ETV Bharat / state

83 की उम्र में फोटोग्राफी सिखाते हैं फिलॉसफी के ज्ञाता, देश भर से आते हैं स्टूडेंट्स - 83 YEAR OLD PHOTOGRAPHER

फिलॉसफी प्रोफेसर से फोटोग्राफर बने डॉ. शिवनारायण जोशी की अनोखी कहानी. 20 साल की उम्र में थामा कैमरा. आज भी जारी है कारवां.

83 YEAR OLD PHOTOGRAPHER
फोटोग्राफर डॉ. शिवनारायण जोशी की अनोखी कहानी (ETV BHARAT JODHPUR)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 8, 2024, 8:15 PM IST

जोधपुर : शहर की गलियों में गले में कैमरा लटकाए एक बुजुर्ग अपनी रौबदार मूंछों को ताव देते 8-10 युवक-युवतियों की टोली के साथ अक्सर घूमते नजर आते हैं. इस बुजुर्ग का नाम डॉ. शिवनारायण जोशी है, जिन्हें लोग प्यार से शिवजी जोशी भी कहते हैं. डॉ. जोशी फोटोग्राफी की दुनिया में एक जाने माने नाम हैं. वहीं, जोधपुर स्थित अपने गुरुकुल में वो निशुल्क फोटोग्राफी सिखाते हैं और उनसे फोटोग्राफी के गुर सीखने के लिए पूरे देश भर से विद्यार्थी आते हैं. सबसे खास बात यह है कि डॉ. शिवनारायण जोशी की उम्र 83 साल है और वो खुद भी उम्र के इस पड़ाव पर स्टूडेंट्स को टीचर नहीं, बल्कि स्टूडेंट बनकर फोटोग्राफी सिखाते हैं.

दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर रहे डॉ. जोशी का कहना है कि भले ही मोबाइल का जमाना आ गया है, लेकिन अभी भी फोटोग्राफी जिंदा हैं. जिनको फोटोग्राफी का शौक है, वे आज भी तन्मयता से फोटोग्राफी सीख रहे हैं. उनको पता है कि फोटोग्राफी में करियर बनाने के लिए पुरानी फोटोग्राफी पद्धति एनालॉग की जानकारी बेहद जरूरी है. साथ ही इससे ही डिजिटल फोटोग्राफी का भी जन्म हुआ है.

83 की उम्र में फोटोग्राफी सिखाते हैं फिलॉसफी के ज्ञाता (ETV BHARAT JODHPUR)

इसे भी पढ़ें - मिशन वन्यजीव सेवा : बेजुबान पशु-पक्षियों के खाने-पीने की व्यवस्था पर फोटोग्राफी से रहेगी नजर

फिलॉसफी के प्रोफेसर थे डॉ. जोशी : डॉ. जोशी जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में फिलॉसफी विभाग के प्रोफेसर थे. साथ ही एचओडी भी बने और कई स्टूडेंट्स को उन्होंने पीएचडी भी करवाई. दर्शन से जुड़ी पुस्तकें भी लिखी. 20 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार कैमरा पकड़ा था. धीरे-धीरे शौक जुनून बना गया. जोशी बताते हैं कि उनकी पहली मॉडल उनकी पत्नी थीं. उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में कई स्वर्ण पदकों सहित 250 से अधिक पुरस्कार जीते.

उनकी 900 से अधिक तस्वीरें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं में स्वीकार की गई. उनका नाम ग्रेट पिक्चर कॉन्टेस्ट 1998 और पॉपुलर फोटोग्राफी, यूएसए 2000 में भी उल्लेख किया गया है. वे रेगिस्तानी फोटोग्राफी में माहिर हैं. उन्होंने भारत के प्रमुख फोटोग्राफरों के बीच रेगिस्तान की फोटोग्राफी को ऊंचाइयां देकर इसे लोकप्रिय बनाया.

डिजिटल से सुंदरता बढ़ी : डॉ. जोशी ने बताया कि डिजिटल फोटोग्राफी से सुंदरता बढ़ी है, लेकिन इसके लिए भी आपको बेसिक फोटोग्राफी के गुर आना जरूरी है. उनसे ही डिजिटल फोटोग्राफी को समझा जा सकता है. डिजिटल कैमरे के लैंस पावरफुल होते हैं, लेकिन वो मोबाइल फोटोग्राफी से सहमत नहीं हैं. उनका कहना है कि इससे खराबी होती है. हर कोई मोबाइल लेकर तस्वीरें ले रहा है. हालांकि, मोबाइल से फोटोग्राफी नहीं की जा सकती है, क्योंकि फोटो और कैमरे के बीच जो संबंध है, उसे मोबाइल से नहीं जोड़ा जा सकता. फोटोग्राफर एक फोटो के लिए खुद को झौंक देता है.

इसे भी पढ़ें - अब वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी नहीं कर सकेंगे गाइड और चालक, होगी सख्त कार्रवाई

टीचर नहीं स्टूडेंट बनकर सिखाते हैं फोटोग्राफी : मुंबई से फोटोग्राफी सीखने आए संदीप दास बताते हैं कि शिवजी जोशी खुद स्टूडेंट बनकर हमें सिखाते हैं. वे बेसिक से शुरू करते हैं और मॉर्डन फोटोग्राफी तक सब कुछ बताते हैं. मुंबई से मुझे यहां आने के बाद ऐसा लगा कि अगर वो यहां आकर नहीं सीखते तो शायद बहुत कुछ मिस कर जाते. खास बात यह है कि वे बिना किसी फीस के सबको फोटोग्राफी सिखाते हैं. एक अन्य छात्रा दीपा गहलोत ने कहा कि शिवजी से फोटोग्राफी के जो गुर उन्होंने सीखा है, वो कहीं और नहीं सीखा जा सकता है.

