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डॉक्टरी की पढ़ाई के इच्छुक दिव्यांगों के लिए अच्छी खबर, हिमाचल के मेडिकल कॉलेज देंगे निशुल्क शिक्षा - disabled students medical education

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 16, 2024, 6:28 PM IST

हिमाचल प्रदेश के सभी छह सरकारी मेडिकल कॉलेज में दिव्यांग विद्यार्थी अब निशुल्क पढ़ाई कर सकेंगे. पिछले वर्ष हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज की व्हीलचेयर यूजर एमबीबीएस छात्रा निकिता चौधरी ने आवाज उठाई थी. वह उमंग फाउंडेशन की सदस्य हैं. उन्हें हाईकोर्ट के आदेशों के बाद दाखिला मिला था, लेकिन पूरी फीस वसूली जा रही थी.

DISABLED STUDENTS MEDICAL EDUCATION
दिव्यांग MBBS छात्रा निकिता चौधरी (फाइल फोटो) (ईटीवी भारत)

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सभी छह सरकारी मेडिकल कॉलेज (Himachal Government Medical College) में दिव्यांग विद्यार्थी (Divyang medical student) अब निशुल्क पढ़ाई कर सकेंगे. इस फैसले से सभी छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, एमडी, नर्सिंग और अन्य पाठ्यक्रमों के सैकड़ों दिव्यांग विद्यार्थियों (Disabled medical student) को लाभ होगा. अटल मेडिकल एवं रिसर्च यूनिवर्सिटी मंडी (Atal Medical and Research University Mandi) ने 15 मई को इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं.

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी जनहित याचिका पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 4 जून 2015 में राज्य के सभी दिव्यांग विद्यार्थियों को सरकारी संस्थानों में विश्वविद्यालय स्तर तक की निशुल्क शिक्षा का अधिकार दिया था, लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसे लागू नहीं किया था. चिकित्सा विभाग के अलावा अन्य विश्वविद्यालयों और सामान्य कॉलेज स्तर पर इसे लागू कर दिया गया था.

उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज की व्हीलचेयर यूजर एमबीबीएस छात्रा निकिता चौधरी ने आवाज उठाई थी. वह उमंग फाउंडेशन की सदस्य हैं. उन्हें हाईकोर्ट के आदेशों के बाद दाखिला मिला था, लेकिन पूरी फीस वसूली जा रही थी. वह हिमाचल की पहली व्हीलचेयर यूजर डॉक्टर बनेंगी. अजय श्रीवास्तव के अनुसार सभी मेडिकल कॉलेज दिव्यांग बच्चों को 5% आरक्षण तो दे रहे हैं, लेकिन पिछले 9 वर्षों से हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करके उनसे फीस भी ले रहे थे.

अजय श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने ये मामला राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के साथ भी उठाया था. उन्होंने दिव्यांग बच्चों से गैर कानूनी ढंग से वसूली गई फीस को तुरंत वापस करने की मांग की थी. अब चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देश पर अटल मेडिकल एवं रिसर्च विश्वविद्यालय, मंडी के कुलपति ने 15 मई को इस बारे में आदेश जारी किए हैं.

अजय श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य के 6 विश्वविद्यालय में कम से कम 120 दिव्यांग बच्चे एमबीबीएस कर रहे हैं. इनके अलावा पोस्ट ग्रेजुएशन, बीएससी नर्सिंग एवं अन्य पाठ्यक्रमों के सैकड़ों दिव्यांग बच्चों को राहत मिलेगी. गौरतलब है कि प्रदेश में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा, लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक, डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा, और डॉ यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं, सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए भी सभी मेडिकल कॉलेज में एक सीट आरक्षित है.

ये भी पढ़ें: आर्थिक मोर्चे पर संकट में हिमाचल, चुनाव खत्म होते ही शुरू होंगी मुश्किलें, राहत के लिए 16वें वित्तायोग से सुखविंदर सरकार को आस

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सभी छह सरकारी मेडिकल कॉलेज (Himachal Government Medical College) में दिव्यांग विद्यार्थी (Divyang medical student) अब निशुल्क पढ़ाई कर सकेंगे. इस फैसले से सभी छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, एमडी, नर्सिंग और अन्य पाठ्यक्रमों के सैकड़ों दिव्यांग विद्यार्थियों (Disabled medical student) को लाभ होगा. अटल मेडिकल एवं रिसर्च यूनिवर्सिटी मंडी (Atal Medical and Research University Mandi) ने 15 मई को इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं.

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी जनहित याचिका पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 4 जून 2015 में राज्य के सभी दिव्यांग विद्यार्थियों को सरकारी संस्थानों में विश्वविद्यालय स्तर तक की निशुल्क शिक्षा का अधिकार दिया था, लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसे लागू नहीं किया था. चिकित्सा विभाग के अलावा अन्य विश्वविद्यालयों और सामान्य कॉलेज स्तर पर इसे लागू कर दिया गया था.

उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज की व्हीलचेयर यूजर एमबीबीएस छात्रा निकिता चौधरी ने आवाज उठाई थी. वह उमंग फाउंडेशन की सदस्य हैं. उन्हें हाईकोर्ट के आदेशों के बाद दाखिला मिला था, लेकिन पूरी फीस वसूली जा रही थी. वह हिमाचल की पहली व्हीलचेयर यूजर डॉक्टर बनेंगी. अजय श्रीवास्तव के अनुसार सभी मेडिकल कॉलेज दिव्यांग बच्चों को 5% आरक्षण तो दे रहे हैं, लेकिन पिछले 9 वर्षों से हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करके उनसे फीस भी ले रहे थे.

अजय श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने ये मामला राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के साथ भी उठाया था. उन्होंने दिव्यांग बच्चों से गैर कानूनी ढंग से वसूली गई फीस को तुरंत वापस करने की मांग की थी. अब चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देश पर अटल मेडिकल एवं रिसर्च विश्वविद्यालय, मंडी के कुलपति ने 15 मई को इस बारे में आदेश जारी किए हैं.

अजय श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य के 6 विश्वविद्यालय में कम से कम 120 दिव्यांग बच्चे एमबीबीएस कर रहे हैं. इनके अलावा पोस्ट ग्रेजुएशन, बीएससी नर्सिंग एवं अन्य पाठ्यक्रमों के सैकड़ों दिव्यांग बच्चों को राहत मिलेगी. गौरतलब है कि प्रदेश में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा, लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक, डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा, और डॉ यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं, सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए भी सभी मेडिकल कॉलेज में एक सीट आरक्षित है.

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