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डीयू दाखिला: छात्राओं के लिए सुनहरा मौका, DU एनसीवेब में 6 हजार से ज्यादा सीटें खाली, एडमिशन चाहिए तो जल्दी करें - DELHI UNIVERSITY ADMISSION 2024

DU NCWEB ADMISSION 2024: दिल्ली विश्वविद्यालय के एनसीवेब की स्नातक कोर्सेज में दाखिला की प्रक्रिया अभी चल रही है. जानिए निदेशक प्रोफेसर गीता भट्ट ने क्या कहा....

DU एनसीवेब में 6 हजार से ज्यादा सीटें खाली
DU एनसीवेब में 6 हजार से ज्यादा सीटें खाली (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 13, 2024, 10:25 PM IST

Updated : Sep 14, 2024, 2:53 PM IST

DU एनसीवेब में 6 हजार से ज्यादा सीटें खाली (ETV BHARAT)

नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में स्नातक कोर्सेज में दाखिले की प्रक्रिया पिछले डेढ़ महीने से चल रही है. इस बीच डीयू के रेगुलर स्नातक कोर्सज में दो सीट आवंटन सूची की दाखिला प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. तीसरी सूची की दाखिला प्रक्रिया अभी चल रही है. इसी तरह डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) में भी स्नातक दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर है. इसी तरह डीयू के ही नॉन कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीवेब) की भी तीन कटऑफ लिस्ट की दाखिला प्रक्रिया पूरी होने के बाद गुरुवार को स्पेशल कटऑफ लिस्ट निकाली गई है, जिससे छात्र-छात्राएं दाखिले का एक और मौका पा सकें.

डीयू एनसीवेब में स्नातक दाखिले के दो कोर्सेज बीए प्रोग्राम और बीकॉम चलते हैं. इन दोनों कोर्सेज में कुल 15 हजार से अधिक सीटें हैं. तीन कटऑफ लिस्ट आने के बाद एनसीवेब की कुल कितनी सीटें बची हैं? कितनी सीटें भरी हैं? किस कोर्स में अधिक सीटें खाली हैं? और एनसीवेब के 26 कॉलेज में किस सेंटर पर ज्यादा सीटें खाली हैं? छात्राओं के पास एनसीवेब में दाखिले के लिए किस कॉलेज और किस कोर्सज में मौका है. इन सभी सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने एनसीवेब की निदेशक प्रोफेसर गीता भट्ट से बातचीत की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश...

स्पेशल कटऑफ में कौन हो सकता है शामिल: प्रो. गीता भट्ट ने बताया कि तीन कटऑफ के बाद ये स्पेशल कटऑफ इसलिए निकाली गई है कि पहली तीन कटऑफ में किसी कारणवश हमारी जो छात्राएं दाखिला नहीं ले सकी, वो एक बार फिर दाखिला ले सकती है. एनसीवेब की निदेशक ने बताया कि ये नियम पहले से ही तय है कि जिसे पहली कटऑफ में दाखिले का मौका मिल जाता है, वो फिर दूसरी कटऑफ में दाखिला नहीं ले सकता. इसी तरह दूसरी कटऑफ वाला तीसरी कटऑफ में चांस नहीं ले सकता है. इसलिए हमने तीन कटऑफ तक किसी भी कारण से योग्य होने के बावजूद दाखिला न ले सकने वाली छात्राओं को एक और मौका देने के लिए यह स्पेशल कटऑफ निकाली है.

स्पेशल कटऑफ में दाखिले के लिए कितनी सीटें हैं खाली: प्रो. गीता भट्ट ने बताया कि एनसीवेब की कुल 15 हजार सीटों में से तीन कटऑफ के बाद नौ हजार से ज्यादा सीटें भर चुकी है. वहीं, 6 हजार सीटें अभी भी खाली हैं. इसलिए छात्राओं के पास स्पेशल कटऑफ में दाखिले का पूरा मौका है. छात्राएं 14 सितंबर को रात 11.59 बजे तक अपने संबंधित कोर्स में अपने 12वीं के अंकों के आधार पर कटऑफ देखकर दाखिला ले सकती हैं. इसके साथ ही 15 सितंबर तक छात्राओं के आवेदन की जांच करके कॉलेज दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे. इसके बाद 16 सितंबर को शाम पांच बजे तक छात्राएं अपना दाखिला सुनिश्चित कराने के लिए फीस जमा कर सकती हैं.

