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DU ने बदला शैक्षणिक कैलेंडर, शिक्षकों की छुट्टियों को सात दिन कम करने पर डूटा ने जताया विरोध - Teachers holidays reduced In Du - TEACHERS HOLIDAYS REDUCED IN DU

Teachers holidays reduced In Du: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने अपने शैक्षणिक कैलेंडर में एक बार फिर बदलाव किया है. गर्मियों की छुट्टियों को सात दिन घटा दिया है. इससे शिक्षकों में आक्रोश है. दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने कुलपति को पत्र लिखकर फैसले को वापस लेने की मांग की है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 18, 2024, 2:15 PM IST

नई दिल्ली: डीयू प्रशासन की ओर से जारी नवीन अधिसूचना में गर्मियों की छुट्टियों को 14 जून से 21 जुलाई तक कर दिया गया है. पहले छुट्टियां सात जून से शुरू हो रहीं थीं. छुट्टियां घटाने का विशेष कारण नहीं बताया गया है. डीयू के फैसले पर शिक्षक अक्रोशित हैं. डूटा अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार भागी ने कुलपति को लिखे पत्र में कहा है कि, "डीयू और इसके कॉलेज के शिक्षक अवकाश प्राप्त स्टाफ हैं. उन्हें गैर-अवकाश कर्मचारियों की तुलना में कम ईएल और चिकित्सा अवकाश आदि दिया जाता है. ऐसे में छुट्टियों को घटाना ठीक नहीं है."

अजय कुमार ने कहा कि, "यह वह समय है जब शिक्षकों को अपनी पारिवारिक प्रतिबद्धताओं के लिए उचित अवसर मिलता है. यह उन शिक्षकों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जिन्हें केवल यही समय घर जाने और घूमने के लिए और एलटीसी-एचटीसी का लाभ उठाने के लिए मिलता है. छुट्टियों के दौरान, शिक्षक नए शैक्षणिक सत्र शोध पत्रों के लिए खुद को तैयार करते हैं और अपने शोध कार्य या लेखन कार्य आदि में शामिल होते हैं. कई लोग मूल्यांकन कार्य या प्रवेश कार्यों में भी शामिल होते हैं. छुट्टियों में अचानक कटौती से हममें से ज्यादातर लोगों को नुकसान हुआ है."

यह भी पढ़ें- DU के नॉर्थ कैंपस में विकसित भारत रन का आयोजन, एक्टर राजकुमार राव और साइना नेहवाल हुए शामिल

डूटा की कार्यकारिणी सदस्य और डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की सचिव प्रो. आभा देव हबीब ने कहा कि, "कोई भी नामी संस्थान इस तरह से अकादमिक कैलेंडर नहीं बदलता. यह दूसरी बार है जब शैक्षणिक कैलेंडर 2023-24 में बदलाव किया गया है. इससे पहले नवंबर 2023 में एक अधिसूचना के माध्यम से बदलाव किया गया था. इसमें छुट्टियां 26 मई से की गईं थीं, लेकिन बाद में इसमें बदलाव कर सात जून कर दिया गया था."

यह भी पढ़ें- डीयू के शहीद भगत सिंह कॉलेज में लो अटेंडेंस वाले 1343 विद्यार्थियों को सेमेस्टर परीक्षा देने से रोका, जारी किया नोटिस

इंटक के चेयरमैन प्रो. पंकज गर्ग ने कहा, पहले छुट्टियां दो महीने की अवधि की होती थीं. लेकिन, डीयू का प्रवेश सत्र लगातार देरी से शुरू हो रहा है. इससे शैक्षणिक कैलेंडर पर असर पड़ रहा है. प्रवेश प्रक्रिया को सुधारने की जरूरत है. सवैतनिक ड्यूटी के लिए किया जा रहा मजबूर डूटा अध्यक्ष प्रो. एके भागी ने अपने पत्र में कहा है कि कुछ कालेजों में प्रशासन शिक्षकों को छुट्टियों के दौरान नियमित, एसओएल और एनसीवेब छात्रों के लिए सवैतनिक पर्यवेक्षक ड्यूटी करने के लिए मजबूर कर रहा है. यह कार्य सदैव वैकल्पिक था व विश्वविद्यालय या कालेजों को कभी कोई समस्या नहीं आती थी. डूटा फिर से इस बात पर जोर देना चाहता है कि शिक्षकों को गैर-अवकाश कर्मचारियों की तुलना में सीमित कमाई वाली छुट्टियां मिलती हैं, इसलिए शिक्षकों को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें- कम उपस्थिति के कारण रोके गए 1,343 छात्रों में से 583 छात्र दे पाएंगे परीक्षा, DU के शहीद भगत सिंह कालेज प्रशासन ने दी अनुमति

