उत्तरकाशी: चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 की जिला योजना की संरचना के लिए जिला योजना समिति की आज कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई. मीटिंग में जिला योजना के लिए कुल 76 करोड़ 57 लाख रुपए का परिव्यय अनुमोदित किया गया है. इस बार की जिला योजना का आकार पिछले साल की तुलना में 8.04 प्रतिशत अधिक है. बैठक की अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने की.
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि जिला योजना में स्वास्थ्य एवं शिक्षा व्यवस्था के सुदृढीकरण, प्रमुख कस्बों और नगरों में पेयजल समस्या के समाधान, सड़कों और पुलों के निर्माण, खेती-बागवानी के विकास और जिले की विशिष्टताओं व आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक विकास कार्यों के लिए प्राथमिकता से परिव्यय प्रस्तावित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है.
मुख्य विकास अधिकारी जय किशन ने जिला योजना के विभागवार परिव्यय एवं प्रस्तावित योजनाओं के बार में जानकारी देते हुए बताया कि विकास कार्यों के साथ ही आजीविका संवर्द्धन से जुड़ी योजनाओं को जिला योजना में प्रमुखता दी गई है. जल स्रोतों के संरक्षण के लिए भी जिला योजना में प्रावधान किया गया है. जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी चेतना अरोड़ा ने बैठक में बताया कि जिला योजना में अनुसूचित जाति के कल्याण की योजनाओं के लिए 23.37 प्रतिशत और जनजाति कल्याण से संबंधित योजनाओं के लिए 1.57 प्रतिशत का परिव्यय रखा गया है.
बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अधिकारियों को विकास कार्यों का प्रभावी क्रियान्वयन और नियमित रूप से योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए और कहा कि जन-प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत प्रकरणों पर तत्परता से कार्रवाई की जाए. उन्होंने लघु सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता द्वारा स्थलीय निरीक्षण न किए जाने की एक सदस्य की शिकायत पर संबंधित अभियंता का स्पष्टीकरण लेने के निर्देश देते हुए कहा कि लघु सिंचाई विभाग को उसकी क्षमता के हिसाब से ही कार्य आवंटित किए जाएंगे.
प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि जिला योजना समिति की बैठक में 28 विभागों के लिए चालू वर्ष की जिला योजना में कुल 7,657 लाख रुपए का परिव्यय अनुमोदित करते हुए वचनबद्ध मदों और चालू योजनाओं हेतु धनराशि अवमुक्त करने की अनुमति दी गई. उन्होंने कहा कि जिला योजना का पिछले साल का परिव्यय रू. 7087.28 लाख था. इस प्रकार इस साल की जिला योजना के परिव्यय में कुल 569.72 लाख रुपए की वृद्धि हुई है.
इस साल की जिला योजना में कृषि विभाग के लिए 280 लाख रुपए, उद्यान विभाग के लिए 340 लाख रुपए, पशुपालन विभाग के लिए 374 लाख रुपए, दुग्ध विकास के लिए 53.85 लाख रुपए, मत्स्य विभाग के लिए 106.80 लाख रुपए, वानिकी कार्यों के लिए 144 लाख रुपए का परिव्यय अनुमोदित किया गया है. जिला योजना में प्राथमिक शिक्षा के लिए 636 लाख रुपए और माध्यमिक शिक्षा के लिए 637 लाख रुपए, प्राविधिक शिक्षा के लिए 45 लाख रुपए, एलोपैथिक चिकित्सा के लिए 626 लाख रुपए, आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए 65 लाख रुपए का परिव्यय रखा गया है.
जबकि जल संस्थान के लिए 700 लाख रुपए, पेयजल निगम के 325 लाख रुपए, सड़क एवं पुल (लोनिवि) के लिए 900 लाख रुपए, पूल्ड आवास के 90 लाख रुपए, लघु सिंचाई के लिए 230.92 लाख रुपए, सिंचाई के लिए 440 लाख रुपए, सहकारिता के 108 लाख रुपए, उरेडा के लिए 100लाख रुपए, सामुदायिक विकास के लिए 160 लाख रुपए, क्रीड़ा विभाग के लिए 90 लाख रुपए और युवा कल्याण विभाग के लिए 749 लाख रुपए का परिव्यय निर्धारित किया गया है.
जिला योजना में पर्यटन विकास की योजनाओं के लिए 260 लाख रुपए, अर्थ एवं संख्या विभाग के लिए 40 लाख रुपए, समाज कल्याण विभाग के लिए 70 लाख रुपए, लघु उद्योग के लिए 35.78 लाख रुपए, रेशम विभाग के लिए 20 लाख रुपए, सूचना विभाग के लिए 15.65 लाख रुपए और सेवायोजन विभाग के लिए 15 लाख रुपए की धनराशि का परिव्यय अनुमोदित किया गया है.
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