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करंट की चपेट में आने से एक और बिजली कार्मिक की मौत, परिजनों का शव उठाने से इनकार, मांगा 50 लाख का मुआवजा - died due to electric shock

चार दिन पहले कोटा जिले के इटावा में करंट से बिजली कर्मचारी की मौत का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि जिले में एक और हादसे में बिजली कर्मचारी की मौत हो गई. जिले के दीगोद थाना क्षेत्र में खंभे पर काम कर रहे कर्मचारी की करंट से मौत हो गई.

died due to electric shock
करंट की चपेट में आने से एक और बिजली कार्मिक की मौत (PHOTO ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 18, 2024, 3:31 PM IST

कोटा. जिले के दीगोद थाना इलाके के फतेहपुर गांव में करंट लगने से जयपुर डिस्कॉम में संविदा पर काम कर रहे एक कार्मिक की मौत हो गई. कार्मिक के परिजनों ने शव उठाने से इनकार कर दिया. यह लोग माली समाज और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए. आंदोलनकारियों ने 50 लाख रुपए मुआवजा और परिजनों को सरकारी नौकरी की मांग की है. इस हादसे में लाइनमैन और अन्य बिजली कर्मचारियों की गलती बताई जा रही है.

बता दें कि चार दिन पहले भी इसी तरह से इटावा में एक बिजली कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो गई थी. दीगोद थाना अधिकारी रंजीत सिंह राजपूत के अनुसार पड़ासिया निवासी सियाराम सुमन पुत्र शंकर लाल की मौत एमबीएस अस्पताल में उपचार के दौरान बुधवार देर रात को हुई थी. वह बुधवार शाम 5:00 बजे दीगोद फीडर के फतेहपुर गांव में बिजली दुरुस्त करने के लिए पहुंचा था. इस दौरान करंट की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गया था. उसे एमबीएस अस्पताल में लेकर आए, लेकिन यहां उसकी मौत हो गई. मृतक सियाराम सुमन जेवीवीएनएल में फॉल्ट रिपेयर टीम में संविदा पर काम कर रहा था.

पढ़ें: GSS पर काम कर रहे बिजली कर्मी की करंट से मौत, परिजनों ने इंजीनियर्स पर लगाया लापरवाही का आरोप

इधर, मृतक के साले रवि सुमन ने आरोप लगाया है कि लाइनमैन ने शटडाउन लिया. इसके बाद सियाराम ने लाइन को चेक किया तो वह बंद थी. इसके बाद लाइनमैन मुरली मेघवाल के कहने पर सियाराम खंभे पर चढ़ गया था, लेकिन बिजली चालू होने के चलते वह करंट की चपेट में आ गया. रवि का कहना है कि सियाराम के कोई बच्चे नहीं है, लेकिन उसकी पत्नी गर्भवती है. इस बीच कोटा उत्तर नगर निगम के पार्षद राकेश सुमन और माली समाज के अन्य लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए मोर्चरी पर पहुंचे गए. वे मृतक का शव नहीं उठा रहे. वहां प्रदर्शन किया जा रहा है. इनकी मांग है कि मृतक के घरवालों को 50 लाख रुपए का मुआवजा और निकटतम परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए.

कोटा. जिले के दीगोद थाना इलाके के फतेहपुर गांव में करंट लगने से जयपुर डिस्कॉम में संविदा पर काम कर रहे एक कार्मिक की मौत हो गई. कार्मिक के परिजनों ने शव उठाने से इनकार कर दिया. यह लोग माली समाज और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए. आंदोलनकारियों ने 50 लाख रुपए मुआवजा और परिजनों को सरकारी नौकरी की मांग की है. इस हादसे में लाइनमैन और अन्य बिजली कर्मचारियों की गलती बताई जा रही है.

बता दें कि चार दिन पहले भी इसी तरह से इटावा में एक बिजली कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो गई थी. दीगोद थाना अधिकारी रंजीत सिंह राजपूत के अनुसार पड़ासिया निवासी सियाराम सुमन पुत्र शंकर लाल की मौत एमबीएस अस्पताल में उपचार के दौरान बुधवार देर रात को हुई थी. वह बुधवार शाम 5:00 बजे दीगोद फीडर के फतेहपुर गांव में बिजली दुरुस्त करने के लिए पहुंचा था. इस दौरान करंट की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गया था. उसे एमबीएस अस्पताल में लेकर आए, लेकिन यहां उसकी मौत हो गई. मृतक सियाराम सुमन जेवीवीएनएल में फॉल्ट रिपेयर टीम में संविदा पर काम कर रहा था.

पढ़ें: GSS पर काम कर रहे बिजली कर्मी की करंट से मौत, परिजनों ने इंजीनियर्स पर लगाया लापरवाही का आरोप

इधर, मृतक के साले रवि सुमन ने आरोप लगाया है कि लाइनमैन ने शटडाउन लिया. इसके बाद सियाराम ने लाइन को चेक किया तो वह बंद थी. इसके बाद लाइनमैन मुरली मेघवाल के कहने पर सियाराम खंभे पर चढ़ गया था, लेकिन बिजली चालू होने के चलते वह करंट की चपेट में आ गया. रवि का कहना है कि सियाराम के कोई बच्चे नहीं है, लेकिन उसकी पत्नी गर्भवती है. इस बीच कोटा उत्तर नगर निगम के पार्षद राकेश सुमन और माली समाज के अन्य लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए मोर्चरी पर पहुंचे गए. वे मृतक का शव नहीं उठा रहे. वहां प्रदर्शन किया जा रहा है. इनकी मांग है कि मृतक के घरवालों को 50 लाख रुपए का मुआवजा और निकटतम परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए.

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