कोरबा: सरकारी अस्पतालों में अक्सर संसाधनों का अभाव रहता है. यहां काम करने वाले सरकारी अधिकारी या चिकित्सक संसाधनों का रोना रोते हैं. पर इच्छा शक्ति यदि प्रबल हो तो इसी सिस्टम में रहकर बढ़िया काम कैसे किया जा सकता है, इसका उदाहरण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा में पदस्थ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ हिमांशु खुटिया ने पेश किया. कटघोरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राइमरी हेल्थ सेंटर है. इलाज जटिल होने पर यह एक तरह से रेफरल सेंटर की तरह कार्य करता है. यहां पर क्रिटिकल केयर या आईसीयू की सुविधा नहीं है. बावजूद इसके डॉ हिमांशु ने यहां हिप रिप्लेसमेंट जैसी जटिल सर्जरी करने का कमाल किया है. इतना ही नहीं अपनी पदस्थापना से लेकर अब तक डॉ हिमांशु यहां 2 साल में 2000 सर्जरी कर चुके हैं.
सरकारी अस्पताल के डॉक्टर हिमांशु का कमाल: हाल ही में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा में डॉ हिमांशु खुटिया ने जटिल हिप सर्जरी को पूरा किया. हरदीबाजार निवासी सहदेव कुमार के हिप्स में काफी समय से दर्द रहता था. जांच कराया तो पता चला कि उसे दोनों तरफ के हिप रिप्लेसमेंट की आवश्यकता है. गरीब परिवार से होने के कारण सहदेव के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह निजी अस्पताल में अपना इलाज करा सके. उसने विधायक का दरवाजा खटखटाया. विधायक ने चिट्ठी लिखी. मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया. इसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा में डॉक्टर हिमांशु ने इलाज शुरू किया. हिप रिप्लेसमेंट किट का इंतजाम किया. जीवनदीप समिति से पैसे का इंतजाम हुआ और अब उसके दोनों तरफ के हिप रिप्लेसमेंट की सर्जरी को पूरा किया.
ऑपरेशन के तीसरे दिन ही चलने लगा सहदेव: जब ऑपरेशन हुआ तो उसके तीसरे दिन ही सहदेव चलने फिरने में खुद को सक्षम महसूस करने लगा. सहदेव की पूरी सर्जरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा में नि:शुल्क की गई है. निजी अस्पताल में एक तरफ के हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी का खर्च तीन से चार लाख रुपये बैठता है. लेकिन यहां मिले नि:शुल्क इलाज से सहेदेव काफी खुश है. सहदेव ने बताया कि हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद काफी आराम महसूस कर रहा हूं. इसके लिए मैंने विधायक से अनुशंसा करवाई थी. जिसके बाद अस्पताल में ही फंड की व्यवस्था करके मुझे नि:शुल्क सुविधा मिली है.
''हाल ही में एक 27 से 28 साल का लड़के की जटिल हिप रिप्लेसमेंट का इलाज किया गया है. जो सफल रहा. बीते 2 सालों में लगभग 2000 छोटी बड़ी सर्जरी को हमने यहां पूरा किया है.
यहां की जरूरत के हिसाब से हमें जो संसाधन चाहिए उसके लिए मांग पत्र हमने जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों को भेजा है. ताकि हम और भी अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदाय करने में सक्षम हो सकें. - डॉ हिमांशु खुटिया, हड्डी रोग विशेषज्ञ
संसाधनों का रोना नहीं रोया काम करके दिखाया: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा में बड़ी तादात में एक्सीडेंटल मामले सामने आते हैं. नियमित अंतरालों पर होने वाले सड़क दुर्घटनाओं के कारण यहां काफी जरूरतमंद मरीज पहुंचते हैं. जिन्हें सड़क से उठाकर सीधे अस्पताल लाया जाता है. परिजन भी साथ नहीं होते. जिसके कारण लंबे समय से यहां क्रिटिकल केयर और आईसीयू यूनिट बनाने की मांग चल रही है. डॉक्टर हिमांशु बताते हैं की एक्सीडेंट के लिहाज से कटघोरा बेहद संवेदनशील एरिया है. जिसके कारण यहां खास तौर पर ऐसे मरीज एते हैं. जिन्हें तत्काल सर्जरी की जरूरत होती है. संसाधन का अभाव रहता है, लेकिन जितना हमारे पास उपलब्ध है. उसके अनुसार हम बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का प्रयास करते हैं.