जयपुर: राजस्थान में 13 नवंबर को विधानसभा उपचुनाव को लेकर मतदान होना है. वहीं, 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी है, जो अबूझ सावा भी कहलाता है. इस दिन प्रदेश में करीब 30 से 35 हजार शादियां होने का आकलन किया जा रहा है. ऐसे में मतदान प्रभावित होने, विशेषकर हिंदू समाज के मतदाताओं का वोटिंग परसेंटेज कम होने के आसार जताए जा रहे हैं.
चुनाव आयोग ने राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव मतदान की तारीख 13 नवंबर तय की है. प्रदेश में झुंझुनू, रामगढ़, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, सलूंबर और चौरासी में उपचुनाव होने हैं. इससे एक दिन पहले ही देवउठनी एकादशी है. देवोत्थान एकादशी पर अबूझ सावा होता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार अबूझ सावे पर पूरे दिन शादियां, धार्मिक-पारिवारिक उत्सव होते है. ऐसे में संत समाज ने देव उठनी एकादशी के अगले दिन राजस्थान में उपचुनाव को लेकर आपत्ति जताते हुए, तारीख बदलने की बात कही है.
ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री ने बताया कि देव प्रबोधन का मतलब होता है प्रजा को खुशहाली का समय दिया जाना. ये प्रजा के लिए अभय पर्व है और यदि इस दौरान इलेक्शन रहते हैं, तो इसका सीधा असर मतदान पर पड़ेगा. जबकि मतदाताओं को अपने मत का प्रयोग करने का पूर्ण अवसर मिलना चाहिए. वहीं, ज्योतिषाचार्य प्रो. सुरेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि 4 महीने देवशयन काल में विवाह आदि शुभ कार्य वर्जित होते हैं. एकादशी होने से हिंदू सनातनियों के लिए बड़ा त्योहार है. इस दिन अबूझ मुहूर्त होने से राजस्थान में लगभग हजारों शादियां होंगी. उन दिनों व्यस्तता भी ज्यादा रहेगी, जिसका असर मतदान पर पड़ सकता है.
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आपको बता दें कि बीते साल विधानसभा चुनाव के दौरान भी राजस्थान में पहले देवउठनी एकादशी के दिन यानी 23 नवंबर को मतदान की तिथि घोषित की गई थी, जिसका जमकर विरोध भी हुआ था. बाद में भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान तिथि में बदलाव करते हुए 25 नवंबर को मतदान की तारीख घोषित की थी. इस बार देवउठनी एकादशी के ठीक अगले दिन उपचुनाव के मतदान का एलान किया गया है.