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विधायक आक्या ने विधानसभा में उठाया बिजली कटौती का मुद्दा, बोले- ग्रामीण अंधेरे में खाने और सोने को मजबूर - Discussion on the budget

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 16, 2024, 7:16 PM IST

विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने बिजली कटौती का मुद्दा उठाया. इसके साथ ही आक्या ने जिले में नई जेल बनाने की भी मांग की. उन्होंने सरकार के बजट को सराहते हुए कहा कि ये धरातल से जुड़ा बजट है.

आक्या ने विधानसभा में उठाया बिजली कटौती का मुद्दा
आक्या ने विधानसभा में उठाया बिजली कटौती का मुद्दा (Rajasthan Vidhansabha)

चित्तौड़गढ़ : विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने मंगलवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान बोलते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक बजट है. बजट की सराहना करते हुए आक्या ने इसे धरातल से जुड़ा बजट बताया. साथ ही बिजली कटौती की समस्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि गांवों में आज भी 3 से 5 घंटे बिजली की कटौती की जा रही है. गांव का किसान, मजदूर व आम आदमी जब दिन भर मेहनत, मजदूरी कर शाम को घर आता है, तब घर पर उसे खाने खाते समय व रात को सोते समय बिजली की सख्त आवश्यकता होती है. ऐसे में जब बिजली चली जाती है, तब उसे बहुत तकलीफ होती है. सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि शहर व गांवो में घरेलु बिजली 24 घंटे उपलब्ध रहे.

स्थानीय बेरोजगारों को मिले रोजगार : आक्या ने सदन में कहा कि चित्तौडगढ़ जिले में हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, सीमेंट इंडस्ट्रीज सहित अनेक औद्योगिक संस्थान हैं. इन संस्थानों में स्थानीय बेरोजगार युवाओं को योग्यता के अनुसार रोजगार मिले, इस दिशा में सरकार को आवश्यक कदम उठाने चाहिए. विधायक आक्या ने सरकार से गौशालाओं के लिए वर्ष में 9 माह तक दिए जाने वाली अनुदान राशि को बढ़ाकर 12 माह का किए जाने का अनुरोध किया. उन्होंने गौचर भूमि को बिलानाम में परिवर्तित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि पूर्व जिला कलेक्टर आर एस गठाला द्वारा जिले की अधिकांश बिलानाम जमीनों को गौचर मे परिवर्तित कर दिया गया था. उसे अब फिर से बिलानाम में परिवर्तित किया जाए.

इसे भी पढ़ें- विधायक आक्या ने डोडा नष्टीकरण के खिलाफ उठाई किसानों की आवाज, मुआवजे का रखा प्रस्ताव - Rajasthan Assembly Session

जेल के लिए अलग जमीन की मांग : विधायक आक्या ने सदन मे जिला मुख्यालय स्थित जेल में क्षमता से अधिक कैदी होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जिले में एनडीपीएस के केस अधिक होने की वजह से जिला मुख्यालय स्थित जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं. इस वजह से एक दो माह की सजा प्राप्त स्थानीय कैदियों को भी बाहर की जेलों में शिफ्ट कर दिया जाता है. जिले में अलग जेल भवन की सख्त आवश्यकता है. इसके लिए पूर्व में आईडेंटीफाई की गई जमीन पर कब्जे होने की वजह से अलग से जमीन अलॉट कर नवीन भवन के निर्माण की मंग की.

इसके जवाब में जेल मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने विधायक आक्या की बात को स्वीकार करते हुए कहा कि जिला जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं. यहां से साल 2023 में 430 और साल 2024 में 125 कैदियों को बाहर की जेलों में शिफ्ट किया गया था. वर्तमान में भी जेल में क्षमता 338 के मुकाबले 519 केदियों को रखा गया है. सरकार द्वारा नवीन जेल निर्माण के लिए पूर्व में 2.6 हैक्टेयर जमीन आईडेंटीफाई की गई है, लेकिन उस जमीन पर कब्जे होने की वजह से नवीन जेल का निर्माण नहीं हो पा रहा है. उन्होने विधायक आक्या से सहयोग की अपील की.

चित्तौड़गढ़ : विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने मंगलवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान बोलते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक बजट है. बजट की सराहना करते हुए आक्या ने इसे धरातल से जुड़ा बजट बताया. साथ ही बिजली कटौती की समस्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि गांवों में आज भी 3 से 5 घंटे बिजली की कटौती की जा रही है. गांव का किसान, मजदूर व आम आदमी जब दिन भर मेहनत, मजदूरी कर शाम को घर आता है, तब घर पर उसे खाने खाते समय व रात को सोते समय बिजली की सख्त आवश्यकता होती है. ऐसे में जब बिजली चली जाती है, तब उसे बहुत तकलीफ होती है. सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि शहर व गांवो में घरेलु बिजली 24 घंटे उपलब्ध रहे.

स्थानीय बेरोजगारों को मिले रोजगार : आक्या ने सदन में कहा कि चित्तौडगढ़ जिले में हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, सीमेंट इंडस्ट्रीज सहित अनेक औद्योगिक संस्थान हैं. इन संस्थानों में स्थानीय बेरोजगार युवाओं को योग्यता के अनुसार रोजगार मिले, इस दिशा में सरकार को आवश्यक कदम उठाने चाहिए. विधायक आक्या ने सरकार से गौशालाओं के लिए वर्ष में 9 माह तक दिए जाने वाली अनुदान राशि को बढ़ाकर 12 माह का किए जाने का अनुरोध किया. उन्होंने गौचर भूमि को बिलानाम में परिवर्तित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि पूर्व जिला कलेक्टर आर एस गठाला द्वारा जिले की अधिकांश बिलानाम जमीनों को गौचर मे परिवर्तित कर दिया गया था. उसे अब फिर से बिलानाम में परिवर्तित किया जाए.

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जेल के लिए अलग जमीन की मांग : विधायक आक्या ने सदन मे जिला मुख्यालय स्थित जेल में क्षमता से अधिक कैदी होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जिले में एनडीपीएस के केस अधिक होने की वजह से जिला मुख्यालय स्थित जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं. इस वजह से एक दो माह की सजा प्राप्त स्थानीय कैदियों को भी बाहर की जेलों में शिफ्ट कर दिया जाता है. जिले में अलग जेल भवन की सख्त आवश्यकता है. इसके लिए पूर्व में आईडेंटीफाई की गई जमीन पर कब्जे होने की वजह से अलग से जमीन अलॉट कर नवीन भवन के निर्माण की मंग की.

इसके जवाब में जेल मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने विधायक आक्या की बात को स्वीकार करते हुए कहा कि जिला जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं. यहां से साल 2023 में 430 और साल 2024 में 125 कैदियों को बाहर की जेलों में शिफ्ट किया गया था. वर्तमान में भी जेल में क्षमता 338 के मुकाबले 519 केदियों को रखा गया है. सरकार द्वारा नवीन जेल निर्माण के लिए पूर्व में 2.6 हैक्टेयर जमीन आईडेंटीफाई की गई है, लेकिन उस जमीन पर कब्जे होने की वजह से नवीन जेल का निर्माण नहीं हो पा रहा है. उन्होने विधायक आक्या से सहयोग की अपील की.

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