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सरगुजा में दिखी ग्रे वुल्फ की विलुप्त हो रही प्रजाति,संरक्षण की उठी मांग - GRAY WOLF

सरगुजा के जंगलों में विलुप्त हो रहे भेड़िए की प्रजाति ग्रे वुल्फ देखी गई है.

gray wolf seen in Surguja
ग्रे वुल्फ की विलुप्त हो रही प्रजाति (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 20, 2024, 6:54 PM IST

सरगुजा : सरगुजा में भेड़िया की विलुप्त हो रही प्रजाति ग्रे वुल्फ देखा गया है. इस प्रजाति से जुड़ा एक भेड़िया अंबिकापुर शहर से लगे थोर, लब्जी गांव के चट्टान और ग्रास लैण्ड में विचरण करता देखा जाता है. ये भेड़िया अकेला है और छोटे जानवरों का शिकार कर अपना पेट भरता है. अकेला होने के कारण भेड़िया कुत्तों के संपर्क में है और मादा डॉग्स के साथ मेटिंग करता भी देखा गया है.भेड़िया इंसानों के लिए खतरनाक होता है.लेकिन अकेला भेड़िया खतरनाक नहीं है, ये जब झुंड में होते हैं तो इंसानों पर हमला कर देते हैं. फिलहाल चिंता इस भेड़िये के संरक्षण की है, क्योंकि देश मे इंडियन ग्रे वुल्फ कम ही बचे हैं.


झुंड में हमला करता है भेड़िया : सरगुजा वन्य जीव प्रेमी डॉ. हिमांशु गुप्ता कहते हैं कि सरगुजा के थोर गांव के आसपास जो ग्रास लैंड है. वहां एक भेड़िया जनवरी में पहली बार देखा गया. हाल ही में फिर उस भेड़िये को देखा गया, ये इंडियन ग्रे वुल्फ प्रजाति है. अच्छी बात ये है कि इस तरह की प्रजाति पहले रिकॉर्ड नही की गई थी.अब देखी जा रही है इसका मतलब है ये कि वो क्षेत्र उनको पसंद आ रहा है. भेड़िया से इंसानों को खतरा है, जैसे अभी उत्तरप्रदेश के बहराइच में देखा गया कि भेड़िये ने इंसानों पर हमला किया लेकिन वो काफी बड़ा ग्रुप था. ये अकेला भेड़िया है ये हमला नही करता है जब तक आप उसको छेड़ेंगे नही.



एक अच्छी बात नही है कि ये अब कुत्तों के साथ इतना घुल मिल गया है कि इनका प्रजनन कुत्तों के साथ हो रहा है. इनसे पैदा हुए बच्चों को हाइब्रिड वुल्फ बोला जाता है, ये मिले जुले होते हैं, कुछ असर कुत्तों का कुछ भेड़िये का होता है, ये भेड़िया कुत्तों और इंसानों के साथ काफी घुला मिला है.भेड़िया सामान्यतः इंसानों पर हमला नहीं करता है, मैं भी वहां पर खड़ा था और भेड़िया वहां बगल से निकल गया, वन्य जीव संरक्षण विभाग को उस क्षेत्र को अच्छी तरह से एक बाद जांच करना चाहिए कि इस तरह की कितनी संभावना है, उसे संरक्षित करें, कचरे से मुक्त करें, क्योंकि प्रवासी पक्षी भी उस क्षेत्र में देखे गए हैं- डॉ हिमांशु गुप्ता, वन्यजीव प्रेमी

gray wolf
ग्रे वुल्फ की प्रजाति हो रही विलुप्त (ETV Bharat Chhattisgarh)

झारखंड में बना है भेड़िया अभयारण्य : विलुप्त हो रहे भेड़िए के संरक्षण के लिए 1976 में झारखंड के लातेहार जिले में पलामू टाइगर रिजर्व के अंतर्गत भेड़िया अभयारण्य बनाने की घोषणा की गई थी. महुआडांड़ में स्थित यह भारत का एकमात्र भेड़िया अभयारण्य है. भेड़िया अभयारण्य छत्तीसगढ़ की सीमा सरगुजा के गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व तक 63.256 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है. महुआडांड अभयारण्य में 100 से ज्यादा भेड़िया हैं.जबकि भारत में करीब तीन हजार भेड़िया ही बचे हैं.

