डिंडोरी. मौके पर पहुंचे प्रशासन ने घर-घर जाकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच करवाना शुरू कर दिया है. गांव में एक स्पेशल मेडिकल टीम भी पहुंच गई है. दरअसल, इस आदिवासी गांव में अभी भी लोग इलाज से पहले झाड़ फूंक करवाने पर भरोसा रखते हैं और झाड़ फूंक की वजह से इलाज में देरी हो जाती है, जिसके चलते लोगों की हालत गंभीर हो रही है.
लगातार मौतौं से हाहाकार
दो दिनों में देखते-देखते दो और मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं 5 अन्य लोगों को डिंडोरी के जिला अस्पताल में शिफ्ट किया गया है. गांव में लोगों को साफ सफाई का ध्यान रखने के लिए सलाह दी जा रही है. कलेक्टर के पहुंचने के बाद गांव में कई जगह फैली गंदगी को हटाया गया है. सरपंच कालिया बाई ने बताया कि गांव मे पिछले एक सप्ताह में गुलाब सिंह, झम्मल बाई, ममता मरावी, लूली बाई मरावी की मौत हुई है. वहीं इलाज के दौरान रघु सिंह मरावी ने भी दम तोड़ दिया.
दो अन्य की हालत गंभीर
अमरपुर स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवा रहे रघु सिंह मरावी की देर रात 12 बजकर 30 मिनिट में मौत हो गई है. राजा राम और सुगरवती का इलाज किया जा रहा है. शामवती को इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया है.
गंदगी की वजह से फैल रही गंभीर बीमारियां
एसडीएम राम बाबू देवांगन ने बताया कि इस गांव में लोग बड़े पैमाने पर सूअर पालन करते हैं और सूअर पालन की वजह से उनके घरों के आसपास गंदगी बनी रहती है, जिससे गंभीर बीमारियां फैलती हैं. इसलिए गांव के लोगों को समझाइश दी जा रही है कि वे साफ सफाई रखें और डारिया से सतर्क रहें. गांव के पानी के स्रोत के सभी साधनों में क्लोरीन और फिटकरी डाली जा रही है जिससे डायरिया के कीटाणु पानी में हों, तो वे खत्म हो जाएं. इसके साथ ही गांव में कीटनाशक का छिड़काव भी किया जा रहा है.