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धनतेरस पर आज खरीदारी के दो शुभ मुहूर्त; जानिए किस राशि के जातक को क्या खरीदना होगा फलदायी - DHANTERAS 29 OCTOBER

Dhanteras 2024: ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 29 अक्टूबर को 100 साल बाद बन रहा है अद्भुत संयोग. राशि के अनुरूप खरीदारी करने से बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा.

धनतेरस पर खरीदारी के दो मुहूर्त.
धनतेरस पर खरीदारी के दो मुहूर्त. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 26, 2024, 3:56 PM IST

Updated : Oct 29, 2024, 7:27 AM IST

वाराणसी: धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा. धनतेरस मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर के साथ आरोग्य के देवता धनवंतरी के जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. इसी दिन से दीपावली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत हो जाती है. इस दिन हर कोई अपने सामर्थ्य के अनुरूप खरीदारी करता है. कोई सोना, कोई चांदी तो कोई स्टील के बर्तन खरीदता है. वहीं लोग प्रॉपर्टी और महंगी गाड़ियां भी धनतेरस पर खरदीने को शुभ मानते हैं. ज्योतिषविदों का मानना है कि खरीदारी राशि के अनुरूप की जाए तो ज्यादा फलदायी होती है. इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि खरीदारी शुभ मुहूर्त में की जाए. तभी आप पर लक्ष्मी की कृपा बराबर बनी रहेगी. आइए जानते हैं, धनतेरस पर खरीदारी का क्या है मुहूर्त और किसी राशि के जातक को क्या खरीदना चाहिए.

धनतेरस पर खरीदारी के दो मुहूर्त. (Video Credit; ETV Bharat)

भगवान धन्वंतरि की भी इसी दिन पूजा: ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि दीप उत्सव के पांच दिवसीय पर्व का आगाज धन त्रयोदशी से होता है. खास बात यह है कि धन त्रयोदशी के दिन जिन दो प्रमुख देवताओं का पूजन होता है, वह समुद्र मंथन से ही निकले थे. माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि दोनों की उत्पत्ति एक ही स्थान से मानी जाती है. इसलिए भगवान धन्वंतरि को धनतेरस के दिन पूजा जाता है. वैद्य, डॉक्टर और जो भी आयुर्वेद का अध्ययन करने वाले लोग हैं, वे आयुर्वेद के प्रणेता भगवान धन्वंतरि का पूजन-वंदन करते हैं. शाम को माता लक्ष्मी-गणेश का पूजन होता है. दुकानों पर श्री गणेश-लक्ष्मी का नाम लिखा जाता है.

इस बार का धनतेरस का दिन ऋण मुक्ति के लिए उत्तम: पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि इस बार धन त्रयोदशी अपने आप में बेहद खास होने वाली है. क्योंकि मंगलवार का सहयोग धनतेरस वाले दिन मिल रहा है. ऐसी मान्यता है कि भौम प्रदोष का दिन यदि धनत्रयोदशी के साथ पड़ रहा हो तो यह दिन ऋण मुक्ति के लिए अति उत्तम होता है. बताया कि भौम प्रदोष से बड़ा व्रत ऋण मुक्ति के लिए कोई है ही नहीं, क्योंकि धन का संबंध मंगल से है और धन त्रयोदशी तथा मंगल का एक साथ पड़ना बेहद खास हो जाएगा.

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त: पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि इस दिन ऋण मुक्ति के लिए माता लक्ष्मी के सामने कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने के साथ ही लक्ष्मी सूक्त का पाठ बेहद फलदाई होगा, क्योंकि खरीदारी के लिए भी स्थिर लग्न की मान्यता होती है. इस दिन सही लगन में किसी भी सामान को खरीदना भी बेहद जरूरी है. इस वजह से इस दिन दो शुभ मुहूर्त खरीदारी के लिए मिल रहे हैं. जिसमें पहला शुभ मुहूर्त उसके लग्न से कुंभ होगा, जो दिन में 1.59 से लेकर दिन में 3.30 तक होगा. दूसरा वृषभ लग्न जो स्थिर लग्न होगा. यह सायंकाल में 6.35 से लेकर 8.31 तक के लिए होगा.

धनतेरस पर किस राशि के जातक क्या खरीदें : इस धनतेरस अद्भुत संयोग बन रहा है. इस बार खरीदारी के दो शुभ मुहूर्त भी हैं. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य के मुताबिक किस राशि के जातक को क्या खरीदना चाहिए.