नई दिल्ली: डीयू प्रशासन की ओर से जारी नवीन अधिसूचना में गर्मियों की छुट्टियों को 14 जून से 21 जुलाई तक कर दिया गया है. पहले छुट्टियां सात जून से शुरू हो रहीं थीं. छुट्टियां घटाने का विशेष कारण नहीं बताया गया है. डीयू के फैसले पर शिक्षक अक्रोशित हैं. डूटा अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार भागी ने कुलपति को लिखे पत्र में कहा है कि, "डीयू और इसके कॉलेज के शिक्षक अवकाश प्राप्त स्टाफ हैं. उन्हें गैर-अवकाश कर्मचारियों की तुलना में कम ईएल और चिकित्सा अवकाश आदि दिया जाता है. ऐसे में छुट्टियों को घटाना ठीक नहीं है."

अजय कुमार ने कहा कि, "यह वह समय है जब शिक्षकों को अपनी पारिवारिक प्रतिबद्धताओं के लिए उचित अवसर मिलता है. यह उन शिक्षकों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जिन्हें केवल यही समय घर जाने और घूमने के लिए और एलटीसी-एचटीसी का लाभ उठाने के लिए मिलता है. छुट्टियों के दौरान, शिक्षक नए शैक्षणिक सत्र शोध पत्रों के लिए खुद को तैयार करते हैं और अपने शोध कार्य या लेखन कार्य आदि में शामिल होते हैं. कई लोग मूल्यांकन कार्य या प्रवेश कार्यों में भी शामिल होते हैं. छुट्टियों में अचानक कटौती से हममें से ज्यादातर लोगों को नुकसान हुआ है."

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डूटा की कार्यकारिणी सदस्य और डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की सचिव प्रो. आभा देव हबीब ने कहा कि, "कोई भी नामी संस्थान इस तरह से अकादमिक कैलेंडर नहीं बदलता. यह दूसरी बार है जब शैक्षणिक कैलेंडर 2023-24 में बदलाव किया गया है. इससे पहले नवंबर 2023 में एक अधिसूचना के माध्यम से बदलाव किया गया था. इसमें छुट्टियां 26 मई से की गईं थीं, लेकिन बाद में इसमें बदलाव कर सात जून कर दिया गया था."

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इंटक के चेयरमैन प्रो. पंकज गर्ग ने कहा, पहले छुट्टियां दो महीने की अवधि की होती थीं. लेकिन, डीयू का प्रवेश सत्र लगातार देरी से शुरू हो रहा है. इससे शैक्षणिक कैलेंडर पर असर पड़ रहा है. प्रवेश प्रक्रिया को सुधारने की जरूरत है. सवैतनिक ड्यूटी के लिए किया जा रहा मजबूर डूटा अध्यक्ष प्रो. एके भागी ने अपने पत्र में कहा है कि कुछ कालेजों में प्रशासन शिक्षकों को छुट्टियों के दौरान नियमित, एसओएल और एनसीवेब छात्रों के लिए सवैतनिक पर्यवेक्षक ड्यूटी करने के लिए मजबूर कर रहा है. यह कार्य सदैव वैकल्पिक था व विश्वविद्यालय या कालेजों को कभी कोई समस्या नहीं आती थी. डूटा फिर से इस बात पर जोर देना चाहता है कि शिक्षकों को गैर-अवकाश कर्मचारियों की तुलना में सीमित कमाई वाली छुट्टियां मिलती हैं, इसलिए शिक्षकों को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.

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