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जिला अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने किया कमाल, 80 साल के बुजुर्ग को दिया नया जीवनदान - ELDERLY MAN GETS ALIVE

बाड़मेर में डॉक्टरों ने 80 साल के बुजुर्ग को जीवनदान दिया है. पढ़िए पूरी खबर...

बुजुर्ग को जीवनदान
बुजुर्ग को जीवनदान (फोटो ईटीवी भारत बाड़मेर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 14, 2024, 11:29 AM IST

बाड़मेर : राजस्थान के बाड़मेर जिला अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने कमाल करते हुए 80 वर्षीय एक बुजुर्ग को जीवनदान दिया है. आपातकालीन वार्ड में बुजुर्ग की एक बार तो सांसें थम गई थी, लेकिन जिला अस्पताल के डॉक्टरों की टीम के भरसक प्रयासों से बुजुर्ग की सांसें लौट आई. इसपर बुजुर्ग के परिवार ने चिकित्सकों की टीम का आभार जताया.

बुजुर्ग की बेटी हर्षा जैन ने बताया कि उसके पिता केसरीमल जैन की उम्र कारीब 80 वर्ष है. पांच दिन पहले रात को अचानक सांस लेने में उन्हें दिक्कत हुई, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में लेकर पहुंचे. यहां गम्भीर हालत में उनकी अचानक सांसे थम गई जिसपर उन्हें मृत मान लिया गया था. इसके बाद भी डॉ. जगदीश कुमावत और उनकी पूरी टीम ने मेहनत से उनके पिता की सांसे फिर से लौटा दी. अब उनके पिता के स्वास्थ्य में काफी सुधार है.

पढ़ें. चिकित्सकों ने 3 साल की बच्ची को दिया नया जीवन, श्वास नली से ऑपरेशन कर निकाला मक्के का दाना

डॉक्टर जगदीश कुमावत ने बताया कि आपातकालीन वार्ड में बुजुर्ग बेहोशी की हालत में थे. यहां पर आए तब तक उनकी धड़कन भी बंद हो चुकी थी. डॉक्टर अजय कृष्ण ने हाथों-हाथ सीपीआर किया, जिससे बुजुर्ग की पल्स और हार्ट बीट लौट आई. इसके बाद वेंटिलेटर पर भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया. सीपीआर एक प्रोसेस होता है, जिसमें छाती दबाकर मरीज को बचाया जाता है. मरीज केसरीमल की उम्र भी काफी थी, लेकिन फिर वे रिवाइव हुए हैं. इसके बाद वो यहां पर 3 दिन वेंटिलेटर पर रहे. उन्होंने बताया कि सीपीआर के बाद वेंटिलेटर पर रहने के वाले ऐसे मरीज को बचा पाना हमारे लिए भी एक उपलब्धि है.

बाड़मेर : राजस्थान के बाड़मेर जिला अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने कमाल करते हुए 80 वर्षीय एक बुजुर्ग को जीवनदान दिया है. आपातकालीन वार्ड में बुजुर्ग की एक बार तो सांसें थम गई थी, लेकिन जिला अस्पताल के डॉक्टरों की टीम के भरसक प्रयासों से बुजुर्ग की सांसें लौट आई. इसपर बुजुर्ग के परिवार ने चिकित्सकों की टीम का आभार जताया.

बुजुर्ग की बेटी हर्षा जैन ने बताया कि उसके पिता केसरीमल जैन की उम्र कारीब 80 वर्ष है. पांच दिन पहले रात को अचानक सांस लेने में उन्हें दिक्कत हुई, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में लेकर पहुंचे. यहां गम्भीर हालत में उनकी अचानक सांसे थम गई जिसपर उन्हें मृत मान लिया गया था. इसके बाद भी डॉ. जगदीश कुमावत और उनकी पूरी टीम ने मेहनत से उनके पिता की सांसे फिर से लौटा दी. अब उनके पिता के स्वास्थ्य में काफी सुधार है.

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डॉक्टर जगदीश कुमावत ने बताया कि आपातकालीन वार्ड में बुजुर्ग बेहोशी की हालत में थे. यहां पर आए तब तक उनकी धड़कन भी बंद हो चुकी थी. डॉक्टर अजय कृष्ण ने हाथों-हाथ सीपीआर किया, जिससे बुजुर्ग की पल्स और हार्ट बीट लौट आई. इसके बाद वेंटिलेटर पर भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया. सीपीआर एक प्रोसेस होता है, जिसमें छाती दबाकर मरीज को बचाया जाता है. मरीज केसरीमल की उम्र भी काफी थी, लेकिन फिर वे रिवाइव हुए हैं. इसके बाद वो यहां पर 3 दिन वेंटिलेटर पर रहे. उन्होंने बताया कि सीपीआर के बाद वेंटिलेटर पर रहने के वाले ऐसे मरीज को बचा पाना हमारे लिए भी एक उपलब्धि है.

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