  • मेष राशि के जातकों को धनतेरस पर चांदी के बर्तन खरीदने चाहिए, जिससे चंद्रमा और माता लक्ष्मी की कृपा उन पर बनी रहेगी.
  • वृषभ राशि के जातकों को धनतेरस पर चांदी का सिक्का खरीदना बेहद लाभदायक होगा.
  • मिथुन राशि के जातकों को पीतल के बर्तन खरीदने चाहिए, ताकि माता लक्ष्मी की कृपा उन पर बनी रहे.
  • कर्क राशि के जातकों के लिए चांदी का सिक्का या सफेद वस्तु धनतेरस पर खरीदना लाभकारी होगा.
  • सिंह राशि के जातकों के लिए धनतेरस पर कोई वाहन, स्वर्ण या रजत के आभूषण खरीदना लाभकारी है.
  • कन्या राशि के लोगों को प्रॉपर्टी के साथ आभूषण खरीदने से लाभ होगा.
  • तुला राशि के जातकों के लिए इस दिन झाड़ू खरीदना बेहद लाभदायक है.
  • वृश्चिक राशि के जातकों को इस दिन चांदी की सामग्री के साथ गुड़ और धनिया जरूर खरीद कर घर लाना चाहिए, इससे घर में समृद्धि आएगी.
  • धनु राशि के जातकों को इस दिन माता गणेश-लक्ष्मी की रजत प्रतिमा खरीदनी चाहिए.
  • मकर राशि के जातकों के लिए स्वर्ण या पीले कपड़े खरीदना लाभकारी होगा.
  • कुंभ राशि के जातकों को भगवान गणेश लक्ष्मी की रजत प्रतिमा, चांदी का सिक्का या फिर चांदी के बर्तन खरीदने चाहिए.
  • मीन राशि के जातकों के लिए सोना या पीतल के बर्तन खरीदना लाभकारी होगा.

अकाल मृत्यु से बचने के लिए करें ये उपाय: पंडित ऋषि द्विवेदी के मुताबिक इस दिन मृत्यु निवारक यम के निमित्त दीपदान का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है. अर्थात घर में कोई अकाल मृत्यु न हो इसलिए चार बत्तियों वाले दीए को सायंकाल अपने घर की दहलीज पर दक्षिण मुख की तरफ करके रखना होता है. इससे एक तरफ जहां धनतेरस पर यम का दीपक जलाने से घर में किसी तरह के अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है, तो खरीदारी करने से माता लक्ष्मी और धन कुबेर की कृपा बनी रहती है.

सोना-चांदी, पीतल और तांबा निर्मित वस्तुओं की खरीदारी करें: धनतेरस पर खरीदारी अपने क्षमता के अनुसार की जानी चाहिए. यह सबसे उत्तम होता है कि आप सोने-चांदी के आभूषण या बर्तन खरीदें. पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि किसी भी धातु की बनी हुई चीजों को खरीदने का विधान माना जाता है, क्योंकि समुद्र या धरती से जो भी खनिज निकलते हैं, उन पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है. उस दिन माता लक्ष्मी से संबंधित जो भी धातु या अन्य सामग्री खरीद कर लाते हैं, उसे पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है. सबसे महत्वपूर्ण सोना-चांदी,पीतल और तांबे से बनी वस्तुओं की खरीदारी है.

श्री सुक्तम और कनकधारा स्तोत्र का करें पाठ: इस दिन श्री सुक्तम और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना बेहद उत्तम होता है. शाम के समय स्थिर लग्न में यदि माता लक्ष्मी की कृपा चाहिए तो शाम को अपने प्रतिष्ठान, अपने घर में माता लक्ष्मी की आराधना जरूर करें. कहा कि स्वर्ण या चांदी या पीतल कांसे का सामान खरीदना ही ज्यादा उत्तम माना गया है.

धनतेरस पर 100 साल बाद अद्भुत संयोग: बताया कि 29 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन 100 साल बाद अद्भुत संयोग भी बन रहा है. 29 अक्टूबर को सुबह 10.32 पर त्रयोदशी तिथि लगेगी जो 30 अक्टूबर की दोपहर 1.16 तक रहेगी. 100 वर्ष के बाद धनतेरस पर त्रिपुष्कर सहयोग का अद्भुत समागम देखने को मिलेगा. 6.32 पर यह संयोग लगेगा, जो दूसरे दिन सुबह 10.30 तक देखने को मिलेगा. इस वक्त पर यदि माता लक्ष्मी की पूजा करने के साथ ही धन की कोठरी में एक लाल रंग के वस्त्र में पोटली बनाकर रखी जाए तो माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है और धन आकर्षित भी होता है.

