हल्द्वानी/ रानीखेत: उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में हो रही भीषण गर्मी से लोग हलकान हैं. भीषण गर्मी से जल स्त्रोत भी सूख चुके हैं, जिससे लोगों को पानी की समस्या से भी दो-चार होना पड़ रहा है. आलम ये है कि हल्द्वानी और रानीखेत में बिजली कटौती और पेयजल संकट हो गया है, जिससे हाहाकार मची हुई है. बिजली पानी को लेकर लोग जगह-जगह धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.
बता दें कि हल्द्वानी के कई क्षेत्रों में पीने का पानी उपलब्ध नहीं है और लोगों को कई-कई घंटे बिजली की कटौती का भी सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में विधायक सुमित हृदयेश ने अपने आवास पर बिजली विभाग और जल संस्थान के साथ-साथ अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की. इसी बीच विधायक ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि तीन दिनों के भीतर बिजली- पानी की व्यवस्था ठीक नहीं हुई, तो वह सरकार और अधिकारियों के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे.
विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि बिजली और पानी का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन विभाग के पास इस समस्या का कोई समाधान नहीं है. बिजली की कोई कमी नहीं है, लेकिन विभाग के पास सप्लाई करने के लिए उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते बार-बार बिजली कटौती हो रही है और लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है.
रानीखेत में पेयजल संकट और यातायात अव्यवस्था को लेकर संयुक्त मजिस्ट्रेट वरूणा अग्रवाल ने विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में पेयजल और यातायात व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जनता को परेशानी न हो. छावनी परिषद के अनुभाग अधिकारियों ने बताया कि उपलब्ध जल के हिसाब से नगर में अलग-अलग इलाकों में एक दिन छोड़कर जलापूर्ति की जा रही है. साथ ही वाहनों के जरिए भी पेयजल वितरण किया जा रहा है.
पेयजल आपूर्ति के समय कुछ लोगों द्वारा मोटरपंप से पानी खींचने की शिकायत पर संयुक्त मजिस्ट्रेट ने बिजली विभाग को पेयजल आपूर्ति के समय शटडाउन करने के निर्देश दिए हैं. जिससे पानी की आपूर्ति सभी को सामान्य रूप से हो सके. वहीं, सार्वजनिक सड़कों पर वाहनों को खड़ा किए जाने की आ रही शिकायतों पर संयुक्त मजिस्ट्रेट ने संबंधित विभागों से निर्धारित पार्किंग स्थलों पर ही वाहनों को खड़ा करने के निर्देश दिए हैं.
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