जोधपुर : शहर की गलियों में गले में कैमरा लटकाए एक बुजुर्ग अपनी रौबदार मूंछों को ताव देते 8-10 युवक-युवतियों की टोली के साथ अक्सर घूमते नजर आते हैं. इस बुजुर्ग का नाम डॉ. शिवनारायण जोशी है, जिन्हें लोग प्यार से शिवजी जोशी भी कहते हैं. डॉ. जोशी फोटोग्राफी की दुनिया में एक जाने माने नाम हैं. वहीं, जोधपुर स्थित अपने गुरुकुल में वो निशुल्क फोटोग्राफी सिखाते हैं और उनसे फोटोग्राफी के गुर सीखने के लिए पूरे देश भर से विद्यार्थी आते हैं. सबसे खास बात यह है कि डॉ. शिवनारायण जोशी की उम्र 83 साल है और वो खुद भी उम्र के इस पड़ाव पर स्टूडेंट्स को टीचर नहीं, बल्कि स्टूडेंट बनकर फोटोग्राफी सिखाते हैं.

दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर रहे डॉ. जोशी का कहना है कि भले ही मोबाइल का जमाना आ गया है, लेकिन अभी भी फोटोग्राफी जिंदा हैं. जिनको फोटोग्राफी का शौक है, वे आज भी तन्मयता से फोटोग्राफी सीख रहे हैं. उनको पता है कि फोटोग्राफी में करियर बनाने के लिए पुरानी फोटोग्राफी पद्धति एनालॉग की जानकारी बेहद जरूरी है. साथ ही इससे ही डिजिटल फोटोग्राफी का भी जन्म हुआ है.

83 की उम्र में फोटोग्राफी सिखाते हैं फिलॉसफी के ज्ञाता (ETV BHARAT JODHPUR)

इसे भी पढ़ें - मिशन वन्यजीव सेवा : बेजुबान पशु-पक्षियों के खाने-पीने की व्यवस्था पर फोटोग्राफी से रहेगी नजर

फिलॉसफी के प्रोफेसर थे डॉ. जोशी : डॉ. जोशी जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में फिलॉसफी विभाग के प्रोफेसर थे. साथ ही एचओडी भी बने और कई स्टूडेंट्स को उन्होंने पीएचडी भी करवाई. दर्शन से जुड़ी पुस्तकें भी लिखी. 20 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार कैमरा पकड़ा था. धीरे-धीरे शौक जुनून बना गया. जोशी बताते हैं कि उनकी पहली मॉडल उनकी पत्नी थीं. उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में कई स्वर्ण पदकों सहित 250 से अधिक पुरस्कार जीते.

उनकी 900 से अधिक तस्वीरें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं में स्वीकार की गई. उनका नाम ग्रेट पिक्चर कॉन्टेस्ट 1998 और पॉपुलर फोटोग्राफी, यूएसए 2000 में भी उल्लेख किया गया है. वे रेगिस्तानी फोटोग्राफी में माहिर हैं. उन्होंने भारत के प्रमुख फोटोग्राफरों के बीच रेगिस्तान की फोटोग्राफी को ऊंचाइयां देकर इसे लोकप्रिय बनाया.

डिजिटल से सुंदरता बढ़ी : डॉ. जोशी ने बताया कि डिजिटल फोटोग्राफी से सुंदरता बढ़ी है, लेकिन इसके लिए भी आपको बेसिक फोटोग्राफी के गुर आना जरूरी है. उनसे ही डिजिटल फोटोग्राफी को समझा जा सकता है. डिजिटल कैमरे के लैंस पावरफुल होते हैं, लेकिन वो मोबाइल फोटोग्राफी से सहमत नहीं हैं. उनका कहना है कि इससे खराबी होती है. हर कोई मोबाइल लेकर तस्वीरें ले रहा है. हालांकि, मोबाइल से फोटोग्राफी नहीं की जा सकती है, क्योंकि फोटो और कैमरे के बीच जो संबंध है, उसे मोबाइल से नहीं जोड़ा जा सकता. फोटोग्राफर एक फोटो के लिए खुद को झौंक देता है.

इसे भी पढ़ें - अब वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी नहीं कर सकेंगे गाइड और चालक, होगी सख्त कार्रवाई

टीचर नहीं स्टूडेंट बनकर सिखाते हैं फोटोग्राफी : मुंबई से फोटोग्राफी सीखने आए संदीप दास बताते हैं कि शिवजी जोशी खुद स्टूडेंट बनकर हमें सिखाते हैं. वे बेसिक से शुरू करते हैं और मॉर्डन फोटोग्राफी तक सब कुछ बताते हैं. मुंबई से मुझे यहां आने के बाद ऐसा लगा कि अगर वो यहां आकर नहीं सीखते तो शायद बहुत कुछ मिस कर जाते. खास बात यह है कि वे बिना किसी फीस के सबको फोटोग्राफी सिखाते हैं. एक अन्य छात्रा दीपा गहलोत ने कहा कि शिवजी से फोटोग्राफी के जो गुर उन्होंने सीखा है, वो कहीं और नहीं सीखा जा सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.