश्वभर में है. साल 2005 में यूनेस्को द्वारा इसे सम्मानित भी किया गया था. तबसे इसका महत्व और बढ़ गया है. अपनी पारंपरिक शैली के कारण यह रामलीला साल दर साल और भव्य होती जा रही है, जिसे लोग काफी पसंद करते हैं.
पंचक के कारण 13 अक्टूबर को होगा रावण वध : अंतरराष्ट्रीय मैदानी रामलीला के प्रबंधक ठाकुर अजेंद्र गौर ने बताया कि पंचक लगने के कारण जसवंतनगर में दशहरा पर्व 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा. उनका कहना है कि पंचक खत्म होने के बाद ही रावण वध किया जाएगा. इसलिए 12 अक्टूबर को रावण का दहन नहीं होगा. जसवंतनगर की परंपरागत मान्यताओं और पंचक के कारण यहां 13 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा. इसी दिन रावण का वध किया जाएगा.