यह भी पढ़ें : साल में सिर्फ 4-5 दिन खुलता है बनारस का ये मंदिर, खजाने का सिक्का पाने के लिए उमड़ते हैं लाखों भक्त

वाराणसी: धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा. धनतेरस मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर के साथ आरोग्य के देवता धनवंतरी के जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. इसी दिन से दीपावली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत हो जाती है. इस दिन हर कोई अपने सामर्थ्य के अनुरूप खरीदारी करता है. कोई सोना, कोई चांदी तो कोई स्टील के बर्तन खरीदता है. वहीं लोग प्रॉपर्टी और महंगी गाड़ियां भी धनतेरस पर खरदीने को शुभ मानते हैं. ज्योतिषविदों का मानना है कि खरीदारी राशि के अनुरूप की जाए तो ज्यादा फलदायी होती है. इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि खरीदारी शुभ मुहूर्त में की जाए. तभी आप पर लक्ष्मी की कृपा बराबर बनी रहेगी. आइए जानते हैं, धनतेरस पर खरीदारी का क्या है मुहूर्त और किसी राशि के जातक को क्या खरीदना चाहिए.

धनतेरस पर खरीदारी के दो मुहूर्त. (Video Credit; ETV Bharat)

भगवान धन्वंतरि की भी इसी दिन पूजा: ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि दीप उत्सव के पांच दिवसीय पर्व का आगाज धन त्रयोदशी से होता है. खास बात यह है कि धन त्रयोदशी के दिन जिन दो प्रमुख देवताओं का पूजन होता है, वह समुद्र मंथन से ही निकले थे. माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि दोनों की उत्पत्ति एक ही स्थान से मानी जाती है. इसलिए भगवान धन्वंतरि को धनतेरस के दिन पूजा जाता है. वैद्य, डॉक्टर और जो भी आयुर्वेद का अध्ययन करने वाले लोग हैं, वे आयुर्वेद के प्रणेता भगवान धन्वंतरि का पूजन-वंदन करते हैं. शाम को माता लक्ष्मी-गणेश का पूजन होता है. दुकानों पर श्री गणेश-लक्ष्मी का नाम लिखा जाता है.

इस बार का धनतेरस का दिन ऋण मुक्ति के लिए उत्तम: पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि इस बार धन त्रयोदशी अपने आप में बेहद खास होने वाली है. क्योंकि मंगलवार का सहयोग धनतेरस वाले दिन मिल रहा है. ऐसी मान्यता है कि भौम प्रदोष का दिन यदि धनत्रयोदशी के साथ पड़ रहा हो तो यह दिन ऋण मुक्ति के लिए अति उत्तम होता है. बताया कि भौम प्रदोष से बड़ा व्रत ऋण मुक्ति के लिए कोई है ही नहीं, क्योंकि धन का संबंध मंगल से है और धन त्रयोदशी तथा मंगल का एक साथ पड़ना बेहद खास हो जाएगा.

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त: पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि इस दिन ऋण मुक्ति के लिए माता लक्ष्मी के सामने कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने के साथ ही लक्ष्मी सूक्त का पाठ बेहद फलदाई होगा, क्योंकि खरीदारी के लिए भी स्थिर लग्न की मान्यता होती है. इस दिन सही लगन में किसी भी सामान को खरीदना भी बेहद जरूरी है. इस वजह से इस दिन दो शुभ मुहूर्त खरीदारी के लिए मिल रहे हैं. जिसमें पहला शुभ मुहूर्त उसके लग्न से कुंभ होगा, जो दिन में 1.59 से लेकर दिन में 3.30 तक होगा. दूसरा वृषभ लग्न जो स्थिर लग्न होगा. यह सायंकाल में 6.35 से लेकर 8.31 तक के लिए होगा.

धनतेरस पर किस राशि के जातक क्या खरीदें : इस धनतेरस अद्भुत संयोग बन रहा है. इस बार खरीदारी के दो शुभ मुहूर्त भी हैं. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य के मुताबिक किस राशि के जातक को क्या खरीदना चाहिए.

