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धनंजय खींवसर बने RCA के नए कार्यवाहक अध्यक्ष, ये है बड़ी चुनौती - Acting President of RCA

Acting President of RCA, धनंजय खींवसर आरसीए के नए कार्यवाहक अध्यक्ष बने हैं. हालांकि, उनके सामने क्रीड़ा परिषद के साथ एमओयू और सहकारिता विभाग की जांच सबसे बड़ी चुनौती होगी. सुनिए खींवसर ने क्या कहा...

Acting President of RCA
धनंजय खींवसर बने RCA के नए कार्यवाहक अध्यक्ष
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 9, 2024, 5:31 PM IST

Updated : Mar 9, 2024, 7:06 PM IST

धनंजय खींवसर ने क्या कहा सुनिए...

जयपुर. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की एजीएम में प्रदेश के नागौर जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष धनंजय खींवसर को आरसीए का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया है. जनरल बॉडी मीटिंग में सर्वसम्मति से ये फैसला लिया गया, जिनके सामने सबसे बड़ी चुनौती क्रीड़ा परिषद के साथ एमओयू और सहकारिता विभाग की जांच की होगी. हालांकि, कार्यवाहक अध्यक्ष बनने के साथ ही खींवसर ने उनका समाधान निकालने की बात कही है. साथ ही आईपीएल मुकाबलों को लेकर कहा कि स्पोर्ट्स काउंसिल, खेल मंत्री और सरकार से बात करेंगे. बीसीसीआई से चर्चा करेंगे और पूरा प्रयास यही रहेगा कि आरसीए का भी आईपीएल में इंवॉल्वमेंट हो.

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बाद अब प्रदेश के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय खींवसर के सिर आरसीए का ताज सजा है. जयपुर के केएल सैनी स्टेडियम में हुई एजीएम में आरसीए के कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर चुने गए धनंजय खींवसर ने सभी मार्गदर्शक और जिला संघ के सदस्यों को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वो सब को साथ लेकर प्रयास करेंगे कि राजस्थान में क्रिकेट का नया सूर्योदय हो.

खेल जगत में जो भी खिलाड़ी हैं वो आगे बढ़कर देश और प्रदेश का नाम रोशन करें और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का किसी के साथ भी टकराव न हो. जहां तक आईपीएल मुकाबलों का सवाल है तो बहुत जल्द क्रीड़ा परिषद से भी बात की जाएगी और बीसीसीआई से भी संपर्क करेंगे. वहीं, उन्होंने कहा कि एमओयू क्यों खत्म हुआ उसे पहले रिन्यू क्यों नहीं किया गया, ऐसी किसी भी पुरानी बात पर वो कुछ नहीं कहना चाहेंगे, लेकिन सकारात्मक के साथ आगे बढ़ते हुए स्पोर्ट्स काउंसिल और सरकार से बात करेंगे और नया एमओयू ड्राफ्ट करके बहुत जल्द सरकार के साथ ज्वाइंट अंडरस्टैंडिंग पर आएंगे. जहां तक आरसीए पर चल रहे बकाए का सवाल है तो अभी पद संभाला ही है. जल्द इसका भी जवाब देंगे.

पढ़ें : अशोक गहलोत ने सरकार को घेरा, कहा- क्रिकेट के प्रति भावना नहीं, RCA पर कब्जा करना चाहते हैं, खेल मंत्री का पलटवार

उन्होंने कहा कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का जब किसी के साथ तनाव या टकराव होता है तो सबसे पहले खिलाड़ी और क्रिकेट का नुकसान होता है. राज्य सरकार स्पोर्ट्स काउंसिल और खेल मंत्री से बात करेंगे, जल्द एमओयू और सहकारी विभाग की ओर से हो रही इंक्वारी जैसी बातों का समाधान निकाला जाएगा. प्रयास यही रहेगा कि खिलाड़ियों का फायदा हो और क्रिकेट आगे बढ़े. उन्होंने कहा कि वैभव गहलोत ने भी दो-तीन साल आरसीए की कमान संभाली है. उनको भी अनुभव है, वो भी यदि सकारात्मक ऊर्जा से साथ जुड़े तो उनका भी स्वागत करना चाहेंगे.

खींवसर ने बताया कि वो खुद स्कूल में क्रिकेट खेला करते थे. स्क्वैश खेल के राजस्थान अंडर-19 के कप्तान भी रहे. मलेशियन इंटरनेशनल ओपन और सिंगापुर इंटरनेशनल ओपन जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में प्रतिनिधित्व भी किया है और एक प्लेयर की क्या आवश्यकता है, वो बहुत गंभीरता से समझते हैं. वो बस यही आश्वस्त करना चाहते हैं कि राजस्थान में जो भी क्रिकेट को लेकर कंट्रोवर्सी रही है, उसे दूर किया जाए और क्रिकेट का एक नया सूर्योदय हो. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि बहुत ही जल्द चुनाव की तारीख भी घोषित कर दी जाएगी और यही वो भी चाहते हैं.

उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार स्पोर्ट्समैन परिवार है. गजेंद्र सिंह उनके पिता हैं. वो हमेशा उनके मार्गदर्शक रहेंगे, लेकिन धनंजय खींवसर का भी अपना एक व्यक्तित्व है. बीते 15-20 साल से वे भी संघर्ष करते आ रहे हैं. खींवसर में एक फाउंडेशन भी चलाते हैं, जिसके 14 समानांतर प्रोजेक्ट भी चलते हैं. उनमें से एक प्रोजेक्ट का नाम खेलो मारवाड़ है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों क्रिकेट किट बांटे हैं. बीते दो ढाई साल से वो नागौर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं. उनका कोई एजेंडा नहीं है. एक प्रयास यही है कि क्रिकेट में किसी तरह का राजनीतिकरण ना हो और भेदभाव पक्षपात न हो.

धनंजय ने कहा कि कई बार सुनने में आया है कि कई सालों से प्लेयर के सलेक्शन क्राइटेरिया पर सवाल उठे हैं. प्रयास रहेगा की फेयर सलेक्शन हो और सबको साथ लेकर क्रिकेट को आगे बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि एक चिंता का विषय रहा है कि कई इंटरनेशनल लेवल के प्लेयर दूसरे राज्यों से जाकर खेल रहे थे. ऐसा क्यों हुआ इसका ध्यान रखेंगे और प्रयास रहेगा कि राजस्थान के खिलाड़ी प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए देश और प्रदेश का नाम रोशन करें.

आपको बता दें कि फाइनेंशियल मैनेजमेंट और चुनाव प्रक्रिया को लेकर सहकारी समिति रजिस्ट्रार की ओर से पूछे गए सवालों पर आरसीए की ओर से 29 फरवड़ी और 4 मार्च को जवाब पेश किया जा चुका है. हालांकि, उन जवाबों पर सहमति नहीं बनी है. ऐसे में अब 12 मार्च को अंतिम बार जवाब पेश करने का समय दिया है. इस जवाब में खर्चों का ब्योरा देना है, लेकिन आरसीए ने दोनों बार कहा है कि उनके कार्यालय के दस्तावेज खेल परिषद ने ताले में बंद कर दिए हैं. ऐसे में जवाब कैसे दिया जाएगा. वहीं, सहकारिता विभाग आरसीए के बकाया और खेल परिषद के साथ हुए एमओयू को लेकर भी जांच कर रहा है. इस बीच अब नए कार्यवाहक अध्यक्ष का एलान हो चुका है, जिनके सामने सबसे बड़ी चुनौती एमओयू और सहकारिता विभाग की जांच की ही होगी.

धनंजय खींवसर ने क्या कहा सुनिए...

जयपुर. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की एजीएम में प्रदेश के नागौर जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष धनंजय खींवसर को आरसीए का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया है. जनरल बॉडी मीटिंग में सर्वसम्मति से ये फैसला लिया गया, जिनके सामने सबसे बड़ी चुनौती क्रीड़ा परिषद के साथ एमओयू और सहकारिता विभाग की जांच की होगी. हालांकि, कार्यवाहक अध्यक्ष बनने के साथ ही खींवसर ने उनका समाधान निकालने की बात कही है. साथ ही आईपीएल मुकाबलों को लेकर कहा कि स्पोर्ट्स काउंसिल, खेल मंत्री और सरकार से बात करेंगे. बीसीसीआई से चर्चा करेंगे और पूरा प्रयास यही रहेगा कि आरसीए का भी आईपीएल में इंवॉल्वमेंट हो.

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बाद अब प्रदेश के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय खींवसर के सिर आरसीए का ताज सजा है. जयपुर के केएल सैनी स्टेडियम में हुई एजीएम में आरसीए के कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर चुने गए धनंजय खींवसर ने सभी मार्गदर्शक और जिला संघ के सदस्यों को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वो सब को साथ लेकर प्रयास करेंगे कि राजस्थान में क्रिकेट का नया सूर्योदय हो.

खेल जगत में जो भी खिलाड़ी हैं वो आगे बढ़कर देश और प्रदेश का नाम रोशन करें और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का किसी के साथ भी टकराव न हो. जहां तक आईपीएल मुकाबलों का सवाल है तो बहुत जल्द क्रीड़ा परिषद से भी बात की जाएगी और बीसीसीआई से भी संपर्क करेंगे. वहीं, उन्होंने कहा कि एमओयू क्यों खत्म हुआ उसे पहले रिन्यू क्यों नहीं किया गया, ऐसी किसी भी पुरानी बात पर वो कुछ नहीं कहना चाहेंगे, लेकिन सकारात्मक के साथ आगे बढ़ते हुए स्पोर्ट्स काउंसिल और सरकार से बात करेंगे और नया एमओयू ड्राफ्ट करके बहुत जल्द सरकार के साथ ज्वाइंट अंडरस्टैंडिंग पर आएंगे. जहां तक आरसीए पर चल रहे बकाए का सवाल है तो अभी पद संभाला ही है. जल्द इसका भी जवाब देंगे.