सरगुजा में दिखी ग्रे वुल्फ की विलुप्त हो रही प्रजाति (ETV Bharat Chhattisgarh)
भेड़ियों को संरक्षण की जरुरत : अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने 2023 में भेड़िये को अपनी रेड लिस्ट में डाला था यानी ये लुप्तप्राय जीव हैं और इनका संरक्षण किया जाना चाहिए. भेड़िया के संरक्षण के लिए भी कदम उठाए गए हैं. भारत सरकार ने भी भेड़िया को संरक्षित वन्य जीव घोषित किया है. भारत में भेड़िया की प्रजाति को इंडियन ग्रे वुल्फ कहा जाता है, जो विलुप्त होने की कगार पर हैं. चलो चौपटी में इंतजाम हुए चौपट, सन्नाटा में दिन बीता रहे दुकानदार, शाम को बनाता है प्रेमियों का अड्डा

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सरगुजा : सरगुजा में भेड़िया की विलुप्त हो रही प्रजाति ग्रे वुल्फ देखा गया है. इस प्रजाति से जुड़ा एक भेड़िया अंबिकापुर शहर से लगे थोर, लब्जी गांव के चट्टान और ग्रास लैण्ड में विचरण करता देखा जाता है. ये भेड़िया अकेला है और छोटे जानवरों का शिकार कर अपना पेट भरता है. अकेला होने के कारण भेड़िया कुत्तों के संपर्क में है और मादा डॉग्स के साथ मेटिंग करता भी देखा गया है.भेड़िया इंसानों के लिए खतरनाक होता है.लेकिन अकेला भेड़िया खतरनाक नहीं है, ये जब झुंड में होते हैं तो इंसानों पर हमला कर देते हैं. फिलहाल चिंता इस भेड़िये के संरक्षण की है, क्योंकि देश मे इंडियन ग्रे वुल्फ कम ही बचे हैं.


झुंड में हमला करता है भेड़िया : सरगुजा वन्य जीव प्रेमी डॉ. हिमांशु गुप्ता कहते हैं कि सरगुजा के थोर गांव के आसपास जो ग्रास लैंड है. वहां एक भेड़िया जनवरी में पहली बार देखा गया. हाल ही में फिर उस भेड़िये को देखा गया, ये इंडियन ग्रे वुल्फ प्रजाति है. अच्छी बात ये है कि इस तरह की प्रजाति पहले रिकॉर्ड नही की गई थी.अब देखी जा रही है इसका मतलब है ये कि वो क्षेत्र उनको पसंद आ रहा है. भेड़िया से इंसानों को खतरा है, जैसे अभी उत्तरप्रदेश के बहराइच में देखा गया कि भेड़िये ने इंसानों पर हमला किया लेकिन वो काफी बड़ा ग्रुप था. ये अकेला भेड़िया है ये हमला नही करता है जब तक आप उसको छेड़ेंगे नही.



एक अच्छी बात नही है कि ये अब कुत्तों के साथ इतना घुल मिल गया है कि इनका प्रजनन कुत्तों के साथ हो रहा है. इनसे पैदा हुए बच्चों को हाइब्रिड वुल्फ बोला जाता है, ये मिले जुले होते हैं, कुछ असर कुत्तों का कुछ भेड़िये का होता है, ये भेड़िया कुत्तों और इंसानों के साथ काफी घुला मिला है.भेड़िया सामान्यतः इंसानों पर हमला नहीं करता है, मैं भी वहां पर खड़ा था और भेड़िया वहां बगल से निकल गया, वन्य जीव संरक्षण विभाग को उस क्षेत्र को अच्छी तरह से एक बाद जांच करना चाहिए कि इस तरह की कितनी संभावना है, उसे संरक्षित करें, कचरे से मुक्त करें, क्योंकि प्रवासी पक्षी भी उस क्षेत्र में देखे गए हैं- डॉ हिमांशु गुप्ता, वन्यजीव प्रेमी

gray wolf
ग्रे वुल्फ की प्रजाति हो रही विलुप्त (ETV Bharat Chhattisgarh)

झारखंड में बना है भेड़िया अभयारण्य : विलुप्त हो रहे भेड़िए के संरक्षण के लिए 1976 में झारखंड के लातेहार जिले में पलामू टाइगर रिजर्व के अंतर्गत भेड़िया अभयारण्य बनाने की घोषणा की गई थी. महुआडांड़ में स्थित यह भारत का एकमात्र भेड़िया अभयारण्य है. भेड़िया अभयारण्य छत्तीसगढ़ की सीमा सरगुजा के गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व तक 63.256 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है. महुआडांड अभयारण्य में 100 से ज्यादा भेड़िया हैं.जबकि भारत में करीब तीन हजार भेड़िया ही बचे हैं.

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भेड़ियों को संरक्षण की जरुरत : अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने 2023 में भेड़िये को अपनी रेड लिस्ट में डाला था यानी ये लुप्तप्राय जीव हैं और इनका संरक्षण किया जाना चाहिए. भेड़िया के संरक्षण के लिए भी कदम उठाए गए हैं. भारत सरकार ने भी भेड़िया को संरक्षित वन्य जीव घोषित किया है. भारत में भेड़िया की प्रजाति को इंडियन ग्रे वुल्फ कहा जाता है, जो विलुप्त होने की कगार पर हैं. चलो चौपटी में इंतजाम हुए चौपट, सन्नाटा में दिन बीता रहे दुकानदार, शाम को बनाता है प्रेमियों का अड्डा

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