किस-किस कॉलेज में कितनी है स्पेशल कटऑफ: दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रमुख कॉलेजों में बी.कॉम में जनरल की स्पेशल कटऑफ

कॉलेज का नामसामान्य श्रेणी कटऑफ
मिरांडा हाउस 82
हंसराज कॉलेज84
मैत्रेयी कॉलेज67
केशव महाविद्यालय63
दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज 62

बीए प्रोग्राम की कटऑफ प्रमुख कॉलेजों औऱ कोर्सेज में:

कॉलेज का नामकोर्स का नामसामान्य कटऑफ
मिरांडा हाउसबीए. प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस)सीटें फुल
हंसराज कॉलेजबीए. प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस)सीटें फुल
केशव महाविद्यालयबीए. प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस)63
आर्यभट्ट कॉलेजबीए. प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस)58
अदिति महाविद्यालयबीए. प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस)51
भगिनी निवेदिता कॉलेज बीए. प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस)48

किस कोर्स में ज्यादा किसमें कम हुए दाखिले: प्रो. गीता भट्ट ने बताया कि एनसीवेब के बी.कॉम कोर्स में बीए. प्रोग्राम की तुलना में कम दाखिले हुए हैं. बी.कॉम में कई कॉलेजों में ज्यादा सीटें खाली हैं. इसके साथ ही बीए प्रोग्राम के सबसे पॉपुलर और मांग वाले कोर्स बीए प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस) में सबसे ज्यादा दाखिले हुए हैं.

इस कोर्सेज और इन कॉलेजों में एससी और जनरल की सीटें भरी: प्रमुख कॉलेजों मिरांडा हाउस, हंसराज, जीसस एंड मैरी, भगिनी निवेदिता, माता सुंदरी, राजधानी कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, रामानुजन कॉलेज, भारती कॉलेज, जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज और अन्य कई कॉलेजों में सामान्य और एससी श्रेणी की सीटें भर चुकी हैं. जबकि ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, एसटी और दिव्यांगों की सीटें अभी खाली हैं.

हर साल खाली रह जाती है ओबीसी और एसटी की 2500 से ज्यादा सीटें: प्रो. गीता भट्ट ने बताया कि नियमानुसार एनसीवेब में सिर्फ दिल्ली की निवासी कामकाजी छात्राएं ही दाखिला ले सकती हैं इसलिए दिल्ली में ओबीसी और एसटी की संख्या कम होने के कारण इन कैटेगरी की 2500 से ज्यादा सीटें हर वर्ष खाली भी रह जाती है. आरक्षण नीति के अनुसार हम इन श्रेणी की खाली सीटों पर किसी औऱ श्रेणी की छात्राओं को दाखिला भी नहीं दे सकते.

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DU एनसीवेब में 6 हजार से ज्यादा सीटें खाली (ETV BHARAT)

नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में स्नातक कोर्सेज में दाखिले की प्रक्रिया पिछले डेढ़ महीने से चल रही है. इस बीच डीयू के रेगुलर स्नातक कोर्सज में दो सीट आवंटन सूची की दाखिला प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. तीसरी सूची की दाखिला प्रक्रिया अभी चल रही है. इसी तरह डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) में भी स्नातक दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर है. इसी तरह डीयू के ही नॉन कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीवेब) की भी तीन कटऑफ लिस्ट की दाखिला प्रक्रिया पूरी होने के बाद गुरुवार को स्पेशल कटऑफ लिस्ट निकाली गई है, जिससे छात्र-छात्राएं दाखिले का एक और मौका पा सकें.

डीयू एनसीवेब में स्नातक दाखिले के दो कोर्सेज बीए प्रोग्राम और बीकॉम चलते हैं. इन दोनों कोर्सेज में कुल 15 हजार से अधिक सीटें हैं. तीन कटऑफ लिस्ट आने के बाद एनसीवेब की कुल कितनी सीटें बची हैं? कितनी सीटें भरी हैं? किस कोर्स में अधिक सीटें खाली हैं? और एनसीवेब के 26 कॉलेज में किस सेंटर पर ज्यादा सीटें खाली हैं? छात्राओं के पास एनसीवेब में दाखिले के लिए किस कॉलेज और किस कोर्सज में मौका है. इन सभी सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने एनसीवेब की निदेशक प्रोफेसर गीता भट्ट से बातचीत की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश...

