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दिल्ली के स्कूल रोकेंगे प्रदूषण! शिक्षा निदेशालय का आदेश- धूल को उड़ने से रोकने के लिए पानी का करें छिड़काव

सर्दियां आते ही दिल्ली में प्रदूषण की समस्या गंभीर हो जाती है. इसे लेकर शिक्षा निदेशालय ने विस्तृत कार्य योजना तैयार की है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 11, 2024, 2:03 PM IST

नई दिल्ली: जैसे-जैसे सर्दियों का मौसम दिल्ली में दस्तक देता है, वायु प्रदूषण एक बार फिर से एक गंभीर समस्या के रूप में उभर आता है. इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों में प्रदूषण को नियंत्रित करना और छात्रों को इसके प्रति जागरूक करना है.

धूल नियंत्रण के उपाय: दिल्ली के स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने परिसरों के खुले क्षेत्रों में धूल को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव करें. पानी का छिड़काव धूल को कम करने में मदद करेगा, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होगा. इसके साथ ही, स्कूलों को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे छात्रों को पटाखों के नुकसान के प्रति जागरूक करें. ताकि वायु में और अधिक प्रतिकूल तत्वों का समावेश न हो. यह दोनों उपाय न केवल पर्यावरण की रक्षा में योगदान देंगे, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में भी सहायक होंगे.

शीतकालीन कार्य योजना 2024: शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, सभी सरकारी और निजी स्कूलों को शीतकालीन कार्य योजना 2024 को लागू करना होगा. इस योजना में 18 सूत्री कार्य योजना शामिल है, जिसे वायु प्रदूषण नियंत्रण पर कार्य योजना की श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया (GRAP) के तहत लागू किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में पटाखे बैन!, ऐलान के एक महीने बाद भी नोटिफिकेशन नहीं हुई जारी, बिगड़ेगी हवा

इस योजना के अंतर्गत विद्यालयों को एक मासिक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जो यह सुनिश्चित करेगी कि सभी उपाय सही तरीके से लागू हो रहे हैं. इस तरह के मोनिटिरिंग तंत्र से न केवल स्कूलों की जिम्मेदारी बढ़ेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि प्रदूषण के खिलाफ उठाए गए कदम प्रभावी हैं.

छात्रों की भूमिका: इस योजना का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू छात्रों की सक्रिय भागीदारी है. उन्हें प्रदूषण के खतरों और उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में जागरूक किया जाएगा. विद्यालयों में कार्यशालाएं, सेमिनार और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जहां छात्रों को सही संदेश देने का प्रयास किया जाएगा.

दिल्ली के स्कूलों में सर्दियों में प्रदूषण नियंत्रण की नई योजना न केवल पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह हमें यह समझने का अवसर भी प्रदान करती है कि हम सभी को मिलकर अपने स्वास्थ्य और स्थायी भविष्य के लिए क्या करना चाहिए. यदि सही तरीके से कार्यान्वित किया जाए, तो यह योजना प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने में एक प्रभावी साधान साबित हो सकती है

यह भी पढ़ें- CM केजरीवाल के आवास पर आतिशबाजी, बीजेपी ने AAP सरकार को घेरा

नई दिल्ली: जैसे-जैसे सर्दियों का मौसम दिल्ली में दस्तक देता है, वायु प्रदूषण एक बार फिर से एक गंभीर समस्या के रूप में उभर आता है. इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों में प्रदूषण को नियंत्रित करना और छात्रों को इसके प्रति जागरूक करना है.

धूल नियंत्रण के उपाय: दिल्ली के स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने परिसरों के खुले क्षेत्रों में धूल को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव करें. पानी का छिड़काव धूल को कम करने में मदद करेगा, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होगा. इसके साथ ही, स्कूलों को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे छात्रों को पटाखों के नुकसान के प्रति जागरूक करें. ताकि वायु में और अधिक प्रतिकूल तत्वों का समावेश न हो. यह दोनों उपाय न केवल पर्यावरण की रक्षा में योगदान देंगे, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में भी सहायक होंगे.

शीतकालीन कार्य योजना 2024: शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, सभी सरकारी और निजी स्कूलों को शीतकालीन कार्य योजना 2024 को लागू करना होगा. इस योजना में 18 सूत्री कार्य योजना शामिल है, जिसे वायु प्रदूषण नियंत्रण पर कार्य योजना की श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया (GRAP) के तहत लागू किया जाएगा.

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इस योजना के अंतर्गत विद्यालयों को एक मासिक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जो यह सुनिश्चित करेगी कि सभी उपाय सही तरीके से लागू हो रहे हैं. इस तरह के मोनिटिरिंग तंत्र से न केवल स्कूलों की जिम्मेदारी बढ़ेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि प्रदूषण के खिलाफ उठाए गए कदम प्रभावी हैं.

छात्रों की भूमिका: इस योजना का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू छात्रों की सक्रिय भागीदारी है. उन्हें प्रदूषण के खतरों और उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में जागरूक किया जाएगा. विद्यालयों में कार्यशालाएं, सेमिनार और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जहां छात्रों को सही संदेश देने का प्रयास किया जाएगा.

दिल्ली के स्कूलों में सर्दियों में प्रदूषण नियंत्रण की नई योजना न केवल पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह हमें यह समझने का अवसर भी प्रदान करती है कि हम सभी को मिलकर अपने स्वास्थ्य और स्थायी भविष्य के लिए क्या करना चाहिए. यदि सही तरीके से कार्यान्वित किया जाए, तो यह योजना प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने में एक प्रभावी साधान साबित हो सकती है

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