भोपाल। मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार युवा, बेराजगार, महिला, बुजुर्ग और बच्चों समेत अन्य वर्गों को साधने के लिए कई लोक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. दरअसल, इन योजनाओं का क्रियान्वयन तभी संभव हो पाता है, जब सरकारी कर्मचारी पूरी निष्ठा से काम करें. लेकिन वही कर्मचारी सरकार से परेशान हैं. इसका कारण प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को प्रस्तावित 4 प्रतिशत डीए नहीं मिलना है. इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को खासा नुकसान हो रहा है.
हर माह 620 से 5640 रुपये तक नुकसान
बता दें कि सरकार ने जनवरी 2024 से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स का डीए नहीं बढ़ाया है. इसके लिए बीते 8 महीने से कर्मचारी संगठन सरकार को ज्ञापन सौंप रहे हैं. मंत्रियों को पत्र लिख रहे हैं. लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है. राज्य में 7.50 लाख कार्यरत एवं 4.50 लाख सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जनवरी 2024 से महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत न मिलने से कर्मचारियों को हर महीने लगभग 620 रुपये से 5640 रुपये तक का नुकसान हो रहा है.
सरकार ने 4 प्रतिशत डीए न देकर बचाए 800 करोड़
कर्मचारी नेता उमाशंकर तिवारी ने बताया "कर्मचारियों को जनवरी 2024 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्रदान न करने से 8 महीने में सरकार ने लगभग 800 करोड़ रुपये बचा लिए. कर्मचारियों को महंगाई भत्ता महंगाई राहत अभी तक नहीं मिला. लेकिन महंगाई बराबर बढ़ रही है. हर वस्तु के दाम बढ़ रहे हैं. राज्य सरकार को भी केंद्र सरकार की तरह जनवरी 2024 से महंगाई भत्ता व महंगाई राहत में 4 प्रतिशत वृद्धि करना चाहिए." तिवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से बढ़ती महंगाई का सामना करने के लिए जनवरी 2024 से महंगाई भत्ते में वृद्धि करने की मांग की है.
एमपी के कर्मचारियों को केंद्र की तुलना में 4 प्रतिशत कम डीए
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया "प्रदेश सरकार द्वारा सभी वर्गों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी की जा रही है. प्रदेश की लाडली बहनों हर महीने मिलने वाली 1250 के अतिरिक्त 250 रुपए रक्षाबंधन का उपहार लाडली लक्ष्मी को सौगातें दी जा रही हैं. नगर निगम नगर पालिका सभी में जनप्रतिनिधियों को मानदेय में वृद्धि की गई. दिनोंदिन बढ़ती महंगाई के बावजूद 8 महीने से प्रदेश के कर्मचारीयों को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता/ राहत नहीं दी गई है, जिससे राज्य कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों से 4 प्रतिशत पीछे हैं." बता दें कि केंद्रीय कर्मचरियों को वर्तमान में 50 और राज्य के कर्मचारियों को 46 प्रतिशत डीए मिल रहा है.