उत्तरकाशी: डीएम डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट ने गंगोत्री धाम पहुंचकर गंगा नदी के जलस्तर बढ़ने के बाद की स्थितियों का जायजा लिया. इस दौरान डीएम ने सिंचाई विभाग को निर्देशित किया कि घाटों के निर्माण में जो कमी हुई है, उसको पूरा कर आधुनिक घाटों का निर्माण किया जाए. साथ ही गंगोत्री धाम मंदिर समिति के पदाधिकारियों से दीर्घकालिक योजनाओं की चर्चा कर उनसे सहयोग की अपील की.
मास्टर प्लान के तहत विकसित होगा गंगोत्री धाम: डीएम डॉ.मेहरबान बिष्ट ने कहा कि आने वाले समय में गंगोत्री धाम में यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, इसलिए गंगोत्री धाम को मास्टर प्लान के तहत विकसित किया जाएगा. धाम के दोनों किनारों को जोड़ने के लिए तीन झूला पुल का निर्माण किया जाएगा. साथ ही धाम के बायी और आस्था पथ का निर्माण कर एलिवेटेड सड़क का निर्माण किया जाएगा. मास्टर प्लान के तहत सिंचाई विभाग और लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया कि जल्द ही प्राक्कलन तैयार कर शासन को भेजा जाए. वहीं, भागीरथी नदी में जो सिल्ट जमा है, उसको हटाने के लिए योजना तैयार की जाए, जिससे भविष्य में धाम में बाढ़ के खतरे को कम किया जा सके.
निर्माण के दौरान दो दशकों की जरूरतों का रखा जाएगा ध्यान: जिलाधिकारी ने कहा कि गंगोत्री धाम देश-दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था का प्रमुख केन्द्र है. लिहाजा धाम में सुरक्षा और अवस्थापना सुविधाओं के सृजन के लिए दीर्घकालीन आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए स्तरीय नियोजन व निर्माण कार्य कराए जाने पर शासन-प्रशासन विशेष ध्यान दे रहा है. उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के बेहतर प्रबंधन, तीर्थयात्रियों को स्तरीय सुविधाएं एवं सेवाएं प्रदान करने और स्थानीय लोगों की आजीविका के अवसरों को बढ़ाने के लिए गंगोत्री धाम के सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करवाया जा रहा है. धाम के विकास से जुड़ी दीर्घकालीन महत्व की इन परियोजनाओं के प्रस्ताव तैयार कर शासन की स्वीकृति के लिए भेजे जाएंगे. परियोजनाओं के निर्माण में कम से कम दो दशक की जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा.
बाजार, घाटों व तटवर्ती क्षेत्रों का डीएम ने किया निरीक्षण: गंगोत्री धाम के भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी ने गंगोत्री मंदिर परिसर सहित प्रस्तावित टनल, पार्किंग स्थल, बाजार, घाटों व तटवर्ती क्षेत्रों का संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया. साथ ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों को धाम के दोनों तटवर्ती क्षेत्रों में नई तकनीक से युक्त, सुरक्षित व सुविधाजनक घाटों और तटबंधों के निर्माण की योजना तैयार करने के निर्देश दिए.
आस्था पथ को जोड़ने के लिए पैदल झूला पुलों की श्रृंखला होगी तैयार: जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को धाम के दोनों तटवर्ती क्षेत्रों से होते हुए पैदल रिंग रोड-आस्था पथ के निर्माण की योजना तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए धाम के परवर्ती तट पर एलिवेटेड संरचनाओं के निर्माण के विकल्पों पर भी विचार किया जाए. उन्होंने कहा कि धाम के प्रवेश द्वार से लेकर अंतिम सिरे तक दोनों तटवर्ती क्षेत्रों व प्रस्तावित आस्था पथ को जोड़ने के लिए पैदल झूला पुलों की श्रृंखला भी तैयार की जाएगी.
जल स्तर कम होते ही शुरू होगा चैनलाइजेशन : जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नदी तल में जमा मलबे को हटाकर नदी को मूल प्रवाह क्षेत्र की तरफ मोड़ने के लिए जल स्तर कम होते ही चैनलाइजेशन करने की कारवाई शुरू करने के निर्देश दिए. साथ ही जिलाधिकारी ने बाढ़ सुरक्षा के स्थायी कार्य एवं चैनलाइजेशन किए जाने तक जल स्तर पर निरंतर निगरानी रखते हुए पर्याप्त सुरक्षा एहतियात बरते जाने और घाटों की तरफ पानी के बहाव को रोकने के लिए तत्कालिक उपाय किए जाने हेतु भी संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए.
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