नई दिल्ली: दिल्ली में आज विजयदशमी का त्योहार बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है. इस विशेष अवसर पर करोल बाग और झंडे वाला फुटपाथ पर कुंभकरण, रावण और मेघनाथ के छोटे और बड़े पुतले बेशुमार दिखाई दें रहे हैं. रावण, जो बुराई का प्रतीक है, का वध करने की परंपरा के साथ लोग उत्साह के साथ अपने-अपने घरों के लिए पुतले खरीदने के लिए निकल पड़े हैं.
पुतले बेचने वाले रविंद्र राठौर ने बताया कि उन्होंने पिछले दो-तीन महीनों से पुतले बनाने में मेहनत की है. "रामलीला की शुरुआत के साथ पिछले 8-9 दिनों से पुतलों की बिक्री तेज़ हो गई है. आज विजयदशमी है और यह इस त्योहार का अंतिम दिन है. हमारा लक्ष्य है कि रात 12:00 बजे तक सभी पुतले बिक जाएं.
रविंद्र के पास 400 रुपये से शुरू होकर 2025 रुपये तक के पुतले उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा मध्यम वर्ग के लिए पुतले लगभग एक हजार से लेकर 1100 रुपये तक के हैं. "रावण, कुंभकरण और मेघनाथ सभी के पुतले हमारे पास उपलब्ध है.
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रविंद्र ने कहा कि, "दशहरे के अवसर पर केवल बड़े पुतले ही नहीं, बल्कि छोटे पुतले भी बड़ी संख्या में बिक रहे हैं. छोटे पुतलों की खासियत यह है कि इन्हें लोग आसानी से अपने साथ लेकर जा सकते हैं, जबकि बड़े पुतले बाइक या कार में ले जाना संभव नहीं होता. यही कारण है कि छोटे पुतले खासकर युवा और मध्यम वर्ग के परिवारों के बीच अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं.
बता दें कि, "विजयदशमी का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में एकता, प्रेम और भाईचारे का संदेश भी देता है. लोग इस अवसर पर एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियां बांटते हैं, और अपने-अपने घरों को सजाते हैं
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