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Delhi: बिहार कोकिला शारदा सिन्हा के गीतों के बिना अधूरा है छठ का पर्व, जानिए- उनके बारे में सबकुछ

एक ऐसी संगीत की देवी जिनके गीतों के बिना छठ का पर्व अधूरा है. उन्हें पद्मभूषण से भी नवाजा गया है.

Do you know who is Bihar Kokila, without those songs the festival of Chhath is incomplete?
क्या आप जानते हैं कौन हैं बिहार कोकिला, जिनके गीतों के बिना छठ का पर्व अधूरा है? (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 5, 2024, 11:09 AM IST

Updated : Nov 5, 2024, 2:00 PM IST

नई दिल्ली: बिहार कोकिला के नाम से मशहूर संगीत की देवी शारदा सिन्हा किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, उन्होंने संगीत की दुनिया में महारथ हासिल की. छठ के पहले दिन हम उनकी बात कर रहे हैं. शारदा सिन्हा ने अपने पूरे करियर में टी-सीरीज, एचएमवी और टिप्स द्वारा जारी नौ एल्बमों में 62 छठ गीत गाए हैं. आज भी छठ का पर्व उनके गानों के बगैर अधूरा है.

शारदा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव के एक समृद्ध परिवार में हुआ. उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्यरत थे. बचपन से उनका नृत्य और गायन के प्रति काफी लगाव था. स्कूल के दिनों में जब शारदा अपनी सहेलियों के साथ गीत गा रही थीं, वहीं चुपके से हरि उप्पल (शारदा के शिक्षक) उनका गीत सुन रहे थे. जिसके बाद उन्होंने सभी से पूछा कि “यह रेडियो कौन बजा रहा है” तभी सभी ने जवाब दिया कि “शारदा गीत गा रही हैं.” तभी उन्होंने शारदा को प्रधानाचार्य कार्यालय में बुलाकर उस गीत को टेप रिकॉर्डर में रिकॉर्ड किया. शारदा के गायन करियर को सक्रिय बनाने में उनके परिवार का भरपूर सहयोग रहा.

Do you know who is Bihar Kokila, without those songs the festival of Chhath is incomplete?
क्या आप जानते हैं कौन हैं बिहार कोकिला, जिनके गीतों के बिना छठ का पर्व अधूरा है? (ETV Bharat)
ये भी पढ़ें: लोक गायिका शारदा सिन्हा की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली एम्स के ICU में भर्ती

शारदा सिन्हा ने अपने जीवन में सुगम संगीत की हर विधा में गायन किया. जिसमें गीत, भजन, गज़ल, इत्यादि शामिल हैं. शारदा के चाहने वालों ने उनका नाम बिहार कोकिला रखा. उन्होंने मैथिली, भोजपुरी, हिंदी, इत्यादि भाषाओं में गायन किया है. यही नहीं, बॉलीवुड की कई चर्चित फिल्मों में भी उन्होंने गाने गाये. बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने सब से पहला गाना “मैंने प्यार किया” (1989) में गाया था. इस फिल्म में गीत गाने के लिए उन्हें उस वक्त 76 रुपए मिले थे. उन्होंने "हम आपके हैं कौन" और अनुराग कश्यप की फिल्म “गैंग्स ऑफ वासेपुर” में ”तार बिजली से पतले हमारे पिया, ओ री सासु बता तूने ये क्या किया” जैसे लोकप्रिय गीत गाए.

Do you know who is Bihar Kokila, without those songs the festival of Chhath is incomplete?
क्या आप जानते हैं कौन हैं बिहार कोकिला, जिनके गीतों के बिना छठ का पर्व अधूरा है? (ETV Bharat)

छठ पर उनके द्वारा गाये गए विशेष गीत

केलवा के पात पर उगलन सूरज मल झाके झुके-हे छठी मईया-हो दीनानाथ-बहंगी लचकत जाए-रोजे रोजे उगेला-सुना छठी माई-जोड़े जोड़े सुपावा-पटना के घाट पर संगीत के प्रति उनकी लगन देखकर पिता ने भारतीय नृत्य कला केंद्र में प्रवेश दिला दिया था. उन्होंने शास्त्रीय संगीत की उच्च शिक्षा प्रतिष्ठित गुरुओं से ली है. जिसके चलते वह मणिपुरी नृत्य में पारंगत हैं. संगीत सीखने के साथ उन्होंने स्नातक भी कर ली. इसके बाद राजनीतिशास्त्र के प्राध्यापक डॉ बृजकिशोर सिन्हा के साथ उनकी शादी हो गई. 22 सितम्बर 2024 ब्रेन हैमरेज से डॉ बृजकिशोर सिन्हा का निधन हो गया था.1971 में एचएमवी ने रिकार्ड किए गाने

