नई दिल्ली: हिंदू धर्म में पितरों को विशेष स्थान दिया गया हैं. सनातम धर्म में मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध पक्ष में 16 दिनों के लिए पितर यमकोल से धरती पर आकर निवास करते हैं. धार्मिक मान्यताओं में कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपने पितरों को भूल जाता है और श्राद्ध पक्ष में उनका दर्पण और पिंडदान नहीं करता, उससे उनके पितर रुष्ठ हो जाते हैं. ज्योतिष जितेंद्र शर्मा ने बताया कि जो लोग पितृपक्ष में पितरों का तर्पण नहीं करते हैं, उन्हें पितृ दोष लगता है. इन दोष से मुक्ति के लिए क्या उपाय करने चाहिए. आइये जानते हैं.
पितृपक्ष में क्या करें
- पितृ पक्ष के दौरान गाय को चारा देना, सेवा करना, कौए को रोटी देना, चींटी को आंटा देना चाहिए.
- पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने से पितृ खुश होते हैं.
- श्रद्धा अनुसार ब्राह्मणों को भोजन की सामग्री देना या भोजन कराने चाहिए.
- पितृ पक्ष में काले तिल का इस्तेमाल शुभ होता है.
- रोजाना स्नान-ध्यान के बाद दक्षिण दिशा में मुख कर पितरों को जल का अर्घ्य दें.
- पितृ पक्ष के दौरान पितृ चालीसा का पाठ और पितृ मंत्रों का जप करें.
ज्योतिष जितेंद्र शर्मा ने बताया कि पितृ पक्ष में कई ऐसे काम होते हैं जिनको भूलकर भी नहीं करना चाहिए. अतः व्यक्ति को जीवन में ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. पितृ पक्ष के दौरान खरीदारी न करें और न ही नए रंग के वस्त्र धारण करें. इस पक्ष के दौरान भूलकर शुभ कार्य की शुरुआत न करें. ऐसा करने से व्यक्ति को पितृ दोष लगता है.
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पितृपक्ष में क्या न करें
- पितृ पक्ष में कोई भी मंगल कार्य न करें.
- शादी-विवाह, गृह-प्रवेश, मुंडन संस्कार और सगाई समेत सभी मांगलिक कार्य न करें.
- नए वस्त्र और आभूषण भी न खरीदें.
- अपशब्द, छल, कपट, ईर्ष्या और नकारात्मक विचारों से दूर रहें.
- किसी का जाने-अनजाने में भी अपमान न करें.
- नाखून, दाढ़ी और बाल नहीं कटवाने चाहिए.
- तामसिक भोजन और मदिरा के सेवन से परहेज करें.