  • मेष राशि के जातकों को धनतेरस पर चांदी के बर्तन खरीदने चाहिए, जिससे चंद्रमा और माता लक्ष्मी की कृपा उन पर बनी रहेगी.
  • वृषभ राशि के जातकों को धनतेरस पर चांदी का सिक्का खरीदना बेहद लाभदायक होगा.
  • मिथुन राशि के जातकों को पीतल के बर्तन खरीदने चाहिए, ताकि माता लक्ष्मी की कृपा उन पर बनी रहे.
  • कर्क राशि के जातकों के लिए चांदी का सिक्का या सफेद वस्तु धनतेरस पर खरीदना लाभकारी होगा.
  • सिंह राशि के जातकों के लिए धनतेरस पर कोई वाहन, स्वर्ण या रजत के आभूषण खरीदना लाभकारी है.
  • कन्या राशि के लोगों को प्रॉपर्टी के साथ आभूषण खरीदने से लाभ होगा.
  • तुला राशि के जातकों के लिए इस दिन झाड़ू खरीदना बेहद लाभदायक है.
  • वृश्चिक राशि के जातकों को इस दिन चांदी की सामग्री के साथ गुड़ और धनिया जरूर खरीद कर घर लाना चाहिए, इससे घर में समृद्धि आएगी.
  • धनु राशि के जातकों को इस दिन माता गणेश-लक्ष्मी की रजत प्रतिमा खरीदनी चाहिए.
  • मकर राशि के जातकों के लिए स्वर्ण या पीले कपड़े खरीदना लाभकारी होगा.
  • कुंभ राशि के जातकों को भगवान गणेश लक्ष्मी की रजत प्रतिमा, चांदी का सिक्का या फिर चांदी के बर्तन खरीदने चाहिए.
  • मीन राशि के जातकों के लिए सोना या पीतल के बर्तन खरीदना लाभकारी होगा.

अकाल मृत्यु से बचने के लिए करें ये उपाय: पंडित ऋषि द्विवेदी के मुताबिक इस दिन मृत्यु निवारक यम के निमित्त दीपदान का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है. अर्थात घर में कोई अकाल मृत्यु न हो इसलिए चार बत्तियों वाले दीए को सायंकाल अपने घर की दहलीज पर दक्षिण मुख की तरफ करके रखना होता है. इससे एक तरफ जहां धनतेरस पर यम का दीपक जलाने से घर में किसी तरह के अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है, तो खरीदारी करने से माता लक्ष्मी और धन कुबेर की कृपा बनी रहती है.

सोना-चांदी, पीतल और तांबा निर्मित वस्तुओं की खरीदारी करें: धनतेरस पर खरीदारी अपने क्षमता के अनुसार की जानी चाहिए. यह सबसे उत्तम होता है कि आप सोने-चांदी के आभूषण या बर्तन खरीदें. पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि किसी भी धातु की बनी हुई चीजों को खरीदने का विधान माना जाता है, क्योंकि समुद्र या धरती से जो भी खनिज निकलते हैं, उन पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है. उस दिन माता लक्ष्मी से संबंधित जो भी धातु या अन्य सामग्री खरीद कर लाते हैं, उसे पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है. सबसे महत्वपूर्ण सोना-चांदी,पीतल और तांबे से बनी वस्तुओं की खरीदारी है.

श्री सुक्तम और कनकधारा स्तोत्र का करें पाठ: इस दिन श्री सुक्तम और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना बेहद उत्तम होता है. शाम के समय स्थिर लग्न में यदि माता लक्ष्मी की कृपा चाहिए तो शाम को अपने प्रतिष्ठान, अपने घर में माता लक्ष्मी की आराधना जरूर करें. कहा कि स्वर्ण या चांदी या पीतल कांसे का सामान खरीदना ही ज्यादा उत्तम माना गया है.

धनतेरस पर 100 साल बाद अद्भुत संयोग: बताया कि 29 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन 100 साल बाद अद्भुत संयोग भी बन रहा है. 29 अक्टूबर को सुबह 10.32 पर त्रयोदशी तिथि लगेगी जो 30 अक्टूबर की दोपहर 1.16 तक रहेगी. 100 वर्ष के बाद धनतेरस पर त्रिपुष्कर सहयोग का अद्भुत समागम देखने को मिलेगा. 6.32 पर यह संयोग लगेगा, जो दूसरे दिन सुबह 10.30 तक देखने को मिलेगा. इस वक्त पर यदि माता लक्ष्मी की पूजा करने के साथ ही धन की कोठरी में एक लाल रंग के वस्त्र में पोटली बनाकर रखी जाए तो माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है और धन आकर्षित भी होता है.

यह भी पढ़ें : साल में सिर्फ 4-5 दिन खुलता है बनारस का ये मंदिर, खजाने का सिक्का पाने के लिए उमड़ते हैं लाखों भक्त

Last Updated : Oct 29, 2024, 7:27 AM IST
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