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Delhi Zoo में गुवाहाटी से लाए गए टाइगर और गैंडा, जानिए किस दिन देख सकेंगे पर्यटक - Delhi Zoo Rhinoceros And Tiger

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 16, 2024, 4:52 PM IST

असम के गुवाहाटी से एनिमल एक्शन प्रोग्राम के तहत एक मेल गैंडा और एक मेल बंगाल टाइगर दिल्ली जू लाया गया है. इन जानवरों को अभी क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. जहां डॉक्टरों की एक टीम इन पर नजर रख रही है.

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दिल्ली जू में नए जानवर (File Photo)

नई दिल्ली: दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में एनिमल एक्शन प्रोग्राम के तहत असम के गुवाहाटी से गैंडा, बाघ और धनेश पक्षी लाया गया है. लेकिन इन मेहमान जानवर व पक्षियों को पर्यटक 21 दिन बाद देख सकेंगे. दरअसल, इन जानवरों और पक्षियों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. जहां डॉक्टरों की टीम इन जानवरों और पक्षियों की स्वास्थ्य और व्यवहार पर नजर रख रही है.

दिल्ली के मथुरा रोड स्थित नेशनल जूलॉजिकल पार्क में 84 से अधिक प्रजाति के पशु पक्षी हैं. यहां पर रोजाना इन पशु पक्षियों को देखने के लिए हजारों पर्यटक आते हैं. कई जानवर और पश्चियन ऐसे हैं, जो अकेले हैं या सिंगल सेक्स के हैं. ऐसे में उनके प्रजनन नहीं हो रहा है और उनकी संख्या नहीं बढ़ रही है. एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दिल्ली जू से माहेश्वरी नाम की फीमेल गैंडा, वर्षा नाम की एक फीमेल बंगाल टाइगर और एक जोड़ा नीला पीला मकई, तीन जोडे पेंटेड स्टार और 11 जोड़ी काला सफेद मृग असम के गुवाहाटी जू में भेजा गया. बदले में गुवाहाटी जू से 4 साल उम्र का एक मेल गैंडा जिसका नाम धर्मेंद्र है और सनातन नाम का 11 साल का एक मेल बंगाल टाइगर दिल्ली जू लाया गया है. इसके साथ ही काला बतख और 1 जोड़ी धनेश पक्षी लाया गया है.

दिल्ली जू के अधिकारियों के मुताबिक, जानवरों और पक्षियों को जू के अंदर क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. जगह बदलने के कारण ये जानवर व पक्षी बीमार न हों इसकी डॉक्टरों द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है. क्वॉरेंटाइन में रखने से बाहर के जू की कोई बीमारी भी यहां के जानवरों में नहीं फैलेगी. यदि बाहर से आए जानवर या पक्षी बीमार पड़ते हैं तो उनका इलाज भी किया जा सकेगा साथ ही उनके स्वभाव की भी मॉनिटरिंग की जा रही है.

नई दिल्ली: दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में एनिमल एक्शन प्रोग्राम के तहत असम के गुवाहाटी से गैंडा, बाघ और धनेश पक्षी लाया गया है. लेकिन इन मेहमान जानवर व पक्षियों को पर्यटक 21 दिन बाद देख सकेंगे. दरअसल, इन जानवरों और पक्षियों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. जहां डॉक्टरों की टीम इन जानवरों और पक्षियों की स्वास्थ्य और व्यवहार पर नजर रख रही है.

दिल्ली के मथुरा रोड स्थित नेशनल जूलॉजिकल पार्क में 84 से अधिक प्रजाति के पशु पक्षी हैं. यहां पर रोजाना इन पशु पक्षियों को देखने के लिए हजारों पर्यटक आते हैं. कई जानवर और पश्चियन ऐसे हैं, जो अकेले हैं या सिंगल सेक्स के हैं. ऐसे में उनके प्रजनन नहीं हो रहा है और उनकी संख्या नहीं बढ़ रही है. एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दिल्ली जू से माहेश्वरी नाम की फीमेल गैंडा, वर्षा नाम की एक फीमेल बंगाल टाइगर और एक जोड़ा नीला पीला मकई, तीन जोडे पेंटेड स्टार और 11 जोड़ी काला सफेद मृग असम के गुवाहाटी जू में भेजा गया. बदले में गुवाहाटी जू से 4 साल उम्र का एक मेल गैंडा जिसका नाम धर्मेंद्र है और सनातन नाम का 11 साल का एक मेल बंगाल टाइगर दिल्ली जू लाया गया है. इसके साथ ही काला बतख और 1 जोड़ी धनेश पक्षी लाया गया है.

दिल्ली जू के अधिकारियों के मुताबिक, जानवरों और पक्षियों को जू के अंदर क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. जगह बदलने के कारण ये जानवर व पक्षी बीमार न हों इसकी डॉक्टरों द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है. क्वॉरेंटाइन में रखने से बाहर के जू की कोई बीमारी भी यहां के जानवरों में नहीं फैलेगी. यदि बाहर से आए जानवर या पक्षी बीमार पड़ते हैं तो उनका इलाज भी किया जा सकेगा साथ ही उनके स्वभाव की भी मॉनिटरिंग की जा रही है.

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