शारदा सिन्‍हा के संगीतमय जीवन में बड़ा बदलाव 1971 में आया. एक इंटरव्यू में शारदा ने बताया था कि एचएमवी ने प्र‍तिभा खोज प्र‍तियोगिता आयो‍जित की. पति के साथ आडिशन देने लखनऊ गईं ले‍किन वहां भी बाधा खड़ी थी. ट्रेन पहुंचने में देरी तो हुई ही, आडिशन वाली जगह पर धक्‍का-मुक्‍की भी काफी थी. आडिशन दिया ले‍किन एचएमवी के रिकार्डिंग मैनेजर जहीर अहमद ने किसी को सेलेक्ट नहीं किया, लेकिन पति ने पूरे विश्‍वास से जहीर अहमद से दोबारा टेस्‍ट लेने का आग्रह किया. उन्‍होंने गाया, यौ दुलरुआ भैया. यह संयोग था कि इसी क्रम में एचएमवी के एक बड़े अधि‍कारी वहां पहुंचे. गाने रिकार्ड हुए तो फिर पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा. उनके गाने गांव-गांव, घर-घर में गूंजने लगे.

Do you know who is Bihar Kokila, without those songs the festival of Chhath is incomplete?
क्या आप जानते हैं कौन हैं बिहार कोकिला, जिनके गीतों के बिना छठ का पर्व अधूरा है? (ETV Bharat)

शारदा सिन्‍हा के चर्चित गाने

1. रामजी से पूछे जनकपुर के नारी

2. केलवा के पात पर उगेलन सुरज देव

3. कांचह‍ि बांस के बहंग‍िया

4. आन दिन उगइ छ हो दीना

5. कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया

6. बाबुल जो तूने सिखाया जो तुमसे पाया

7. तार बिजली से पतले हमारे पिया

8. निरमोहिया

विशेष प्रस्तुतियां

वर्ष 1988 में, शारदा ने मॉरीशस के 20वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने गायन की प्रस्तुति दी थी. इसके अलावा प्रयाग संगीत समिति ने इलाहाबाद में बसंत महोत्सव का आयोजन किया, जहाँ सिन्हा ने वसंत ऋतु की थीम पर आधारित कई गीत प्रस्तुत किए थे. वह छठ पूजा उत्सव के दौरान नियमित रूप से प्रस्तुति देती रहीं. उन्होंने मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम के बिहार आने पर प्रस्तुति दी थी. सिन्हा ने बिहार उत्सव, 2010, नई दिल्ली में प्रगति मैदान में प्रस्तुति दी थी.

ये भी पढ़ें:

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बोलीं शारदा सिन्हा- 'छठ गीतों के जरिए हर घाट पर देती हूं अर्घ्य, मुझ पर श्रोताओं की विशेष कृपा'

नई दिल्ली: बिहार कोकिला के नाम से मशहूर संगीत की देवी शारदा सिन्हा किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, उन्होंने संगीत की दुनिया में महारथ हासिल की. छठ के पहले दिन हम उनकी बात कर रहे हैं. शारदा सिन्हा ने अपने पूरे करियर में टी-सीरीज, एचएमवी और टिप्स द्वारा जारी नौ एल्बमों में 62 छठ गीत गाए हैं. आज भी छठ का पर्व उनके गानों के बगैर अधूरा है.

शारदा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव के एक समृद्ध परिवार में हुआ. उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्यरत थे. बचपन से उनका नृत्य और गायन के प्रति काफी लगाव था. स्कूल के दिनों में जब शारदा अपनी सहेलियों के साथ गीत गा रही थीं, वहीं चुपके से हरि उप्पल (शारदा के शिक्षक) उनका गीत सुन रहे थे. जिसके बाद उन्होंने सभी से पूछा कि “यह रेडियो कौन बजा रहा है” तभी सभी ने जवाब दिया कि “शारदा गीत गा रही हैं.” तभी उन्होंने शारदा को प्रधानाचार्य कार्यालय में बुलाकर उस गीत को टेप रिकॉर्डर में रिकॉर्ड किया. शारदा के गायन करियर को सक्रिय बनाने में उनके परिवार का भरपूर सहयोग रहा.

