नई दिल्ली: इस साल तीन अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हुई थी. इस दौरान दिल्ली में 1000 से अधिक जगहों पर रामलीला, डांडिया व दशहरा कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस 11 दिन के त्योहारी सीजन को लेकर दिल्ली में व्यापारियों और उद्यमियों के शीर्ष संगठन चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने रिपोर्ट जारी की है.
सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि इस साल 11 दिन के त्योहार के दौरान दिल्ली में करीब एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने का अनुमान है. रामलीलाओं, डांडिया, दशहरा के दौरान कलाकार, मेकअप आर्टिस्ट, टेंट, एलईडी, साउंड, लाइट, म्यूजिक, क्रेन, पोशाक, पुतले बनाने वाले, चाट-पकौड़ी, झूले और खिलौने वालों आदि को कारोबार मिलता है. इसलिए नवरात्रि का अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है. इस दौरान लोग अपने परिवार के साथ निकलकर जमकर पैसा खर्च करते हैं.
600 से अधिक रामलीलाओं का आयोजन: दरअसल, दिल्ली में रामलीला भले ही तीन अक्टूबर शुरू हुई थी, लेकिन इनसे जुड़े लोग महीनों पहले काम शुरू कर देते हैं. रामलीला कमेटियों का बजट एक करोड़ रुपये से 25 करोड़ रुपये तक जाता है. दिल्ली रामलीला महासंघ के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि इस बार दिल्ली में 600 से अधिक जगहों पर रामलीलाओं का आयोजन किया गया. इससे लाखों लोगों को रोजगार मिला. अलग अलग रामलीलाओं में रामेश्वर धाम, केदारनाथ मंदिर आदि की तर्ज पर मंच और गेट सजाए गए. इस बार रामलीलाओं और दशहरा कार्यक्रम में हाईटेक तकनीक और एआई का भी इस्तेमाल किया गया.
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दिल्ली में इतने करोड़ के व्यापार का अनुमान: वहीं, कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा व्यापारिक केंद्र माने जाने वाले देश के 70 शहरों में कराए गए सर्वे में सामने आया है कि इस साल रक्षा बंधन से दीवाली, यानी त्योहारी सीजन में 4.25 लाख करोड़ का व्यापार होने का अनुमान लगाया है. अकेले दिल्ली में ही व्यापार 75 हजार करोड़ से अधिक का हो सकता है. गत वर्ष यह आंकड़ा 3.5 लाख करोड़ रुपये का था. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि 13 नवंबर को तुलसी विवाह के बाद त्योहार का सीजन समाप्त होगा.
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