ETV Bharat / state

डिजिटल रेप के दोषी को 20 वर्ष कारावास की सजा, 50 हजार रुपये का जुर्माना - Digital rape case - DIGITAL RAPE CASE

गौतम बुद्ध नगर जिला एवं सत्र न्यायालय ने डिजिटल रेप के आरोपी को 20 साल सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. मामला 2018 का है.

d
d
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 1, 2024, 8:40 PM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: जिला न्यायालय ने नोएडा के 2018 के एक डिजिटल रेप (पॉस्को एक्ट) के मामले में दोषी को 20 वर्ष की सजा सुनाई है. अपर सत्र विशेष न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) विकास नागर ने आरोपी सुबोध कुमार दास को दोषी मानते हुए 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि जमा ने करने पर 6 महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी नहीं होगी. वहीं, जेल में बिताई गई अवधि इस सजा में समायोजित की जाएगी.

जिला शासकीय अधिवक्ता जेपी भाटी ने बताया कि नोएडा के थाना फेस टू में 4 नवंबर 2018 को आरोपी के खिलाफ पीड़ित परिवार ने पुलिस को शिकायत दी. परिवार ने बताया कि उसकी नाबालिग पांच वर्षीय बेटी के साथ डिजिटल रेप की घटना को अंजाम दिया गया है. शिकायत के आधार पर पुलिस ने पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया और पीड़ित को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया. पुलिस ने मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वहीं पुलिस ने मामले की चार्जशीट जिला न्यायालय में पेश की.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली हाईकोर्ट का विस्तार करने की मांग पर केंद्र को नोटिस जारी - Delhi High Court expansion

अपर सत्र विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट विकास नागर ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह, गवाहों के बयान और सबूत के आधार पर आरोपी सुबोध कुमार दास को आईपीसी की धारा 376 एबी व पोक्सो एक्ट में दोषी मानते हुए 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

क्या होता है डिजिटल रेपः डिजिटल रेप वह अपराध है, जिसमें पीड़िता या बिना किसी की मर्जी के उंगली से या हाथ पैर के अंगूठे से जबरदस्ती पेनेट्रेशन किया गया हो. विदेशों में डिजिटल दुष्कर्म शब्द काफी समय से इस्तेमाल किया जा रहा है. अब देश के कानून में भी इसका इस्तेमाल किया जाने लगा है. अंग्रेजी शब्द कोश में उंगली, अंगूठा, पैर की अंगुली को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है यानी निजी अंगों को उंगली से छेड़ने को डिजिटल दुष्कर्म कहते हैं.

यह भी पढ़ेंः नोएडा: करोड़ों के जीएसटी फर्जीवाड़ा में दिल्ली के तीन कारोबारी गिरफ्तार - DELHI BUSINESSMAN ARRESTED

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: जिला न्यायालय ने नोएडा के 2018 के एक डिजिटल रेप (पॉस्को एक्ट) के मामले में दोषी को 20 वर्ष की सजा सुनाई है. अपर सत्र विशेष न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) विकास नागर ने आरोपी सुबोध कुमार दास को दोषी मानते हुए 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि जमा ने करने पर 6 महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी नहीं होगी. वहीं, जेल में बिताई गई अवधि इस सजा में समायोजित की जाएगी.

जिला शासकीय अधिवक्ता जेपी भाटी ने बताया कि नोएडा के थाना फेस टू में 4 नवंबर 2018 को आरोपी के खिलाफ पीड़ित परिवार ने पुलिस को शिकायत दी. परिवार ने बताया कि उसकी नाबालिग पांच वर्षीय बेटी के साथ डिजिटल रेप की घटना को अंजाम दिया गया है. शिकायत के आधार पर पुलिस ने पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया और पीड़ित को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया. पुलिस ने मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वहीं पुलिस ने मामले की चार्जशीट जिला न्यायालय में पेश की.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली हाईकोर्ट का विस्तार करने की मांग पर केंद्र को नोटिस जारी - Delhi High Court expansion

अपर सत्र विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट विकास नागर ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह, गवाहों के बयान और सबूत के आधार पर आरोपी सुबोध कुमार दास को आईपीसी की धारा 376 एबी व पोक्सो एक्ट में दोषी मानते हुए 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

क्या होता है डिजिटल रेपः डिजिटल रेप वह अपराध है, जिसमें पीड़िता या बिना किसी की मर्जी के उंगली से या हाथ पैर के अंगूठे से जबरदस्ती पेनेट्रेशन किया गया हो. विदेशों में डिजिटल दुष्कर्म शब्द काफी समय से इस्तेमाल किया जा रहा है. अब देश के कानून में भी इसका इस्तेमाल किया जाने लगा है. अंग्रेजी शब्द कोश में उंगली, अंगूठा, पैर की अंगुली को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है यानी निजी अंगों को उंगली से छेड़ने को डिजिटल दुष्कर्म कहते हैं.

यह भी पढ़ेंः नोएडा: करोड़ों के जीएसटी फर्जीवाड़ा में दिल्ली के तीन कारोबारी गिरफ्तार - DELHI BUSINESSMAN ARRESTED

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.