पढ़ें : अशोक गहलोत ने सरकार को घेरा, कहा- क्रिकेट के प्रति भावना नहीं, RCA पर कब्जा करना चाहते हैं, खेल मंत्री का पलटवार

उन्होंने कहा कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का जब किसी के साथ तनाव या टकराव होता है तो सबसे पहले खिलाड़ी और क्रिकेट का नुकसान होता है. राज्य सरकार स्पोर्ट्स काउंसिल और खेल मंत्री से बात करेंगे, जल्द एमओयू और सहकारी विभाग की ओर से हो रही इंक्वारी जैसी बातों का समाधान निकाला जाएगा. प्रयास यही रहेगा कि खिलाड़ियों का फायदा हो और क्रिकेट आगे बढ़े. उन्होंने कहा कि वैभव गहलोत ने भी दो-तीन साल आरसीए की कमान संभाली है. उनको भी अनुभव है, वो भी यदि सकारात्मक ऊर्जा से साथ जुड़े तो उनका भी स्वागत करना चाहेंगे.

खींवसर ने बताया कि वो खुद स्कूल में क्रिकेट खेला करते थे. स्क्वैश खेल के राजस्थान अंडर-19 के कप्तान भी रहे. मलेशियन इंटरनेशनल ओपन और सिंगापुर इंटरनेशनल ओपन जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में प्रतिनिधित्व भी किया है और एक प्लेयर की क्या आवश्यकता है, वो बहुत गंभीरता से समझते हैं. वो बस यही आश्वस्त करना चाहते हैं कि राजस्थान में जो भी क्रिकेट को लेकर कंट्रोवर्सी रही है, उसे दूर किया जाए और क्रिकेट का एक नया सूर्योदय हो. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि बहुत ही जल्द चुनाव की तारीख भी घोषित कर दी जाएगी और यही वो भी चाहते हैं.

उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार स्पोर्ट्समैन परिवार है. गजेंद्र सिंह उनके पिता हैं. वो हमेशा उनके मार्गदर्शक रहेंगे, लेकिन धनंजय खींवसर का भी अपना एक व्यक्तित्व है. बीते 15-20 साल से वे भी संघर्ष करते आ रहे हैं. खींवसर में एक फाउंडेशन भी चलाते हैं, जिसके 14 समानांतर प्रोजेक्ट भी चलते हैं. उनमें से एक प्रोजेक्ट का नाम खेलो मारवाड़ है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों क्रिकेट किट बांटे हैं. बीते दो ढाई साल से वो नागौर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं. उनका कोई एजेंडा नहीं है. एक प्रयास यही है कि क्रिकेट में किसी तरह का राजनीतिकरण ना हो और भेदभाव पक्षपात न हो.

धनंजय ने कहा कि कई बार सुनने में आया है कि कई सालों से प्लेयर के सलेक्शन क्राइटेरिया पर सवाल उठे हैं. प्रयास रहेगा की फेयर सलेक्शन हो और सबको साथ लेकर क्रिकेट को आगे बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि एक चिंता का विषय रहा है कि कई इंटरनेशनल लेवल के प्लेयर दूसरे राज्यों से जाकर खेल रहे थे. ऐसा क्यों हुआ इसका ध्यान रखेंगे और प्रयास रहेगा कि राजस्थान के खिलाड़ी प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए देश और प्रदेश का नाम रोशन करें.

आपको बता दें कि फाइनेंशियल मैनेजमेंट और चुनाव प्रक्रिया को लेकर सहकारी समिति रजिस्ट्रार की ओर से पूछे गए सवालों पर आरसीए की ओर से 29 फरवड़ी और 4 मार्च को जवाब पेश किया जा चुका है. हालांकि, उन जवाबों पर सहमति नहीं बनी है. ऐसे में अब 12 मार्च को अंतिम बार जवाब पेश करने का समय दिया है. इस जवाब में खर्चों का ब्योरा देना है, लेकिन आरसीए ने दोनों बार कहा है कि उनके कार्यालय के दस्तावेज खेल परिषद ने ताले में बंद कर दिए हैं. ऐसे में जवाब कैसे दिया जाएगा. वहीं, सहकारिता विभाग आरसीए के बकाया और खेल परिषद के साथ हुए एमओयू को लेकर भी जांच कर रहा है. इस बीच अब नए कार्यवाहक अध्यक्ष का एलान हो चुका है, जिनके सामने सबसे बड़ी चुनौती एमओयू और सहकारिता विभाग की जांच की ही होगी.

Last Updated : Mar 9, 2024, 7:06 PM IST
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