जयपुर: राज्य मानवाधिकार आयोग ने खैरथल में श्वानों के नोचने से 7 साल की मासूम की मौत को मानवता के लिए कलंक बताया है. इसके साथ ही आयोग ने मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए स्थानीय कलेक्टर और नगर परिषद आयुक्त से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब कर पीड़ित पक्ष को क्षतिपूर्ति देने को कहा है. आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने यह आदेश इस संबंध में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रसंज्ञान लेते हुए दिए.
आयोग ने कहा कि हम कल्याणकारी राज्य में रह रहे हैं, जहां राज्य का दायित्व है कि वह प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराए. इस घटना से साबित है कि संबंधित अधिकारी अपने विधायी दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं. स्थानीय निकायों की ओर से आवारा पशुओं एवं श्वानों को कांजी हाऊस में बंद करने और उनके बंधियाकरण करना जरूरी है, जिससे शहर में ऐसे हिंसक पशु का विचरण नहीं हो.
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आयोग ने कहा कि नगर परिषद आयुक्त को पूर्व में भी आवारा श्वानों की शिकायत मिली थी. इसके बावजूद भी आवारा श्वानों के बंधियाकरण को लेकर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए. इससे पूर्व जोधपुर में भी श्वानों के पीछा करने पर दो किशोरों के मालगाड़ी से टकराकर मौत होने की घटना हो चुकी है. जिसमें आयोग ने पीड़ित पक्ष को क्षतिपूर्ति देने के निर्देश देते हुए स्थानीय नगर निगम आयुक्त से रिपोर्ट तलब की है.