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होम लोन के बीमा कवर की राशि काटने पर इंश्योरेंस कंपनी पर लगा हर्जाना - District Consumer Commission - DISTRICT CONSUMER COMMISSION

जिला उपभोक्ता आयोग द्वितीय ने होम लोन के बीमा कवर की राशि काटने पर इंश्योरेंस कंपनी पर 65 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.

IMPOSE PENALTY ON INSURANCE COMPANY,  HOME LOAN INSURANCE COVER
बीमा कवर की राशि काटने पर इंश्योरेंस कंपनी पर लगा हर्जाना. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 4, 2024, 8:56 PM IST

जयपुरः जिला उपभोक्ता आयोग द्वितीय ने होम लोन के बीमा कवर के रूप में वसूली गई राशि को उपभोक्ता को लौटाने के दौरान कटौती करने को सेवा दोष माना है. इसके साथ ही आयोग ने एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को कहा है कि वह काटी गई राशि 41059 रुपए ब्याज सहित लौटाए. इसके साथ ही आयोग ने बीमा कंपनी पर कुल 65 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. आयोग अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना ने यह आदेश जगमोहन सिंह यादव के परिवाद पर दिए.

परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने इंदिरा गांधी नगर में वर्ष 2010 में आवास खरीदा था. ऐसे में एसबीबीजे बैंक की ओर से उसे 10.69 रुपए का लोन स्वीकृत किया गया. वहीं, होम लोन के बीमा कवर के रूप में 1.34 लाख रुपए की कटौती की गई. इस दौरान परिवादी को आश्वस्त किया गया कि यदि वह बीमा नहीं चाहेगा तो यह राशि उसे लौटा दी जाएगी. परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने जनवरी, 2011 में लोन की पहली किस्त का भुगतान कर दिया.

पढ़ेंः खराब कार बेचने पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने मर्सिडीज बेंज इंडिया पर लगाया 8.50 लाख रुपए हर्जाना - Fine On Car Manufacturer

इसके अलावा जब परिवादी ने बीमा कवर के रूप में काटी राशि लौटाने को कहा तो उसे बीमा पॉलिसी बॉन्ड की कॉपी भेज दी गई. इस पर परिवादी ने बीमा पॉलिसी के संबंध में असहमति जता दी. परिवाद में कहा गया कि बाद में उसके बीमा कवर के रूप में काटे गए 1.34 लाख रुपए के बजाए 92941 रुपए ही तीस मई, 2011 को लौटाए गए. ऐसे में परिवादी से 41059 रुपए की अवैध रूप से कटौती की गई है. इस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने काटी गई राशि ब्याज सहित लौटाने के आदेश देते हुए बीमा कंपनी पर हर्जाना लगाया है.

जयपुरः जिला उपभोक्ता आयोग द्वितीय ने होम लोन के बीमा कवर के रूप में वसूली गई राशि को उपभोक्ता को लौटाने के दौरान कटौती करने को सेवा दोष माना है. इसके साथ ही आयोग ने एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को कहा है कि वह काटी गई राशि 41059 रुपए ब्याज सहित लौटाए. इसके साथ ही आयोग ने बीमा कंपनी पर कुल 65 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. आयोग अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना ने यह आदेश जगमोहन सिंह यादव के परिवाद पर दिए.

परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने इंदिरा गांधी नगर में वर्ष 2010 में आवास खरीदा था. ऐसे में एसबीबीजे बैंक की ओर से उसे 10.69 रुपए का लोन स्वीकृत किया गया. वहीं, होम लोन के बीमा कवर के रूप में 1.34 लाख रुपए की कटौती की गई. इस दौरान परिवादी को आश्वस्त किया गया कि यदि वह बीमा नहीं चाहेगा तो यह राशि उसे लौटा दी जाएगी. परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने जनवरी, 2011 में लोन की पहली किस्त का भुगतान कर दिया.

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इसके अलावा जब परिवादी ने बीमा कवर के रूप में काटी राशि लौटाने को कहा तो उसे बीमा पॉलिसी बॉन्ड की कॉपी भेज दी गई. इस पर परिवादी ने बीमा पॉलिसी के संबंध में असहमति जता दी. परिवाद में कहा गया कि बाद में उसके बीमा कवर के रूप में काटे गए 1.34 लाख रुपए के बजाए 92941 रुपए ही तीस मई, 2011 को लौटाए गए. ऐसे में परिवादी से 41059 रुपए की अवैध रूप से कटौती की गई है. इस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने काटी गई राशि ब्याज सहित लौटाने के आदेश देते हुए बीमा कंपनी पर हर्जाना लगाया है.

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