बागेश्वर: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक फैसले में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश कंपनी को क्षतिग्रस्त जेसीबी मशीन का 12 लाख, 37 हजार, 500 रुपये का क्लेम भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही 10 हजार रुपए वाद खर्च और 20, 000 रुपए मानसिक पीड़ा पहुंचाने की एवज में देने को कहा है. इतना ही नहीं बीमा कंपनी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. 45 दिन के भीतर संपूर्ण भुगतान आठ प्रतिशत ब्याज की दर से एकमुश्त करने को कहा है.
जेसीबी मशीन मालिक ने उपभोक्ता फोरम में की थी शिकायत: जेसीबी मशीन मालिक आनंद सिंह दानू ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की थी, जिसमें बताया गया कि उन्होंने एक जेसीबी मशीन बैंक से लोन लेकर खरीदी थी. इस मशीन को पोथिंग-शोभाकुंड मोटरमार्ग कटिंग कार्य में लगाया था. 14 जनवरी 2018 को शाम पांच बजे निर्माण कार्य के दौरान पहाड़ दरकने से मशीन उसकी चपेट में आ गई, जिससे मशीन क्षतिग्रस्त हो गई. इसकी रिपोर्ट उन्होंने कपकोट थाने में 15 जनवरी को की थी, लेकिन गलती से उन्होंने रिपोर्ट में जेसीबी चालक का नाम गोपाल सिंह दफौटी पुत्र जसौद सिंह के बजाए इकरार अहमद का नाम लिख दिया था.
कंंपनी पीड़ित को राशि देने से कर रही थी इनकार: जब उन्होंने मौके का मुआयना किया तो मशीन गोपाल सिंह चला रहा था. इस भूल को उन्होंने अपनी रिपोर्ट में 20 जनवरी को सुधार लिया था. इसके बाद उन्होंने बीमा कंपनी पर मशीन में हुए नुकसान का साढ़े 16 लाख रुपए का क्लेम किया, लेकिन बीमा कंपनी ने चालक का नाम इकरार अहमद लिखने की बात को कारण बताकर उनका क्लेम रोक दिया, जबकि कंपनी का सर्वेयर मौके का मुआयना कर चुका था, उसे भी जानकारी थी कि चालक गोपाल सिंह है. इसके बाद भी कंपनी उन्हें परेशान करने के लिए इकरार अहमद का डीएल पेश करने की मांग करती रही, इससे परेशान होकर उन्होंने मामले को उपभोक्ता फोरम में डाल दिया.
कोर्ट ने 12 लाख से ज्यादा बीमा राशि देने के दिए निर्देश: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार, सदस्य रमेश चंद्र सनवाल और हंसी रौतेला ने शनिवार को मामले की सुनवाई की. गवाहों व पत्रवालियों का अवलोकन करने के बाद बीमा कंपनी को दोषी पाया. उन्होंने शिकायतकर्ता आनंद दानू को 12 लाख, 37 हजार, 500 रुपए बीमा राशि देने के निर्देश दिए. साथ ही 10 हजार रुपए वाद खर्च व 20 हजार रुपए मानसिक कष्ट पहुंचाने की एवज में देने को कहा है. साथ ही बीमा कंपनी को 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. यह राशि आयोग कार्यालय के राजकोष में जमा होगी.
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