ETV Bharat / state

दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने चूहे को जलाकर मारने के आरोप में दो छात्रों को किया निलंबित - DTU suspends two students - DTU SUSPENDS TWO STUDENTS

पेटा इंडिया के दबाव के बाद दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने चूहे को जलाकर मारने के आरोप में दो छात्रों को कॉलेज से निलंबित कर दिया है.

दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी
दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 5, 2024, 3:23 PM IST

Updated : Apr 5, 2024, 4:26 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) ने दो छात्रों को चूहे को डिब्बे में फंसाने और जलाकर मारने के आरोप में निलंबित कर दिया है. मामले में दोनों छात्रों पर एफआईआर दर्ज होने के बाद पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रतीक शर्मा से मुलाकात की. उन्होंने कुलपति से अनुरोध किया कि छात्रों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.

इसके बाद विश्वविद्यालय ने एक आधिकारिक आदेश जारी किया, जिसमें दोनों छात्रों को छात्रावास सुविधाओं से निष्कासित करना, कक्षाओं से दो सप्ताह का निलंबन और प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाने की कार्रवाई की. इसके अतिरिक्त छात्रों को विश्वविद्यालय में उनके शेष समय के लिए परिवीक्षा (प्रोबेशन) पर रखा गया है और यह आवश्यक होगा कि वे भविष्य में इसी तरह के कृत्यों में शामिल न होने की प्रतिज्ञा करें.

छात्रों के माता-पिता को सलाह दी गई है कि वे उनके लिए मनोरोग मूल्यांकन की व्यवस्था करें और एक महीने के भीतर एक रिपोर्ट जमा करें. साथ ही यह भी कहा गया कि जो लोग जानवरों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं वे अक्सर मनुष्यों को नुकसान पहुंचाने की ओर अग्रसर होते हैं. हर किसी की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि लोग इस तरह के जानवरों के प्रति क्रूरता के मामलों की रिपोर्ट करें. पेटा इंडिया क्रूरता प्रतिक्रिया समन्वयक सुनयना बसु कहती हैं कि डीटीयू के कुलपति डॉ. प्रतीक शर्मा की यह संदेश देने के लिए सराहना करते हैं कि जानवरों के प्रति क्रूरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

इस घटना को लेकर पेटा के निष्कर्ष: पेटा इंडिया अनुशंसा करता है कि जानवरों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को मनोचिकित्सकीय मूल्यांकन से गुजरना चाहिए और परामर्श प्राप्त करना चाहिए, क्योंकि जानवरों के साथ दुर्व्यवहार गहरी मनोवैज्ञानिक गड़बड़ी का संकेत देता है. अनुसंधान से पता चलता है कि जो लोग जानवरों के प्रति क्रूरता का कार्य करते हैं, वे अक्सर बार-बार अपराधी होते हैं. जो मनुष्यों सहित अन्य जानवरों को चोट पहुंचाने के लिए आगे बढ़ते हैं.

फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि जो लोग पशु क्रूरता में संलग्न हैं, उनमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं, मादक द्रव्यों के दुरुपयोग सहित अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक थी.

नई दिल्ली: दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) ने दो छात्रों को चूहे को डिब्बे में फंसाने और जलाकर मारने के आरोप में निलंबित कर दिया है. मामले में दोनों छात्रों पर एफआईआर दर्ज होने के बाद पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रतीक शर्मा से मुलाकात की. उन्होंने कुलपति से अनुरोध किया कि छात्रों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.

इसके बाद विश्वविद्यालय ने एक आधिकारिक आदेश जारी किया, जिसमें दोनों छात्रों को छात्रावास सुविधाओं से निष्कासित करना, कक्षाओं से दो सप्ताह का निलंबन और प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाने की कार्रवाई की. इसके अतिरिक्त छात्रों को विश्वविद्यालय में उनके शेष समय के लिए परिवीक्षा (प्रोबेशन) पर रखा गया है और यह आवश्यक होगा कि वे भविष्य में इसी तरह के कृत्यों में शामिल न होने की प्रतिज्ञा करें.

छात्रों के माता-पिता को सलाह दी गई है कि वे उनके लिए मनोरोग मूल्यांकन की व्यवस्था करें और एक महीने के भीतर एक रिपोर्ट जमा करें. साथ ही यह भी कहा गया कि जो लोग जानवरों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं वे अक्सर मनुष्यों को नुकसान पहुंचाने की ओर अग्रसर होते हैं. हर किसी की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि लोग इस तरह के जानवरों के प्रति क्रूरता के मामलों की रिपोर्ट करें. पेटा इंडिया क्रूरता प्रतिक्रिया समन्वयक सुनयना बसु कहती हैं कि डीटीयू के कुलपति डॉ. प्रतीक शर्मा की यह संदेश देने के लिए सराहना करते हैं कि जानवरों के प्रति क्रूरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

इस घटना को लेकर पेटा के निष्कर्ष: पेटा इंडिया अनुशंसा करता है कि जानवरों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को मनोचिकित्सकीय मूल्यांकन से गुजरना चाहिए और परामर्श प्राप्त करना चाहिए, क्योंकि जानवरों के साथ दुर्व्यवहार गहरी मनोवैज्ञानिक गड़बड़ी का संकेत देता है. अनुसंधान से पता चलता है कि जो लोग जानवरों के प्रति क्रूरता का कार्य करते हैं, वे अक्सर बार-बार अपराधी होते हैं. जो मनुष्यों सहित अन्य जानवरों को चोट पहुंचाने के लिए आगे बढ़ते हैं.

फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि जो लोग पशु क्रूरता में संलग्न हैं, उनमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं, मादक द्रव्यों के दुरुपयोग सहित अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक थी.

Last Updated : Apr 5, 2024, 4:26 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.