शिमला: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बीजेपी पर निशाना साधा है. रोहित ठाकुर ने कहा है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार को प्रदेश की बदहाल आर्थिक स्थिति के साथ-साथ चरमराई हुई शिक्षा व्यवस्था भी पिछली भाजपा सरकार से विरासत में मिली है. पूर्व की भाजपा सरकार की गलत नीतियों और जनविरोधी निर्णयों के कारण सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम हुई है. पिछली सरकार ने गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया.
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि, 'भाजपा सरकार की एकमात्र उपलब्धि अपने कार्यकाल के 6 महीने में राजनीतिक लाभ के लिए बिना वित्त विभाग की स्वीकृति के दो दर्जन कॉलेज और 400 नए स्कूल खोलना है. शिक्षा के स्तर में गिरावट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या घटकर आज मात्र 49,295 रह गई है. नेशनल एचीवमेंट सर्वे 2021 की रिपोर्ट के अनुसार गुणात्मक शिक्षा के मामले में हिमाचल प्रदेश फिसलकर 21वें स्थान पर पहुंच गया है. आज हालत यह हैं कि 9वीं कक्षा में पढ़ने वाला विद्यार्थी दूसरी कक्षा की पुस्तक भी नहीं पढ़ सकता है.'
इन पदों पर जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की दी जानकारी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि, 'वर्तमान कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के बाद गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए अनेक अहम कदम उठाए. अध्यापकों के 7,000 पदों को स्वीकृत किया और इन्हें भरने की प्रक्रिया जारी है. प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 2,800 पदों को बैचवाइज भरा जा रहा है, जिनमें से 1,700 अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर दिए गए हैं, जबकि बाकी 1,100 जेबीटी पदों की भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा कि 2,800 अन्य पदों को भरने की प्रक्रिया राज्य चयन आयोग के माध्यम से शुरू की जा चुकी है. इसके अतिरिक्त 700 प्रवक्ताओं की नियुक्ति प्रक्रिया अन्तिम चरण में हैं, जिन्हें भी जल्द ही नियुक्ति पत्र प्रदान कर दिए जाएंगे. वर्तमान कांग्रेस सरकार ने 95 कॉलेज प्रिंसिपल और 483 सहायक प्रोफेसर नियुक्त किए हैं. इसके अतिरिक्त 6,200 एनटीटी अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू की जाएगी.'
'शिक्षण संस्थानों से हुआ छात्रों का पलायन'
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 'वर्तमान कांग्रेस सरकार बनी तो प्रदेश में बिना अध्यापकों के 350 स्कूल, एक शिक्षक के सहारे चलने वाले स्कूलों की संख्या 3200 थी, जबकि शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 15,000 पद खाली पड़े थे. भाजपा सरकार के समय 90 प्रतिशत कॉलेज बिना प्रिंसिपल के सहारे चल रहे थे प्रिंसिपल की प्रमोशन भी रूकी हुई थी, जिसके कारण शिक्षा के स्तर में गिरावट आई और सरकारी शिक्षण संस्थानों से विद्यार्थियों का पलायन हुआ'
'पहली कक्षा से शुरू हुई अंग्रेजी मीडिया में पढ़ाई'
रोहित ठाकुर ने कहा कि पहली कक्षा से इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई शुरू की गई है. अध्यापकों को एक्सपोजर विजिट के लिए विदेशों में भेजा जा रहा है, ताकि वो बेहतर शिक्षा पद्धतियों को स्कूलों में लागू करें और शिक्षा के स्तर में सुधार आए. पढ़ाई को रोचक बनाने के लिए स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम, आधुनिक पुस्तकालय तैयार किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 850 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाए जा रहे हैं. भाजपा कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र की दुर्गति हुई, जिसके लिए जयराम ठाकुर व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार हैं. मुख्यमंत्री रहते हुए जयराम ठाकुर ने गुणात्मक शिक्षा की ओर कोई ध्यान नहीं दिया. यही कारण रहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिरा.
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