कोरबा: कोरबा और कटघोरा वनमंडल में उत्पात मचाने वाले हाथियों का दो दल यहां से कूच कर गया है. ये हाथी अब सूरजपुर और धरमजयगढ़ कूच कर चुके हैं. जबकि 49 हाथियों का दल अभी भी कटघोरा वनमंडल के एतमानगर वन परिक्षेत्र में डेरा डाले हुए है. इन हाथियों की निगरानी वन विभाग लगातार ड्रोन कैमरे से कर रहा है. इस काम में वन विभाग का मैदानी अमला लगा हुआ है.
हाथियों ने फसलों को पहुंचाया नुकसान: कटघोरा वनमंडल के केंदई रेंज में 11 हाथियों का दल सरगुजा के जंगलों से पहुंचा था. हाथियों का यह दल तीन दिनों तक क्षेत्र में लगातार उत्पात मचाए हुए था. खेतों में धान की फसलों को भी हाथियों ने नुकसान पहुंचाया. जिसकी वजह से वन विभाग के साथ साथ ग्रामीण भी परेशान थे. अब हाथियों का यह उत्पाती दल सूरजपुर के जंगलों में पहुंच गया है. हाथियों के दीगर जिले में जाने से ग्रामीणों और वन विभाग ने राहत की सांस ली है.
लोनर हाथी को छोड़ कुदमुरा से हाथी पहुंचे धरमजयगढ़ : इसी तरह कोरबा वनमंडल के कुदमुरा रेंज में भी धरमजयगढ़ क्षेत्र से 10 हाथी पहुंच गए थे, जो जिल्गा के जंगल में डेरा डालकर दिन भर विश्राम करते थे और रात में ग्रामीणों की खेतों में पहुंचकर धान की फसल को नुकसान पहुंचा रहे थे. हाथियों के इस दल ने लोनर हाथी को छोड़कर वापस धरमजयगढ़ का रूख कर लिया है. दल से अलग हुआ लोनर हाथी अब कलमीटिकरा परिसर पहुंच गया है. इस एलिफेंट को सुबह यहां के जंगल में विचरण करते हुए देखा गया है. इसकी जानकारी ग्रामीणों ने वन विभाग को दी है. जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर लोनर हाथियों की निगरानी कर रहा है. ताजा सूचना के मुताबिक हाथियों का दो दल दीगर क्षेत्र में चला गया है.
हाथियों का एक दल अब भी कटघोरा वनमंडल में मौजूद है. इस दल में हाथियों की संख्या 49 है. हाल ही में कुछ हाथी सूरजपुर की तरफ लौट गए हैं, लेकिन जो हाथी मौजूद हैं, वह फसल को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. ग्रामीणों को हिदायत दी जा रही है कि जंगल की तरफ ना जाएं, लगातार वन विभाग हाथियों की निगरानी में लगा हुआ है. इनके द्वारा नुकसान पहुंछाए जाने पर मुआवजा प्रकरण भी तैयार किया जा रहा है: कुमार निशांत, डीएफओ, कटघोरा
कटघोरा वनमंडल के एतमानगर में 49 हाथी मौजूद: 49 हाथियों का दल एतमानगर जंगल में विचरण कर रहा है. हाथियों के इस दल ने बीती रात कोर्ई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन खेतों में पहुंचकर वहां लगे धान की फसल को रौंद डाला है. जिससे ग्रामीणों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. हाथियों के इस क्षेत्र में लंबे समय से जमे रहने से ग्रामीण परेशान हैं. हाथियों का यह दल कभी एतमानगर पहुंच जाता है तो कभी पसान जटगा और केंदई क्षेत्र में दस्तक देता है. यहां ग्रामीणों की फसल को लगातार हाथी नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिससे यहां के रहवासियों में काफी गुस्सा है.