शिमला: संजौली में शुरू हुआ अवैध मस्जिद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. स्थानीय लोग और हिंदू संगठन 11 सितंबर को सुबह 11 बजे संजौली में जुटने का ऐलान कर चुके हैं. लिहाजा सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस भी तैयारी में जुट गई है. हिमाचल पुलिस के डीजीपी अतुल वर्मा ने पुलिस के पूरी तरह से तैयार होने की बात कही है. डीजीपी ने बताया "इसे हम स्थानीय विवाद समझ रहे हैं. संजौली मस्जिद विवाद को लेकर बैठक हुई है और संबंधित लोगों के साथ चर्चा हुई है."
डॉ. वर्मा ने कहा मामले को लेकर "इंटेलिजेंस इनपुट लिया गया है और स्थिति के अनुसार तैयारी की गई है. शरारती तत्वों पर पुलिस की नजर रहेगी." डीजीपी ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और अगर किसी को कोई संदेह है तो पुलिस को शिकायत करें.
डीजीपी ने कहा "बुधवार को शिमला में होने वाले प्रदर्शन के लिए तैयारियां पूरी हैं. किसी भी शख्स को कानून का उल्लंघन करने नहीं दिया जाएगा. अगर कोई उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. अभी स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में है."
वहीं, लोगों द्वारा हिमाचल के बाहर से आने वाले लोगों की खुद से वेरिफिकेशन करने पर डीजीपी ने लोगों से अपील करते हुए कहा "यह काम प्रशासन का है. अगर किसी को कोई शख्स संदिग्ध लगता है तो कृपया इसकी जानकारी प्रशासन को दी जाए."
कैसे आया संजौली मस्जिद विवाद का मामला
शिमला के मल्याणा क्षेत्र में विक्रम सिंह नामक 37 साल के व्यक्ति के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की. झगड़े में विक्रम सिंह के सिर में गंभीर चोटें आई और 14 टांके लगे. ढली पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और आरोपियों को दबोच लिया.
आरोपियों में दो तो नाबालिग थे. विक्रम सिंह की तरफ से ढली थाने में दर्ज की गई रिपोर्ट में बताया गया कि वो 30 अगस्त की रात साढ़े आठ बजे वह अपना लोक मित्र केंद्र बंद कर घर जा रहा था. वहां एक लड़का शोर मचा रहा था. विक्रम ने उसे रोका तो वहां मोहम्मद गुलनवाज अपने अन्य साथियों के साथ आया और विक्रम को घेर कर मारपीट करने लगे. एक लड़के ने डंडे से सिर पर प्रहार किया. मारपीट के बाद स्थानीय लोगों ने ये आरोप लगाया कि आरोपी मारपीट के बाद संजौली में बनी मस्जिद में छिप गए और उसके बाद स्थानीय लोग वहां एकत्रित हुए और अवैध मस्जिद के निर्माण को लेकर प्रदर्शन करने लगे.