Do you know who is Bihar Kokila, without those songs the festival of Chhath is incomplete?
क्या आप जानते हैं कौन हैं बिहार कोकिला, जिनके गीतों के बिना छठ का पर्व अधूरा है? (ETV Bharat)
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शारदा सिन्हा ने अपने जीवन में सुगम संगीत की हर विधा में गायन किया. जिसमें गीत, भजन, गज़ल, इत्यादि शामिल हैं. शारदा के चाहने वालों ने उनका नाम बिहार कोकिला रखा. उन्होंने मैथिली, भोजपुरी, हिंदी, इत्यादि भाषाओं में गायन किया है. यही नहीं, बॉलीवुड की कई चर्चित फिल्मों में भी उन्होंने गाने गाये. बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने सब से पहला गाना “मैंने प्यार किया” (1989) में गाया था. इस फिल्म में गीत गाने के लिए उन्हें उस वक्त 76 रुपए मिले थे. उन्होंने "हम आपके हैं कौन" और अनुराग कश्यप की फिल्म “गैंग्स ऑफ वासेपुर” में ”तार बिजली से पतले हमारे पिया, ओ री सासु बता तूने ये क्या किया” जैसे लोकप्रिय गीत गाए.

Do you know who is Bihar Kokila, without those songs the festival of Chhath is incomplete?
क्या आप जानते हैं कौन हैं बिहार कोकिला, जिनके गीतों के बिना छठ का पर्व अधूरा है? (ETV Bharat)

छठ पर उनके द्वारा गाये गए विशेष गीत

केलवा के पात पर उगलन सूरज मल झाके झुके-हे छठी मईया-हो दीनानाथ-बहंगी लचकत जाए-रोजे रोजे उगेला-सुना छठी माई-जोड़े जोड़े सुपावा-पटना के घाट पर संगीत के प्रति उनकी लगन देखकर पिता ने भारतीय नृत्य कला केंद्र में प्रवेश दिला दिया था. उन्होंने शास्त्रीय संगीत की उच्च शिक्षा प्रतिष्ठित गुरुओं से ली है. जिसके चलते वह मणिपुरी नृत्य में पारंगत हैं. संगीत सीखने के साथ उन्होंने स्नातक भी कर ली. इसके बाद राजनीतिशास्त्र के प्राध्यापक डॉ बृजकिशोर सिन्हा के साथ उनकी शादी हो गई. 22 सितम्बर 2024 ब्रेन हैमरेज से डॉ बृजकिशोर सिन्हा का निधन हो गया था.1971 में एचएमवी ने रिकार्ड किए गाने

शारदा सिन्‍हा के संगीतमय जीवन में बड़ा बदलाव 1971 में आया. एक इंटरव्यू में शारदा ने बताया था कि एचएमवी ने प्र‍तिभा खोज प्र‍तियोगिता आयो‍जित की. पति के साथ आडिशन देने लखनऊ गईं ले‍किन वहां भी बाधा खड़ी थी. ट्रेन पहुंचने में देरी तो हुई ही, आडिशन वाली जगह पर धक्‍का-मुक्‍की भी काफी थी. आडिशन दिया ले‍किन एचएमवी के रिकार्डिंग मैनेजर जहीर अहमद ने किसी को सेलेक्ट नहीं किया, लेकिन पति ने पूरे विश्‍वास से जहीर अहमद से दोबारा टेस्‍ट लेने का आग्रह किया. उन्‍होंने गाया, यौ दुलरुआ भैया. यह संयोग था कि इसी क्रम में एचएमवी के एक बड़े अधि‍कारी वहां पहुंचे. गाने रिकार्ड हुए तो फिर पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा. उनके गाने गांव-गांव, घर-घर में गूंजने लगे.

Do you know who is Bihar Kokila, without those songs the festival of Chhath is incomplete?
क्या आप जानते हैं कौन हैं बिहार कोकिला, जिनके गीतों के बिना छठ का पर्व अधूरा है? (ETV Bharat)

शारदा सिन्‍हा के चर्चित गाने

1. रामजी से पूछे जनकपुर के नारी

2. केलवा के पात पर उगेलन सुरज देव

3. कांचह‍ि बांस के बहंग‍िया

4. आन दिन उगइ छ हो दीना

5. कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया

6. बाबुल जो तूने सिखाया जो तुमसे पाया

7. तार बिजली से पतले हमारे पिया

8. निरमोहिया

विशेष प्रस्तुतियां

वर्ष 1988 में, शारदा ने मॉरीशस के 20वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने गायन की प्रस्तुति दी थी. इसके अलावा प्रयाग संगीत समिति ने इलाहाबाद में बसंत महोत्सव का आयोजन किया, जहाँ सिन्हा ने वसंत ऋतु की थीम पर आधारित कई गीत प्रस्तुत किए थे. वह छठ पूजा उत्सव के दौरान नियमित रूप से प्रस्तुति देती रहीं. उन्होंने मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम के बिहार आने पर प्रस्तुति दी थी. सिन्हा ने बिहार उत्सव, 2010, नई दिल्ली में प्रगति मैदान में प्रस्तुति दी थी.

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Last Updated : Nov 5, 2024, 2:00 PM IST
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