स्पेशल कटऑफ में कौन हो सकता है शामिल: प्रो. गीता भट्ट ने बताया कि तीन कटऑफ के बाद ये स्पेशल कटऑफ इसलिए निकाली गई है कि पहली तीन कटऑफ में किसी कारणवश हमारी जो छात्राएं दाखिला नहीं ले सकी, वो एक बार फिर दाखिला ले सकती है. एनसीवेब की निदेशक ने बताया कि ये नियम पहले से ही तय है कि जिसे पहली कटऑफ में दाखिले का मौका मिल जाता है, वो फिर दूसरी कटऑफ में दाखिला नहीं ले सकता. इसी तरह दूसरी कटऑफ वाला तीसरी कटऑफ में चांस नहीं ले सकता है. इसलिए हमने तीन कटऑफ तक किसी भी कारण से योग्य होने के बावजूद दाखिला न ले सकने वाली छात्राओं को एक और मौका देने के लिए यह स्पेशल कटऑफ निकाली है.

स्पेशल कटऑफ में दाखिले के लिए कितनी सीटें हैं खाली: प्रो. गीता भट्ट ने बताया कि एनसीवेब की कुल 15 हजार सीटों में से तीन कटऑफ के बाद नौ हजार से ज्यादा सीटें भर चुकी है. वहीं, 6 हजार सीटें अभी भी खाली हैं. इसलिए छात्राओं के पास स्पेशल कटऑफ में दाखिले का पूरा मौका है. छात्राएं 14 सितंबर को रात 11.59 बजे तक अपने संबंधित कोर्स में अपने 12वीं के अंकों के आधार पर कटऑफ देखकर दाखिला ले सकती हैं. इसके साथ ही 15 सितंबर तक छात्राओं के आवेदन की जांच करके कॉलेज दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे. इसके बाद 16 सितंबर को शाम पांच बजे तक छात्राएं अपना दाखिला सुनिश्चित कराने के लिए फीस जमा कर सकती हैं.

किस-किस कॉलेज में कितनी है स्पेशल कटऑफ: दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रमुख कॉलेजों में बी.कॉम में जनरल की स्पेशल कटऑफ

कॉलेज का नामसामान्य श्रेणी कटऑफ
मिरांडा हाउस 82
हंसराज कॉलेज84
मैत्रेयी कॉलेज67
केशव महाविद्यालय63
दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज 62

बीए प्रोग्राम की कटऑफ प्रमुख कॉलेजों औऱ कोर्सेज में:

कॉलेज का नामकोर्स का नामसामान्य कटऑफ
मिरांडा हाउसबीए. प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस)सीटें फुल
हंसराज कॉलेजबीए. प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस)सीटें फुल
केशव महाविद्यालयबीए. प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस)63
आर्यभट्ट कॉलेजबीए. प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस)58
अदिति महाविद्यालयबीए. प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस)51
भगिनी निवेदिता कॉलेज बीए. प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस)48

किस कोर्स में ज्यादा किसमें कम हुए दाखिले: प्रो. गीता भट्ट ने बताया कि एनसीवेब के बी.कॉम कोर्स में बीए. प्रोग्राम की तुलना में कम दाखिले हुए हैं. बी.कॉम में कई कॉलेजों में ज्यादा सीटें खाली हैं. इसके साथ ही बीए प्रोग्राम के सबसे पॉपुलर और मांग वाले कोर्स बीए प्रोग्राम (हिस्ट्री+पॉलिटिकल साइंस) में सबसे ज्यादा दाखिले हुए हैं.

इस कोर्सेज और इन कॉलेजों में एससी और जनरल की सीटें भरी: प्रमुख कॉलेजों मिरांडा हाउस, हंसराज, जीसस एंड मैरी, भगिनी निवेदिता, माता सुंदरी, राजधानी कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, रामानुजन कॉलेज, भारती कॉलेज, जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज और अन्य कई कॉलेजों में सामान्य और एससी श्रेणी की सीटें भर चुकी हैं. जबकि ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, एसटी और दिव्यांगों की सीटें अभी खाली हैं.

हर साल खाली रह जाती है ओबीसी और एसटी की 2500 से ज्यादा सीटें: प्रो. गीता भट्ट ने बताया कि नियमानुसार एनसीवेब में सिर्फ दिल्ली की निवासी कामकाजी छात्राएं ही दाखिला ले सकती हैं इसलिए दिल्ली में ओबीसी और एसटी की संख्या कम होने के कारण इन कैटेगरी की 2500 से ज्यादा सीटें हर वर्ष खाली भी रह जाती है. आरक्षण नीति के अनुसार हम इन श्रेणी की खाली सीटों पर किसी औऱ श्रेणी की छात्राओं को दाखिला भी नहीं दे सकते.

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Last Updated : Sep 14, 2024, 2:53 PM IST
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