जयपुर. बीते दिनों शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अपने बयान में कहा था कि आदिवासी हिंदू हैं कि नहीं, ये उनके पूर्वजों से पूछेंगे या वंशावली लिखने वालों से पूछेंगे कि वो कौन हैं. यदि हिंदू नहीं हैं तो उनका डीएनए टेस्ट करेंगे कि क्या वो लोग अपने बाप की औलाद हैं या नहीं. दिलावर के इस बयान पर सांसद राजकुमार रोत, भारत आदिवासी पार्टी और उनके समर्थकों ने जमकर विरोध किया.
यही नहीं, आदिवासी नेता डीएनए टेस्ट के लिए अपने सैंपल देने शिक्षा मंत्री के सरकारी आवास की तरफ भी बढ़ चले थे. हालांकि, पुलिस प्रशासन ने उन्हें पहले ही रोक दिया था, लेकिन राजकुमार रोत और उनके समर्थकों ने अपना ब्लड सैंपल पुलिस को सौंपते हुए आदिवासी समाज का अपमान करने पर मदन दिलावर से अपने बयान पर माफी मांगने की मांग की थी.
हालांकि, ये मामला अभी थमा भी नहीं था कि इस बीच शिक्षा मंत्री ने अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा कि हम सब आदिवासी हैं. आदिवासी का मतलब होता है, अनादिकाल से इस धरती पर रहने वाले लोग और हमारे पूर्वज अनादि काल से यहां रह रहे हैं. हिंदुस्तान में सब हिंदुस्तानी हैं, यानी हिंदू हैं. चाहे उनकी पूजा पद्धति कुछ भी हो. इसलिए आदिवासी भी हिंदू हैं, हिंदू थे और हिंदू रहेंगे. वहीं, सांसद राजकुमार रोत और उनके समर्थकों की ओर से किए जा रहे विरोध और ब्लड सैंपल भेजे जाने पर उन्होंने कहा कि लेबोरेटरी में तो कोई भी अपना ब्लड सैंपल पहुंचा सकता है. फिलहाल, उनके घर पर कोई नहीं आया है.