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सचिवालय कर्मचारी महासंघ की सुक्खू सरकार को दो टूक, न डरे हैं...न झुके हैं...लेकर रहेंगे अपना हक - Pending DA and arrears

हिमाचल में पिछले एक महीने से डीए और छठे वेतनमान का संशोधित एरियर को लेकर कर्मचारियों ने एक बार फिर सरकार को चेतावनी दी है. हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के नेताओं ने कहा कि कर्मचारी अपना अधिकार मांग रहे हैं. ऐसे में किसी को भी इस बात पर शंका नहीं होनी चाहिए कि महासंघ अपनी लड़ाई से पीछे हट गया है.

हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ की प्रेस कॉन्फ्रेंस
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ की प्रेस कॉन्फ्रेंस (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 27, 2024, 6:32 PM IST

Updated : Sep 27, 2024, 7:44 PM IST

शिमला: हिमाचल में पिछले एक महीने से डीए और छठे वेतनमान का संशोधित एरियर को लेकर संघर्ष कर रहे कर्मचारियों के सब्र का बांध अब फिर से जवाब देने लगा है. शिमला में शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने सुक्खू सरकार को दो टूक चेतावनी दी है कि सचिवालय के कर्मचारी न तो डरा है, न झुका है और न ही बिका है.

संजीव शर्मा ने कहा कि, 'कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री की तरफ से वार्ता के लिए निमंत्रण आने के बाद अपने प्रस्तावित जरनल हाउस को स्थगित करने का निर्णय लिया था, लेकिन कर्मचारियों का अपनी मांगों को लेकर संघर्ष अभी भी जारी है, जिसे वो लेकर ही रहेंगे. जनरल हाउस को इसलिए स्थगित किया गया था कि कर्मचारियों की सरकार के साथ वार्ता चली हैं. दूसरा मुख्यमंत्री के सचिव राजेश कंवर ने कर्मचारियों के पांचों संगठनों से डिमांड चार्टर मांगा है, जिसके लिए कर्मचारियों को 30 सितंबर तक मुख्य सचिव के साथ वार्ता कराए जाने को लेकर आश्वस्त कराया गया हैं. कर्मचारियों को ये भी भरोसा दिया गया है कि जैसे ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वस्थ होकर आएंगे. हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ से उनकी वार्ता कराई जाएगी. इन सभी कारणों को देखते हुए कर्मचारियों ने अपने आंदोलन को स्थगित किया है, लेकिन इसके बाद भी अगर वार्ता को नहीं बुलाया जाता है तो कर्मचारी फिर से रोष प्रदर्शन करेंगे.'

हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ की प्रेस कॉन्फ्रेंस (Etv Bharat)

संजीव शर्मा ने कहा कि, '17 सितंबर को महासंघ का राज्य सचिवालय के प्रांगण में जनरल हाउस प्रस्तावित था, लेकिन 16 सितंबर को ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सचिव का वार्ता के लिए फोन आया था. इसके बाद 17 सितंबर को होने वाले जनरल हाउस को स्थगित किया गया था. मुख्यमंत्री के सचिव ने कहा कि सीएम का स्वास्थ्य खराब हो गया है, इसलिए सीएम ने वार्ता के लिए मुझे अधिकृत किया है, जिसके बाद 21 सितंबर को मुख्यमंत्री के सचिव राजेश कंवर के साथ वार्ता हुई थी, जिसमें प्रिविलेज मोशन और कर्मचारियों को जारी मैमो को वापस लेने की पहली मांग रखी गई थी. इसी तरह से कर्मचारियों को 1 जुलाई 2022 से लंबित 21 महीने के डीए की किस्त भी जल्द से जल्द कर्मचारियों को दिए जाने और अन्य मांगों को भी प्रमुखता के साथ रखा गया. कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं. वह अपना अधिकार मांग रहे हैं. ऐसे में किसी को भी इस बात पर शंका नहीं होनी चाहिए कि महासंघ अपनी लड़ाई से पीछे हट गया है.'

ये भी पढ़ें: मस्जिद विवाद के बीच 'शिमला फॉर पीस एंड हार्मनी' का सद्भावना मार्च, जनता से की शांति की अपील

ये भी पढ़ें: लंबित DA और एरियर को लेकर CM के सचिव के साथ बैठक रही बेनतीजा, अब सचिवालय संघ मुख्यमंत्री से करेगा मुलाकात

शिमला: हिमाचल में पिछले एक महीने से डीए और छठे वेतनमान का संशोधित एरियर को लेकर संघर्ष कर रहे कर्मचारियों के सब्र का बांध अब फिर से जवाब देने लगा है. शिमला में शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने सुक्खू सरकार को दो टूक चेतावनी दी है कि सचिवालय के कर्मचारी न तो डरा है, न झुका है और न ही बिका है.

संजीव शर्मा ने कहा कि, 'कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री की तरफ से वार्ता के लिए निमंत्रण आने के बाद अपने प्रस्तावित जरनल हाउस को स्थगित करने का निर्णय लिया था, लेकिन कर्मचारियों का अपनी मांगों को लेकर संघर्ष अभी भी जारी है, जिसे वो लेकर ही रहेंगे. जनरल हाउस को इसलिए स्थगित किया गया था कि कर्मचारियों की सरकार के साथ वार्ता चली हैं. दूसरा मुख्यमंत्री के सचिव राजेश कंवर ने कर्मचारियों के पांचों संगठनों से डिमांड चार्टर मांगा है, जिसके लिए कर्मचारियों को 30 सितंबर तक मुख्य सचिव के साथ वार्ता कराए जाने को लेकर आश्वस्त कराया गया हैं. कर्मचारियों को ये भी भरोसा दिया गया है कि जैसे ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वस्थ होकर आएंगे. हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ से उनकी वार्ता कराई जाएगी. इन सभी कारणों को देखते हुए कर्मचारियों ने अपने आंदोलन को स्थगित किया है, लेकिन इसके बाद भी अगर वार्ता को नहीं बुलाया जाता है तो कर्मचारी फिर से रोष प्रदर्शन करेंगे.'

हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ की प्रेस कॉन्फ्रेंस (Etv Bharat)

संजीव शर्मा ने कहा कि, '17 सितंबर को महासंघ का राज्य सचिवालय के प्रांगण में जनरल हाउस प्रस्तावित था, लेकिन 16 सितंबर को ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सचिव का वार्ता के लिए फोन आया था. इसके बाद 17 सितंबर को होने वाले जनरल हाउस को स्थगित किया गया था. मुख्यमंत्री के सचिव ने कहा कि सीएम का स्वास्थ्य खराब हो गया है, इसलिए सीएम ने वार्ता के लिए मुझे अधिकृत किया है, जिसके बाद 21 सितंबर को मुख्यमंत्री के सचिव राजेश कंवर के साथ वार्ता हुई थी, जिसमें प्रिविलेज मोशन और कर्मचारियों को जारी मैमो को वापस लेने की पहली मांग रखी गई थी. इसी तरह से कर्मचारियों को 1 जुलाई 2022 से लंबित 21 महीने के डीए की किस्त भी जल्द से जल्द कर्मचारियों को दिए जाने और अन्य मांगों को भी प्रमुखता के साथ रखा गया. कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं. वह अपना अधिकार मांग रहे हैं. ऐसे में किसी को भी इस बात पर शंका नहीं होनी चाहिए कि महासंघ अपनी लड़ाई से पीछे हट गया है.'

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Last Updated : Sep 27, 2024, 7:44 PM IST
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