दुर्ग: जिले में सैकड़ों ग्रामीण गुरुवार को जनपद पंचायत पाटन का घेराव करने पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखने को मिला. ग्रामीणों को कहना है कि मनरेगा में जो काम किए गए थे, उसकी मजदूरी की राशि में कटौती की गई है. बताया जा रहा है कि प्रति मजदूर 63 रुपए लगातार 13 दिन का काटा गया है. इससे मजदूरों में खासा नाराजगी है. इसे लेकर ग्रामीणों ने अतिरिक्त सीईओ स्वेता यादव को ज्ञापन भी सौंपा है.
ये है पूरा मामला: दरअसल, दुर्ग जिले के भनसूली और मोहभट्ठा गांव के ग्रामीण आज सैकड़ों की तादाद में जनपद पंचायत पाटन का घेराव करने पहुंचे थे. ग्रामीणों का कहना था कि मनरेगा में जो काम किए थे, उसकी मजदूरी की राशि में कटौती की गई है. ग्रामीणों ने तकनीकी सहायक पर मजदूरी में कटौती किए जाने का आरोप लगाया है. इसे लेकर ग्रामीणों ने अतिरिक्त सीईओ स्वेता यादव को ज्ञापन भी सौंपा है. अतिरिक्त सीईओ की ओर से जांच दल का गठन कर पूरे मामले को जांच कराने आश्वाशन दिया. इसके बाद ग्रामीण वापस अपने गांव लौटे.
मजदूर तकनीकी सहायक के निर्देशानुसार ही काम किए हैं. उसके बावजूद भी बिना किसी जानकारी के मजदूरी काटी गई है.दो सप्ताह की मजदूरी में कटौती की गई है. -मजदूर
ग्रामीणों ने जताया विरोध: जानकारी के मुताबिक पाटन ब्लॉक के भांसूली गांव और आश्रित ग्राम मोहभट्ठा के सैकड़ों मजदूर भरर जलाशय के पास सामुदायिक तालाब गहरीकरण का काम किए थे. जिसमें लगातार दो सप्ताह तक मजदूरी तकनीकी सहायक अनिरुद्ध ताम्रकार की ओर से राशि काटने का आरोप ग्रामीण लगाए हैं. ग्रामीणों ने जो ज्ञापन सौंपा है, उनमें बताया गया है कि मजदूरों की मजदूरी राशि का भुगतान नहीं होने के कारण मनरेगा का काम मजदूर नहीं कर रहे हैं. ग्रामीणों के साथ-साथ ग्राम पंचायत के सरपंच लक्ष्मी चंद्राकर, उप सरपंच सहित पंचगन भी मौजूद रहे. उन सबका भी मानना था कि ग्रामीणों के मजदूरी में कटौती की गई है. बता दें कि मजदूरी का काम तालाब गहरीकरण के लिए चल रहा था, जिसकी समय-समय पर मॉनिटरिंग भी की जा रही थी. इस बीच ग्रामीणों ने मजदूरी में कटौती के कारण विरोध करना शुरू कर दिया है.